त्रिपुरा पूर्व लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में ही मतदान होना था, लेकिन सुरक्षा कारणों से चुनाव आयोग ने मतदान रद्द कर दिया था. अब तीसरे चरण में इस सीट पर मंगलवार को मतदान कराया गया. चुनाव आयोग ने यहां मतदान को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. मतदान को लेकर यहां के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला. पश्चिम बंगाल के बाद त्रिपुरा में सबसे ज्यादा वोट पड़े.
लोकसभा चुनाव अपडेट्स
त्रिपुरा पूर्व लोकसभा सीट पर मंगलवार को बंपर वोटिंग देखने को मिली. इस सीट पर 82.21 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. पिछले चुनाव में इस सीट पर 82.55 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस सीट पर निर्दलीय समेत 10 उम्मीदवार मैदान में हैं. मतदान के बाद अब लोगों की निगाहें 23 मई यानी कि मतगणना तिथि पर है.
त्रिपुरा पूर्व में संसदीय सीट पर मतदाताओं का खासा उत्साह दिखा और शाम 5 बजे तक 77.28 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. दूसरी ओर तीसरे चरण में 117 संसदीय सीटों पर 61.31 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. उत्तर प्रदेश में 10 संसदीय सीटों पर औसतन 56.36 फीसदी मतदान हुआ. 5 बजे तक हुई पश्चिम बंगाल में 78.94 फीसदी वोटिंग हुई. यह अंतिम आंकड़ा नहीं है और इसमें बदलाव हो सकता है. 4 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेशों में 70 फीसदी से ज्यादा वोट पड़े.
Estimated voter turnout till now for the 3rd phase of the #LokSabhaElections2019 is 61.31%. Voting for 116 parliamentary constituencies across 13 states and 2 union territories is being held today. pic.twitter.com/BhPmIG44yK
— ANI (@ANI) April 23, 2019
- 3 बजे तक त्रिपुरा पूर्व में 60.84 फीसदी मतदान हो चुका है. देश में तीसरे चरण में कराए जा रहे मतदान में 117 संसदीय सीटों पर अब तक 37.89 फीसदी मतदान हो चुका है.
Estimated voter turnout till now for the 3rd phase of the #LokSabhaElections2019 is 51.15%. Voting for 116 parliamentary constituencies across 13 states and 2 union territories is being held today. pic.twitter.com/mV9g0JmSq1
— ANI (@ANI) April 23, 2019
- दोपहर 1 बजे तक त्रिपुरा पूर्व में 44.64 फीसदी मतदान हो चुका है. देश में तीसरे चरण में कराए जा रहे मतदान में 117 संसदीय सीटों पर अब तक 37.89 फीसदी मतदान हो चुका है.
-सुबह 9 बजे तक त्रिपुरा पूर्व में 2.5 फीसदी मतदान हो चुका है.
11 बार जीती सीपीएम
त्रिपुरा में बीजेपी की पहली बार सरकार बनने के बाद अब सीएम बिप्लब कुमार देव पर राज्य की दोनों लोकसभा सीटें बीजेपी के खाते में लाने की चुनौती है. त्रिपुरा ईस्ट संसदीय क्षेत्र से फिलहाल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जितेंद्र चौधरी सांसद हैं. उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सचित्र देवबर्मा को हराया था.
बीजेपी की टक्कर कांग्रेस और लेफ्ट के अलावा इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा से है. जनजाति समुदाय के लिए आरक्षित त्रिपुरा पूर्व संसदीय क्षेत्र से बीजेपी ने इस बार रेबती त्रिपुरा को मैदान में उतारा है. टीचर रहे रेबती त्रिपुरा की जमीनी पकड़ अच्छी है. सीपीएम ने यहां से मौजूदा सांसद जितेन्द्र चौधरी को ही टिकट दिया है. जबकि कांग्रेस ने महाराज कुमारी प्रज्ञा देबबर्मन को टिकट दिया है. बीजेपी की सहयोगी रही इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा ने इस सीट से नरेंद्र चंद्र देबबर्मा को टिकट दिया है.
त्रिपुरा पूर्व लोकसभा सीट पर अब तक 15 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी सीपीएम ने 11 बार जीत दर्ज की है. इस सीट पर सीपीएम के बाजू बन रियान सबसे ज्यादा 7 बार सांसद रह चुके हैं. इस लिहाज से अगर देखा जाए, तो इस सीट के वोटर एक पार्टी और एक नेता को कई बार चुनाव जिताते हैं.
साल 2014 का जनादेश
इस सीट पर साल 1996 से लेकर अब तक सीपीएम का कब्जा है. इससे पहले कांग्रेस ने यहां से लगातार दो बार जीत दर्ज की थी. इस सीट पर सबसे पहले सीपीआई ने दो बार जीत हासिल की थी. इस सीट पर बीजेपी को कभी भी जीत हासिल नहीं हुई. हालांकि पिछले कुछ वर्षों से यहां पर बीजेपी का प्रभाव तेजी से बढ़ा है. इस सीट पर सिर्फ कांग्रेस, सीपीआई और सीपीएम का ही कब्जा रहा.
लोकसभा चुनाव में त्रिपुरा ईस्ट सीट से सीपीएम के जितेंद्र चौधरी ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी और कांग्रेस प्रत्याशी सचित्र देवबर्मन को 4 लाख 84 हजार 358 वोटों से शिकस्त दी थी. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जितेंद्र चौधरी को 6 लाख 23 हजार 771 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी सचित्र देवबर्मन को एक लाख 39 हजार 413 वोट मिले थे. इस सीट पर कुल वोटरों की संख्या 11 लाख 40 हजार 269 है.
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