scorecardresearch
 

लातूर लोकसभा सीट: चुनाव मैदान में 10 उम्मीदवार, कांग्रेस-बीजेपी में कांटे की टक्कर

Latur Lok Sabha Constituency महाराष्ट्र की लातूर सीट पर 2019 लोकसभा चुनाव के लिए 10 उम्मीदवार मैदान में हैं. लातूर लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन 2014 में बदलते चुनावी समीकरण के बीच इस सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी. ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनाव में एक तरफ जहां बीजेपी के लिए सीट पर जीतना प्रतिष्ठा की बात है तो वहीं कांग्रेस के लिए अपने गढ़ में वापसी करना चुनौती है.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर (इंडिया टुडे आर्काइव)
प्रतीकात्मक तस्वीर (इंडिया टुडे आर्काइव)

Advertisement

महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों पर चार चरण में मतदान होगा, जिसमें लातूर लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे.  2019 के लोकसभा चुनाव के लिए लातूर सीट से कुल 10 उम्मीदवार मैदान में हैं. लातूर सीट से कांग्रेस ने कामंत मछिंद्र को टिकट दिया है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सुधाकर तुकाराम श्रंगारे को चुनाव मैदान में उतारा है.

2019 लोकसभा चुनाव के लिए लातूर सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सिद्धार्थ कुमार दिगंबरराव सूर्यवंशी को प्रत्याशी घोषित किया है जबकि वंचित बहुजन आघाडी ने राम गरकार को टिकट दिया है. वहीं तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में उतरे हैं.

महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों पर 4 चरणों में मतदान होगा, जिसमें लातूर सीट पर दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे. महाराष्ट्र की 10 लोकसभा सीटों पर दूसरे चरण में मतदान होगा, जिसमें लातूर, उस्मानाबाद, बीड, नांदेड़, बुलढाणा, अकोला, अमरावती, हिंगोली, परभणी और सोलापुर में 18 अप्रैल को वोटिंग होगी.  

Advertisement

लातूर लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, लोकसभा स्पीकर शिवराज पाटिल लातूर लोकसभा से लगातार 7 बार कांग्रेस के टिकट से सांसद बने. 2004 में इन्हें हार मिली तो राज्यसभा के रास्ते संसद पहुंचे और मनमोहन सिंह सरकार में गृहमंत्री बने. वहीं इतिहास की बात करें तो लातूर लोकसभा सीट पर 1962 में पहली बार चुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस के तुलसीराम कांबले सांसद निर्वाचित हुए. वे लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से सांसद चुने गए.  हालांकि 1977 में आपातकाल खत्म होने के बाद कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.

इसके बाद एक बार फिर से कांग्रेस का दौर शुरू हुआ और शिवराज पाटिल लातूर सीट पर 1980 से 2004 तक लगातार 24 सालों तक काबिज रहे. शिवराज पाटिल लातूर सीट से 7 बार सांसद बने. 2004 के लोकसभा चुनाव में शिवराज पाटिल को हार मिली और सीट पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया. हालांकि 2009 में एक बार फिर लातूर सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की और जयवंत अवाले सांसद बने, लेकिन 2014 में बदलते समीकरण के बीच बीजेपी ने जीत दर्ज की और डॉ. सुनील गायकवाड़ सांसद बने.

ऐसे में बदलते समीकरण के बीच 2019 लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों ने भी लातूर सीट से अपने नए उम्मीदवारों को टिकट दिया है. देखना दिलतस्प होगा कि इस बार जनता लातूर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार को ही सत्ता में वापस लाती है या कांग्रेस को अपना गढ़ वापस मिलेगा.

Advertisement

चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर

Advertisement
Advertisement