scorecardresearch
 

अनंतनाग लोकसभा सीट पर कम मतदान, 12 फीसदी लोगों ने डाले वोट

जम्मू और कश्मीर की अनंतनाग सीट पर 18  प्रत्याश‍ियों के बीच जीत की कशमकश चल रही है. राज्य के अनंतनाग लोकसभा सीट पर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच कांटे का मुकाबला होता है. बीजेपी के प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाते हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में अनंतनाग लोकसभा सीट पर पीडीपी से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती फ‍िर से सांसद का चुनाव जीतने के ल‍िए मैदान में हैं. इनका मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी से होगा. कांग्रेस ने गुलाम अहमद मीर तो वहीं बीजेपी ने सोफी यूसुफ को खड़ा क‍िया है.

Advertisement
X
उधमपुर में वोट डालने के बाद मीडिया से मुखातिब मतदाता (फोटो-पीटीआई)
उधमपुर में वोट डालने के बाद मीडिया से मुखातिब मतदाता (फोटो-पीटीआई)

Advertisement

जम्मू और कश्मीर की अनंतनाग लोकसभा सीट पर तीन चरणों में मतदान है. मंगलवार को यहां की कुछ पोलिंग स्टेशन पर मतदान हुआ. 29 अप्रैल और 6 मई को यहां की बाकी बची बूथों पर मतदान होगा. आतंकवादियों की धमकी का असर यहां मतदान पर देखने को मिला. मंगलवार यहां पर 12.86 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 28.42 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ था. यहां से 18 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. 

राज्य की अनंतनाग लोकसभा सीट पर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच कांटे का मुकाबला होता रहा है. जम्मू-कश्मीर की इस सीट से बीजेपी के प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाते हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में अनंतनाग लोकसभा सीट पर पीडीपी से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती फ‍िर से एमपी का चुनाव जीतने के ल‍िए मैदान में हैं. इनका मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी से है. कांग्रेस ने गुलाम अहमद मीर तो वहीं बीजेपी ने सोफी यूसुफ को खड़ा क‍िया है.

Advertisement

लोकसभा चुनाव अपडेट्स

जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत मतदान कराया गया. कड़ी सुरक्षा में कराए गए मतदान में यहां पर बेहद कम वोटिंग हुई. यहां पर महज 12.46 फीसदी लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया. दूसरी ओर तीसरे चरण में 117 संसदीय सीटों पर 61.31 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. उत्तर प्रदेश में 10 संसदीय सीटों पर औसतन 56.36 फीसदी मतदान हुआ. 5 बजे तक हुई पश्चिम बंगाल में 78.94 फीसदी वोटिंग हुई. यह अंतिम आंकड़ा नहीं है और इसमें बदलाव हो सकता है. 4 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेशों में 70 फीसदी से ज्यादा वोट पड़े.

- 3 बजे तक अनंनतनाग संसदीय सीट पर दोपहर 3 बजे तक 11.22 फीसदी मतदान हो चुका है. तीसरे चरण के तहत 13 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 117 संसदीय सीटों पर कराए जा रहे मतदान में अब तक 51.15 फीसदी वोटिंग हो चुकी है.

- अनंतनाग संसदीय सीट पर जिले के बिज्बेहरा पोलिंग स्टेशन पर पीडीपी के समर्थकों ने नेशनल कॉफ्रेंस के पोलिंग एजेंट को फर्जी मतदान कराए जाने का आरोप लगाए जाने के बाद उसकी जमकर धुनाई कर दी.

Advertisement

- आतंक से प्रभावित जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग लोकसभा सीट पर मतदाताओं का रुझान कम दिख रहा है. दोपहर 1 बजे तक अनंनतनाग में 9.63 फीसदी मतदान हो चुका है. वहीं देश में तीसरे चरण में कराए जा रहे मतदान में 117 संसदीय सीटों पर अब तक 37.89 फीसदी मतदान हो चुका है.

-सुबह 11 बजे तक अनंतनाग में 4.79 फीसदी मतदान हो चुका है.

प्रचार के दौरान ऐसा रहा माहौल

28 मार्च को इस सीट पर नॉम‍िनेशन भरने के बाद से इलाके में राजनीत‍िक दलों का प्रचार शुरू हो गया था. अपने प्रत्याश‍ियों को ज‍िताने के ल‍िए राजनीत‍िक दलों के द‍िग्गजों ने रैली और सभाओं को आयोजन क‍िया. मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार थमा तो प्रत्याश‍ियों ने घर-घर जाकर संपर्क क‍िया. प्रत्याश‍ियों की मेहनत क्या रंग लाती है, ये तो 23 मई को पता लगेगा.

उम्मीदवारों के प्रोफाइल के बारे में पढ़ें- अनंतनाग: दो साल से टल रहे उपचुनाव, मुफ्ती और मसूदी में सीधा मुकाबला

देश में 17वीं लोकसभा के ल‍िए 543 लोकसभा सीटों के ल‍िए सात चरणों में मतदान होगा. 10 मार्च को लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा हुई थी. 28 मार्च को इस सीट के ल‍िए नोट‍िफ‍िकेशन न‍िकला, 4 अप्रैल को नॉम‍िनेशन की अंत‍िम तारीख और 5 अप्रैल को उम्मीदवारों द्वारा द‍िए गए शपथपत्रों की स्क्रूटनी हुई. लोकसभा चुनाव 2019 के तीसरे चरण में 14 राज्यों की 117 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ. ज‍नता ने क‍िसको स‍िर पर बैठाया  इसका पता 23 मई को मतगणना के बाद पता चलेगा.

