असम की कोकराझार लोकसभा सीट पर 9 प्रत्याशियों का भाग्य दांव पर लगा है. लोकसभा चुनाव 2019 में असम की कोकराझार लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे निर्दलीय उम्मीदवार नबा कुमार सरानिया फिर से निर्दलीय ही चुनाव मैदान में है. इनके नाम चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में दर्ज है. पिछली बार दूसरे नंबर पर रहे निर्दलीय उम्मीदवार उरखाओ ग्वारा ब्रह्मा ने स्थानीय दल युनाइटेड पीपल्स पार्टी, लिबरल का दामन थामा है. बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट से सर्बानंद सोनोवाल सरकार में मंत्री प्रमिला रानी ब्रह्मा चुनावी मैदान में हैं. बीपीएफ का बीजेपी से चुनावी गठबंधन है. कांग्रेस से सब्दा राम रब्हा, राष्ट्रीय पार्टी का वजूद दिखाने के लिए कोकराझार से चुनाव लड़ रहे हैं.
लोकसभा चुनाव अपडेट्स
- कोकराझार लोकसभा सीट पर औसत से ज्यादा वोटिंग हुई है. असम राज्य में इस बार 84.48 प्रतिशत मतदान हुआ है, जबकि कोकराझार सीट पर मतदान का प्रतिशत 81.94 प्रतिशत रहा. लोकसभा चुनाव 2014 में इस सीट पर 80.25 प्रतिशत मतदान हुआ था.
- असम के 5 संसदीय सीटों में हो रहे मतदान के आधार पर 3 बजे तक 62.13 फीसदी मतदान हो चुका है.
Estimated voter turnout till now for the 3rd phase of the #LokSabhaElections2019 is 51.15%. Voting for 116 parliamentary constituencies across 13 states and 2 union territories is being held today. pic.twitter.com/mV9g0JmSq1
— ANI (@ANI) April 23, 2019
- दोपहर 1 बजे तक कोकराझार में 47.59 फीसदी मतदान हो चुका है. वहीं देश में तीसरे चरण में कराए जा रहे मतदान में 117 संसदीय सीटों पर अब तक 37.89 फीसदी मतदान हो चुका है.
- सुबह 11 बजे तक कोकराझार में 27.20 फीसदी मतदान हो चुका है. तीसरे चरण के तहत आज मंगलवार को असम के 4 संसदीय क्षेत्रों में अब तक 28.64% मतदान हो चुका है.
-सुबह 9 बजे तक कोकराझार में 10.14 फीसदी मतदान हो चुका है.
प्रचार के दौरान ऐसा रहा माहौल
28 मार्च को इस सीट पर नॉमिनेशन भरने के बाद से इलाके में राजनीतिक दलों का प्रचार शुरू हो गया था. अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए राजनीतिक दलों के दिग्गजों ने रैली और सभाओं को आयोजन किया. मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार थमा तो प्रत्याशियों ने घर-घर जाकर संपर्क किया. प्रत्याशियों की मेहनत क्या रंग लाती है, ये तो 23 मई को पता लगेगा.
उम्मीदवारों के प्रोफाइल के बारे में पढ़ें- कोकराझार: निर्दलीयों में होता है यहां मुख्य मुकाबला, बीजेपी गठबंधन कर सकता है उलटफेर
17वीं लोकसभा के लिए 543 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में मतदान होना है. 10 मार्च को लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा हुई थी. 28 मार्च को इस सीट के लिए नोटिफिकेशन निकला, 4 अप्रैल को नॉमिनेशन की अंतिम तारीख और 5 अप्रैल को उम्मीदवारों द्वारा दिए गए शपथपत्रों की स्क्रूटनी हुई. नाम वापसी की अंतिम तारीख 8 अप्रैल थी.
