राजस्थान की करौली-धौलपुर लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में 6 मई (सोमवार) को वोट डाले गए. शांतिपूर्ण संपन्न हुए मतदान में करौली-धौलपुर सीट पर 55.02 फीसदी वोटिंग रिकॉर्ड की गई. अब 23 मई को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे. इस सीट पर बीजेपी कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है. इस सीट पर कोई निर्दलीय उम्मीदवार नहीं है. इस सीट से कुल 5 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी, अम्बेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया और प्रबुद्ध रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी शामिल हैं. बीजेपी ने इस सीट से मनोज राजौरिया को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस के टिकट पर संजय कुमार मैदान में हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
करौली-धौलपुर संसदीय सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. इससे पहले यह क्षेत्र बयाना लोकसभा सीट के अंतर्गत आता था. इस दौरान धौलपुर जिले के मतदाताओं ने भरतपुर, बयाना, दौसा और दिल्ली तक के उम्मीदवारों को जिताकर लोकसभा भेजा. लेकिन जिले के प्रत्याशी को लोकसभा में मौका नहीं मिला. परिसीमन से पहले हुए कुल 13 लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी ने सबसे ज्यादा 6 बार कब्जा जमाया.
1962 में हुए पहले आम चुनाव में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार टीकाराम पालीवाल ने जीत दर्ज की. वहीं 1967,1971 और 1980 में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे जगन्नाथ पहाड़िया यहां से तीन बार चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे. वहीं 1977 की जनता लहर में श्याम सुंदल लाल सांसद बनें. 1984 में कांग्रेस के लाला राम यहां से सांसद बने.
लेकिन 1989 से 2004 तक लगातार 6 बार बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा जमाया. जिसमें 1991 से 1998 तक लगातार 3 बार बीजेपी के गंगाराम कोली यहां से सांसद बनें. वहीं साल 1989 में थानसिंह जाटव, 1999 में बहादुर सिंह कोली और 2004 में रामस्वरूप कोली ने चुनाव जीता. साल 2008 के परिसीमन के बाद करौली-धौलपुर लोकसभा सीट पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के खिलाड़ी लाल ने बाजी मारी. लेकिन 2014 की मोदी लहर में कांग्रेस यह सीट हार गई और बीजेपी के मनोज राजौरिया यहां से सांसद बने.
2014 का जनादेश
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में करौली-धौलपुर लोकसभा सीट पर 54.6 फीसदी मतदान हुआ. इस दौरान कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखी गई. जहां बीजेपी ने 47.6 फीसदी वोट के साथ जीत दर्ज की तो वहीं कांग्रेस 44.4 फीसदी वोट के साथ दूसरे स्थान पर रही. बीजेपी ने इस चुनाव में पिछला चुनाव हारे मनोज राजौरिया पर एक बार फिर भरोसा जताया तो वहीं कांग्रेन ने अपने मौजूदा सांसद खिलाड़ीलाल बैरवा की जगह नए उम्मीदवार लक्खिराम बैरवा को चुनावी मैदान में उतारा. बीजेपी के टिकट पर मनोज राजौरिया ने कांग्रेस के लक्खिराम बैरवा को 27,216 वोट से शिकस्त दी. मनोज राजौरिया को 402,407 और कांग्रेस के लक्खिराम बैरवा को 375,191 वोट मिले.
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