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जबलपुर सीट पर 69.37% मतदान, 23 मई को होगा उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला

मध्य प्रदेश की जबलपुर संसदीय सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और पिछले 15 साल से सांसद राकेश सिंह का मुकाबला पूर्व एडवोकेट जनरल और कांग्रेसी नेता विवेक कृष्ण तन्खा से है.  2019 लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में जबलपुर लोकसभा सीट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के साथ सोमवार को मतदान संपन्न हुआ.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-Getty Images)
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-Getty Images)

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मध्य प्रदेश की जबलपुर संसदीय सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और पिछले 15 साल से सांसद राकेश सिंह का मुकाबला पूर्व एडवोकेट जनरल और कांग्रेसी नेता विवेक कृष्ण तन्खा से है.  2019 लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में जबलपुर लोकसभा सीट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के साथ सोमवार को वोट डाले गए. निर्वाचन आयोग के मुताबिक जबलपुर सीट पर 69.37 फीसदी मतदान रिकॉर्ड हुआ.

चुनाव मैदान में हैं ये उम्मीदवार

इस संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय के अलावा जो उम्मीदवार मैदान में हैं, उनमें विव‍ेक कृष्ण तन्खा(कांग्रेस), एडवोकेट रामराज राम(बहुजन समाज पार्टी), राकेश सिंह(भारतीय जनता पार्टी),  कुलदीप अहीरवार(रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया), चंद्र प्रकाश भटनागर(आरक्षण विरोधी पार्टी), देवेंद्र कुमार यादव(प्रगतिशील समाजवादी पार्टी), भूषण प्रसाद शुक्ला(भारतीय शक्ति चेतना पार्टी),  महू  सिंह परस्ते(गोंडवाना गणतंत्र पार्टी), शहनाज बी अंसारी(स्मार्ट इंडियंस पार्टी), सुखदेव दाहिया(भारतीय जनसंपर्क पार्टी) शामिल हैं.

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साथ ही निर्दलीय उम्मीदवारों में अमजद खान, अशोक सिंह लोधी, गुलाब सिंह, डॉ. ढ़ाई अक्षर, धानुक, राकेश सिंह आत्मज नाथूराम, राकेश सिंह आत्मज बलजोर सिंह, रामदयाल प्रजापति, इंजीनियर रूपराम सिंह, लक्ष्मीनारायण जगन्नाथ सिंह लोधी, विनय कुमार जैन, श्रीलाल मरकाम है.

2014 का जनादेश

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राकेश सिंह ने कांग्रेस के विवेक तन्खा को हराया था. वहीं बसपा के आफताह आलम तीसरे स्थान पर रहे थे. राकेश सिंह को 5,64,609 वोट(56.34फीसदी) मिले थे तो वहीं विवेक तन्खा को 3,55970 वोट(35.52फीसदी) वोट मिले थे.

2009 का जनादेश

2009 के चुनाव की बात करें तो इस बार जीत राकेश सिंह की ही हुई थी.उन्होंने कांग्रेस के एडवोकेट रमेश्वर को हराया था. बसपा के अजीज कुरैशी तीसरे स्थान पर रहे थे. राकेश सिंह को 3,43,922(54.29फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं एडवोकेट रमेश्वर को 2,37,919(37.56फीसदी)वोट मिले थे.

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सामाजिक ताना-बाना

जबलपुर को मध्य प्रदेश की संस्कारधानी भी कहा जाता है. यहां भारतीय आयुध निर्माणियों के कारखाने तथा पश्चिम-मध्य रेलवे का मुख्यालय भी है.पुराणों और किंवदंतियों के अनुसार इस शहर का नाम पहले जबालिपुरम् था, क्योंकि इसका संबंध महर्षि जाबालि से जोड़ा जाता है. जिनके बारे में कहा जाता है कि वह यहीं निवास करते थे. यह शहर पवित्र नर्मदा नदी के तट पर स्थित है.

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2011 की जनगणना के मुताबिक जबलपुर की जनसंख्या 2541797 है. यहां की 59.74 फीसदी आबादी शहरी और 40.26 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है. जबलपुर में 14.3 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है और 15.04 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है.

चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के चुनाव में यहां पर 17,11,683 मतदाता थे.इनमें से 8,13,734 महिला मतदाता और 8,97,949 पुरुष मतदाता थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 58.55 फीसदी मतदान हुआ था.

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बता दें कि लोकसभा के लिये मध्यप्रदेश में चौथे चरण के मतदान में 6 सीटों को शामिल किया गया है. जिसमें  छिंदवाड़ा, जबलपुर, शहडोल, बालाघाट, मंडला और सीधी हैं. इन 6 संसदीय क्षेत्रों के 13 जिलों में 28 हजार 959 बैलेट यूनिट,  18 हजार 486 कंट्रोल यूनिट और 19 हजार 254 वीवीपैट का इस्तेमाल होना है.

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