झारखंड की रांची लोकसभा सीट पर 6 मई को पांचवें चरण में वोट डाले गए और प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई. इस चरण में कुल 7 राज्यों की 51 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई. रांची लोकसभा सीट पर कुल 20 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जबकि इस चरण की सभी 51 लोकसभा सीटों पर 674 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इस चरण में कुल 64.04 फीसदी मतदान दर्ज किया गया, जबकि रांची लोकसभा सीट पर 64.22 फीसदी लोगों ने मतदान किया.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी अपने परिवार के साथ रांची के जवाहर विद्या मंदिर श्यामली स्थित पोलिंग बूथ पहुंचे और वोट डाला. इस दौरान महेंद्र सिंह धोनी के साथ उनकी बेटी जीवा भी मौजूद रहीं. माही जिस स्कूल के पोलिंग बूथ पर वोट डालने पहुंचे थे, उन्होंने वहां से अपनी स्कूलिंग की थी. इसके अलावा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने अपने पत्नी के साथ पोलिंग बूथ पहुंचे और वोट डाला.
Mahendra Singh Dhoni casts his vote at a polling booth in Jawahar Vidya Mandir in Ranchi, Jharkhand. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/3oZx3YwAL5
— ANI (@ANI) May 6, 2019
Jharkhand: Visuals from a polling booth in St.Anne's Girls High School in Ranchi. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/KrJlB4PA6T
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अब इस सीट पर 23 मई को वोटों की गिनती होगी और उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा. वहीं, चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी ने संजय सेठ को उतारा है, जबकि कांग्रेस ने एक बार फिर से सुबोधकांत सहाय पर दांव खेला है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राम टहल चौधरी ने करीब 2 लाख मतों से कांग्रेस के सुबोध कांत सहाय को हराया था. राम टहल चौधरी को 4.48 लाख और सुबोध कांत सहाय को 2.49 लाख वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर रहे आजसू के सुदेश कुमार महतो को 1.42 लाख वोटों से संतोष करना पड़ा था.
पिछली बार रांची लोकसभा सीट पर 63.32 फीसदी वोटिंग हुई थी, जबकि इससे भी पहले 2009 में इस सीट पर 44.58 फीसद वोट पड़े थे. रांची लोकसभा सीट सराईकेला, खरसावन और रांची जिलों में फैली है. रांची झारखंड राज्य की राजधानी भी है. रांची को झरनों का शहर कहा जाता है. फिलहाल रांची लोकसभा सीट से बीजेपी के राम टहल चौधरी सांसद हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के सीनियर लीडर सुबोधकान्त सहाय को हराया था.
रांची संसदीय क्षेत्र भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का गृहनगर भी है. यहां गोंडा हिल और रॉक गार्डन, मछली घर, बिरसा जैविक उद्यान, टैगोर हिल, मैक क्लुस्किगंज और आदिवासी संग्राहलय जैसे प्रमुख पर्यटक स्थल भी हैं.
कांग्रेस और बीजेपी के बीच टक्कर
सूबे की राजधानी की इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर होती रहती है. साल 1951 में इस सीट पर कांग्रेस के अब्दुल इब्राहिम जीते थे, जबकि 1957 का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी मीनू मसानी ने जीता था. इसके बाद पीके घोष लगातार तीन बार (1962, 1967 और 1971) लोकसभा चुनाव जीते थे. साल 1977 में बीएलडी के रविंद्र वर्मा और 1980 व 1984 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के शिव प्रसाद साहू ने जीत हासिल की थी.
साल 1989 में जनता दल के टिकट पर सुबोध कांत सहाय ने बाजी मारी थी. इसके बाद बीजेपी के टिकट पर राम तहत चौधरी लगातार चार बार (1991, 1996, 1998 और 1999) का चुनाव जीते थे. कांग्रेस के टिकट पर सुबोध कांत सहाय साल 2004 और 2009 का चुनाव जीते थे. इसके बाद साल 2014 में बीजेपी के टिकट पर एक बार फिर राम टहल चौधरी जीतने में कामयाब हुए.
सामाजित तानाबाना
रांची लोकसभा सीट के अन्तर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें इच्छागढ़, सिल्ली, खिजरी, रांची, हटिया, कनके विधानसभा सीटें शामिल हैं. इसमें कनके विधानसभा सीट अनुसूचित जाति और खिजरी अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. साल 2014 के आम चुनाव के दौरान इस सीट पर मतदाताओं की संख्या करीब 16.48 लाख थी. इसमें 8.68 लाख पुरुष और 7.79 लाख महिला मतदाता शामिल हैं.
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