Advertisement

इस लोकसभा सीट के बारे में और जानने के ल‍िए पढ़ें- अनंतनाग सीट: यहां चुनाव कराना है चुनौती, दो साल से नहीं हो पाया उपचुनाव

जम्मू और कश्मीर का अनंतनाग लोकसभा सीट कई मायनों में अहम है. 2014 में इस सीट पर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जीत दर्ज की थी, लेकिन उनके इस्तीफे के दो साल तक इस सीट पर उपचुनाव नहीं हो पाया है. इसके पीछे घाटी में अशांति का माहौल जिम्मेदार है. चुनाव आयोग के अगर आंकड़ों को देखें तो 1996 में छह महीने के भीतर उपचुनाव कराने के कानून के बाद यह सबसे ज्यादा समय तक रिक्त रहने वाली सीट है. इस सीट से महबूबा के अलावा पीडीपी अध्यक्ष रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे मोहम्मद शफी कुरैशी भी सांसद बन चुके हैं. यह सीट पीडीपी का गढ़ है. 2014 में हुए विधानसभा चुनावों में अनंतनाग की 16 विधानसभा सीटों में से 11 सीटों पर पीडीपी जीती थी.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

1967 में वजूद में आई अनंतनाग सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार मोहम्मद शफी कुरैशी जीते थे. वह तीन बार (1967, 71 और 77) लगातार सांसद रहे. इसके बाद यह सीट जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के हिस्से में चली गई. 1980 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के गुलाम रसूल कोचक, 1984 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला और 1989 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के ही पीएल हंडू सांसद बने. 1996 में हुए चुनाव में इस सीट से जनता दल के टिकट पर मोहम्मद मकबूल सांसद चुने गए. इसके बाद 1998 में कांग्रेस के टिकट पर मुफ्ती मोहम्मद सईद जीतने में कामयाब हुए. 1999 में यह सीट फिर नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास आ गई और अली मोहम्मद नाइक सांसद बने. 2004 में इस सीट से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती जीतीं. 2009 में इस सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस के मिर्जा महबूब बेग जीते. 2014 के आम चुनाव में इस सीट से पीडीपी के टिकट पर महबूबा मुफ्ती दोबारा सांसद चुनी गई थीं.

Advertisement

सामाजिक तानाबाना

अनंतनाग लोकसभा सीट में 16 विधानसभा क्षेत्र (त्राल, शोपियां, देवसर, पंपोर, नूराबाद, डोरु, पहलगाम, वाची, पुलवामा, कुलगाम, कोकरनाग, बिजबेहारा, राजपोरा, होमशालीबुग, शानगुस, अनंतनाग) आते हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान इनमें से पीडीपी 11 सीटों (त्राल, शोपियां, पंपोर, नूराबाद, डोरु, कोकरनाग, बिजबेहारा, राजपोरा, अनंतनाग, वाची, कोकरनाग), नेशनल कॉन्फ्रेंस दो सीटों (पहलगाम, होमशालीबुग), कांग्रेस भी दो सीटों (देवसर, शानगुस) और सीपीई एक सीट (कुलगाम) पर जीतने में कामयाब हुई थी. इस सीट पर मतदाताओं की संख्या करीब 13 लाख है, जिनमें करीब 6.85 लाख पुरुष और 6.15 लाख महिला मतदाता शामिल हैं. पिछले तीन चुनावों से नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन के कारण कांग्रेस इस सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतार रही है. इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के बीच कड़ी टक्कर होती है. खास बात है कि पिछले तीन चुनावों के दौरान इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अपना जमानत तक नहीं बचा पाता है.

2014 का जनादेश

2014 के आम चुनाव में इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती दूसरी बार सांसद चुनी गई थीं. उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के मिर्जा महबूब बेग को करीब 65 हजार वोटों से पटखनी दी थी. महबूबा को करीब 2 लाख वोट मिले थे, जबकि मिर्जा महबूब को 1.35 लाख वोट मिले थे. इस सीट पर तीसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी तनवीर हुसैन खान 7340 वोट पाकर रहे थे. चौथे स्थान पर बीजेपी के मुश्ताक अहमद मलिक थे. उन्हें 4720 वोट मिले थे. वहीं, 2009 के चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के मिर्जा महबूब बेग ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने पीडीपी के पीर मोहम्मद हुसैन को मामूली अंतर से हराया था. मिर्जा महबूब बेग को 1.48 लाख और पीर मोहम्मद हुसैन को 1.43 लाख वोट मिले थे. इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी मोहम्मद सिदीक खान को 3918 वोट मिले थे.

Advertisement

अनंतनाग लोकसभा सीट का चुनाव हमेशा से सुरक्षाबलों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है. 2014 के चुनाव में यहां 28 फीसदी मतदान हुआ था. इस दौरान अनंतनाग के अलग-अलग हिस्सों में सुरक्षाबलों और स्थानीय लोगों के संघर्ष में करीब 25 जवान घायल थे. इस चुनाव से पहले त्राल और अवंतीपोरा में कई राजनीतिक हत्याएं भी हुई थी. 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी यहां छिटपुट हिंसाएं हुई थी. इस दौरान 27 फीसदी लोगों ने मतदान किया था. महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के बाद हिंसाओं को देखते हुए इस सीट पर अभी तक उपचुनाव नहीं कराया जा सका है. चुनाव आयोग ने 2017 के अप्रैल में यहां उपचुनाव कराने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में इसे निरस्त कर दिया गया था.

चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर

Advertisement
Advertisement