तमिलनाडु के चिदंबरम में लोकसभा चुनाव के लिए गुरुवार को वोट डाले गए. यहां के मतदाता दूसरे चरण की वोटिंग के तहत अपने वोट का इस्तेमाल किए. चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक राज्य में 71.87 फीसदी मतदान हुआ. वहीं चिदंबरम में 77.72 फीसदी वोटिंग हुई. वोटों की गिनती 23 मई को होगी.
इस सीट पर कुल 13 उम्मीदवार मैदान में है. ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) यहां पी चंद्रशेखर को उम्मीदवार बनाया है. जबकि इस सुरक्षित लोकसभा सीट पर Thol. Thirumalavan को विदुथलाई चिरुथिगाल काची (VCK) पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया है. वहीं एनटीके से M Sivajothi और MNM ने टी रवि को उम्मीदवार बनाया है.
चिदंबरम लोकसभा सीट पर 2014 के चुनाव में कुल 78.85 फीसदी वोट पड़े थे. जबकि 2009 में इस सीट पर 77.16 फीसदी वोटिंग हुई थी.
2014 के लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके के एम. चंद्रकासी ने यहां जीत दर्ज की थी. चंद्रकासी को यहां 4,29,536 वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर वीसीके पार्टी के थिरूमावलावन रहे, जिन्हें 3,01,041 वोट मिले थे. 2009 में यह सीट वीसीके पार्टी के पास थी, लेकिन 2014 में एआईएडीएमके ने यहां से दूसरी बार जीत दर्ज की थी.
1957 से अब तक सबसे ज्यादा 5 बार कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की, जबकि चार बार डीएमके ने यहां से विजय हासिल की है. एआईएडीएमके को सिर्फ दो बार ही यहां जीत मिल सकी है.
सामाजिक तानाबाना
चिदंबरम सीट पर कुल मतदाता 13.66 लाख से ज्यादा हैं. जिसमें पुरुषों का प्रतिशत 50 से थोड़ा ज्यादा जबकि महिलाओं का फीसद 49.72 है. प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की तादाद 989 है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
तमिलनाडु की ज्यादातर सीटों के उलट यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. 1957 और 1962 में यहां कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की थी. 1967 में डीएमके ने यहां पहली बार जीत हासिल की. यह सिलसिला 1971 में भी जारी रहा. 1977 में एआईएडीएमके ने यहां जीत दर्ज की. हालांकि, 1980 में डीएमके ने फिर यह सीट छीन ली.
1984, 89 और 91 में एक बार फिर कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा रहा. 1996 के आम चुनाव में डीएमके ने फिर वापसी की और यहां जीत दर्ज की. 1998, 99 और 2004 में पीएमके ने यहां जीत हासिल की. जबकि 2009 के आम चुनावों में वीसीके नाम की पार्टी ने यहां का किला फतह किया. 2014 में मोदी लहर के बावजूद एआईएडीएमके ने लंबे समय के बाद यहां वापसी करते हुए यहां जीत हासिल की.
विधानसभा सीटों का समीकरण
चिदंबरम लोकसभा सीट के तहत 6 विधानसभा सीटें आती हैं. ये हैं- कन्नम, भुवनगिरि, कट्टूमन्नारकोइल (सुरक्षित), चिदंबरम, अरियालूर और जयमकोंडम. इस इलाके में 2016 के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भुवनगिरि सीट को छोड़कर बाकी पांचों विधानसभा सीटें अपनी झोली में डाल ली थीं.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
एआईएडीएमके के एम. चंद्रकासी यहां से पहली बार 2014 में लोकसभा सांसद बने. उनकी शैक्षणिक योग्यता परा स्नातक है. वे ऊर्जा मंत्रालय की स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य हैं. 6 फरवरी, 2019 के आंकड़ों के मुताबिक लोकसभा में उनकी उपस्थिति 77 फीसदी रही है. उन्होंने 22 बहसों में हिस्सा लेते हुए इस दौरान 310 प्रश्न पूछे. उन्होंने अपनी सांसद निधि से ज्यादा 102.13 फीसदी रकम अपने क्षेत्र के विकास पर खर्च की.
दरअसल पूर्वी तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले की चिदंबरम सीट कई मायनों में अहम है. यह शहर थिलाई नटराज मंदिर के लिए मशहूर है. यहां अन्नामलाई यूनिवर्सिटी भी है, जो राज्य का पुराना और प्रमुख विश्वविद्यालय है. किसी जमाने में चोल, पल्लव, पांड्या, विजयनगर साम्राज्य और बाद में ब्रिटिश राज किया करते थे. इस इलाके का इतिहास गौरवशाली रहा है. 2004 में आई सुनामी ने यहां बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी. मछली पकड़ने और जहाजरानी से जुड़े व्यवसाय के अलावा केमिकल, फार्मोकोलॉजी से जुड़ी इंडस्ट्री काम करती हैं. जहां तक बात राजनीति की है तो इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है.
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