इस लोकसभा सीट के बारे में और जानने के लिए पढ़ें- लोकसभा चुनाव: असम की कोकराझार सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी का बजता रहा है डंका
असम की कोकराझार सीट पर बोडो समुदाय का बाहुल्य है. इस सीट की राजनीति बोडो बनाम नॉन बोडो के बीच चलती आ रही है. यह सीट अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित है. यहां पहली बार 2014 के चुनाव में नॉन बोडो सांसद बना है. बोडो समुदाय के वर्चस्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2016 के विधानसभा चुनावों में यहां की 10 में 8 विधासभा सीटों पर बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. यह इलाका 2012 में दंगों के चलते पूरे देश में चर्चा में था.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
कोकराझार सीट पर 1957 से अब तक हुए चुनावों का परिणाम बताता है कि यहां सत्ता विरोधी लहर नहीं रहती. यानी एक बार जीता प्रत्याशी अगले तीन से चार चुनावों में लगातार जीतता है. 1957 से 1971 तक हुए चार चुनावों में जहां कांग्रेस प्रत्याशी डी बासुमतारी ने जीत दर्ज की, वहीं 1998 से 2004 तक लगातार तीन पर संसुमा खुंगुर बविश्वमुथियारी विजयी रहे. संसुमा 2009 के चुनाव में बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के टिकट से लड़े और फिर लगातार चौथी बार विजयी रहे.
कोकराझार में कुल 10 विधानसभा सीटें हैं. यहां बीपीएफ यानी बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट का दबदबा है. 10 में से 8 सीटों पर बीडीएफ प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. इनमें गोसाईगाव में बीपीएफ, कोकराझार ईस्ट बीपीएफ, कोकराझार वेस्ट बीपीएफ, सिदली बीपीएफ, बिजनी बीपीएफ, सोरभोग बीजेपी, भबनीपुर में एआईयूडीएफ, तमुलपुर में बीपीएफ, बरामा में बीपीएफ और छपागुरी में बीपीएफ है.
सामाजिक ताना-बाना
2011 की जनगणना के अनुसार कोकराझार सीट पर 23 लाख 81 हजार 32 लोगों में से 93.41 प्रतिशत ग्रामीण जबकि 6.59 फीसदी शहरी आबादी है. इस सीट पर एससी आबादी 6.41 और एसटी आबादी 28.57 प्रतिशत है. 2009 में यहां 73.65 फीसदी मतदान हुआ था जो 2014 में बढ़कर 81.32 प्रतिशत हो गया. कोकराझार सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 15 लाख 5 हजार 476 है. इसमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 7 लाख 76 हजार 71 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख 29 हजार 405 है.
2014 का जनादेश
असम की कोकराझार सीट पर 2014 में निर्दलीय प्रत्याशी नबा कुमार सरानिया (हीरा) ने जीत दर्ज की थी. नबा कुमार को 2014 के चुनाव में कुल 6 लाख 34 हजार 428 मत हासिल हुए थे. उनके निकटतम प्रतिद्वंदी उरखाओ ग्वारा ब्रह्मा को 2 लाख 78 हजार 649 वोट मिले थे. ये भी निर्दलीय ही थे. नबा कुमार ने साढ़े तीन लाख से भी ज्यादा मतों के अंतर से जीत हासिल की जो पूरे असम में सबसे बड़े अंतर वाली जीत थी. वहीं पूरे देश में किसी निर्दलीय प्रत्याशी द्वारा दर्ज की गई ये सबसे बड़ी जीत भी थी. 18183 लोगों को कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं आया, लिहाजा उन्होंने NOTA का बटन दबाया. तीसरे नंबर पर चंदन ब्रह्मा रहे जो बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट से थे. चुनावी नतीजों से साफ है कि यहां किसी बड़े दल का जनाधार नहीं है. टॉप थ्री में न तो बीजेपी-कांग्रेस का कोई प्रत्याशी रहा और न ही एआईयूडीएफ का.
2012 में दंगों के चलते सुर्खियों में था कोकराझार
कोकराझार सीट 2012 में दंगों के चलते पूरे देश में सुर्खियों में रहा था. यहां जुलाई 2012 में स्थानीय बोडो आदिवासी समुदाय और बंगाली भाषी मुस्लिमों के बीच जमकर दंगे-फसाद हुए. इसमें 50 से भी अधिक लोगों की जानें चली गईं थीं.
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