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दुर्ग लोकसभा सीट पर हुई 67.07 फीसदी वोटिंग

दुर्ग सीट पर आज तीसरे चरण में वोटिंग हुई. चुनाव आयोग के मुताबिक दुर्ग लोकसभा सीट पर 67.07 फीसदी मतदान हुआ. दुर्ग में मतदान शांतिपूर्ण रहा.

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सीएम भूपेश बघेल ने क‍िया मतदान (Photo:ANI)
सीएम भूपेश बघेल ने क‍िया मतदान (Photo:ANI)

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छत्तीसगढ़ की दुर्ग सीट पर आज तीसरे चरण में वोटिंग हुई. चुनाव आयोग के मुताबिक दुर्ग लोकसभा सीट पर 67.07 फीसदी मतदान हुआ. दुर्ग में मतदान शांतिपूर्ण रहा. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग के बूथ नंबर 55 पर अपने मतदान का प्रयोग क‍िया.

दुर्ग लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने विजय बघेल, कांग्रेस पार्टी ने प्रतिमा चंद्रकार, बहुजन समाज पार्टी ने गीताजंलि सिंह, भारतीय किसान पार्टी ने अनुराग सिंह, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्यूनिस्ट) ने आत्मा राम साहू, शिवसेना ने कमलेश कुमार, इंडिया प्रजा बंधु पार्टी ने ट्रेस्सा डेविड, भारत प्रभात पार्टी ने पीतांबर लाल निशाद को चुनाव मैदान में उतारा है. दुर्ग लोकसभा सीट पर इस बार कुल 21 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के ताम्रध्वज साहू ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने अपने करीबी प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी की सरोज पांडे को कड़े मुकाबले में हराया था. पिछले चुनाव में ताम्रध्वज साहू को 5 लाख 70 हजार 687 वोट मिले थे, जबकि भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी सरोज पांडे को 5 लाख 53 हजार 839 वोटों से संतोष करना पड़ा था. इस लोकसभा चुनाव में 67.09 फीसदी मतदान हुए थे.

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अगर साल 2009 के लोकसभा चुनाव की बात करें, तो भारतीय जनता पार्टी की सरोज पांडे ने जीत हासिल की थी. उन्होंने अपने करीबी प्रतिद्वंदी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार प्रदीप चौबे को हराया था. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में सरोज पांडे को 2 लाख 83 हजार 170 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के प्रदीप चौबे को 2 लाख 73 हजार 216    हासिल हुए थे. साल 2009 के चुनाव में दुर्ग लोकसभा सीट पर कुल 55.90 फीसदी वोट पड़े थे. अगर इतिहास पर नजर दौड़ाएं, तो अब तक इस सीट पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधे मुकाबला देखने को मिला है.

बीजेपी ने साल 1996 से 2009 तक दुर्ग लोकसभा सीट से लगातार 5 बार जीत दर्ज की, जिनमें से चार बार तारा चंद साहू ने जीत हासिल की. साल 2009 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तारा चंद साहू को बीजेपी द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. नतीजतन उन्होंने राज्य में तीसरा मोर्चा खोल दिया और छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच (CSM) की स्थापना की. इसके लिए उन्होंने गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेसी दलों को एकजुट करने की कोशिश की. उन्होंने 2009 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा. हालांकि, वे तीसरे पायदान पर रहे.

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छत्तीसगढ़ के पश्चिम में स्थित दुर्ग जिला राज्य का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र है. यह राज्य के सबसे महत्वपूर्ण और विकसित शहरों में से एक है. दुर्ग के पास भिलाई स्थित भिलाई स्टील प्लांट भारत का पहला और स्टील रेल का मुख्य उत्पादक है. महाभारत के प्रसिद्ध संगीतमय वर्णन 'पंडवानी' भी इस क्षेत्र की अहम पहचान है.

दुर्ग जिले का गठन एक जनवरी 1906 को रायपुर और बिलासपुर जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर कि‍या गया. उस समय राजनांदगांव और कबीरधाम (कवर्धा) जिले भी दुर्ग जिले के हिस्से हुआ करते थे. 26 जनवरी 1973 को जिला दुर्ग का विभाजन हुआ और अलग राजनांदगांव जिला अस्तित्व में आया. 6 जुलाई 1998 को जिला राजनांदगांव भी विभाजित हो गया और नया कबीरधाम जिला अस्तित्व में आया.

दुर्ग लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की नौ सीटें आती हैं. इनमें पाटन, दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, भिलाई नगर, वैशाली नगर, अहिवारा (एससी), साजा, बेमेतरा और नवागढ़ (एससी) शामिल हैं. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक दुर्ग की आबादी 33 लाख 43 हजार 079 है. इस लोकसभा सीट पर 2014 में पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 45 हजार 656 थी, जिनमें से 6 लाख 60 हजार 504 ने वोट डाला था.

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