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कृष्णागिरि लोकसभा क्षेत्र: AIDMK का मजबूत गढ़, कांग्रेस भी है मैदान में

2014 लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके के के. अशोक कुमार 2,06,591 वोटों से जीतकर कृष्णागिरि से सासंद बने. इस सीट पर 2014 में एआईएडीएमके को 44.97 फीसदी, डीएमके को 25.64 और कांग्रेस को 3.64 फीसदी वोट मिले.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पनीरसेल्वम (इंडिया टुडे आर्काइव फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पनीरसेल्वम (इंडिया टुडे आर्काइव फोटो)

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तमिलनाडु की कृष्णागिरि सीट 39 लोकसभा क्षेत्रों में एक है. यहां छह विधानसभा सीटें हैं. इस सीट की क्रमांक संख्या 9 है. चुनाव आयोग के 2009 के आंकड़ों के मुताबिक इस सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 1,014,758 है जिसमें 494,915 महिला और 519,843 पुरुष मतदाता हैं. कृष्णगिरि संसदीय क्षेत्र का हेडक्वार्टर कृष्णगिरि शहर में है जो बेंगलुरु से 90 किलोमीटर दूर है. इस जिले में 5 तालुका और 700 गांव हैं. यह जिला 5,130 वर्ग किमी में फैला है जो आंध्र प्रदेश के बॉर्डर से लगता है. इस संसदीय क्षेत्र में तमिल और कन्नड़ भाषा बोली जाती है.

इस सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान है. पिछले चुनाव में ऑल इंडिया अन्नाद्रमुक मुनेत्र कड़गम के उम्मीदवार अशोक कुमार ने जीत दर्ज की. उन्होंने डीएमके प्रत्याशी चिन्ना पिलप्पा को हराया. इस बार एआईएडीएमके ने केपी मुनूसामी को टिकट दिया है. नाम तमिलार काची की ओर से एन. मधुसूदनन उम्मीदवार हैं. मक्कल निधि मैयम ने श्रीकुरन्या सुब्रह्मणियम को उतारा है.   

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कृष्णागिरि लोकसभा सीट पर 1971 से 1991 तक कांग्रेस का दबदबा रहा. यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी लेकिन धीरे-धीरे डीएमके ने इस सीट पर प्रभाव जमा लिए. 1999 से 2009 तक लगातार तीन चुनावों से इस सीट पर डीएमके ने जीत हासिल की और ई.जी. सुगावनम दो बार सांसद बने. 2014 में एआईएडीएमके ने पहली बार सीट पर कब्जा किया और के. अशोक कुमार यहां से सांसद बने.

कृष्णागिरि लोकसभा सीट पर अब तक 13 बार चुनाव हुआ है. इसमें 6 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की तो वहीं तीन बार सीट पर डीएमके का कब्जा रहा है. यहां एक बार टीएमसी (एम) ने जीत दर्ज की, जबकि दो बार एआईएडीएमके को भी जीत मिली. 2014 लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके के के. अशोक कुमार 2,06,591 वोटों से जीतकर कृष्णागिरि से सासंद बने. इस सीट पर 2014 में एआईएडीएमके को 44.97 फीसदी, डीएमके को 25.64 और कांग्रेस को 3.64 फीसदी वोट मिले.

कृष्णागिरि में औसत साक्षरता दर 72 फीसदी है. पुरुष साक्षरता दर 79 फीसदी और महिला साक्षरता दर 64 प्रतिशत है. यहां अनुसूचित जाति (एससी) की जनसंख्या 14.22 फीसदी है तो अनुसूचित जनजाति (एसटी) की आबादी 1.19 फीसदी है. इस सीट के तहत 6 विधानसभाएं हैं. इनमें उथंगराई, बर्गर, कृष्णगिरि, वेप्पनाहाली, होसुर और थल्ली शामिल हैं. 2016 विधानसभा चुनावों में राज्य की दो बड़ी पार्टियों डीएमके और एआईएडीएमके में कांटे की टक्कर रही है. इनमें से एक तरफ जहां डीएमके के खाते में तीन सीटें हैं तो वहीं तीन सीटों पर एआईएडीएमके का कब्जा है.

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