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Baramati: शरद पवार फैम‍िली की जागीर बन गई है बारामती लोकसभा सीट

Baramati Lok sabha constituency 2019 के लोकसभा चुनाव 2019 में सबकी नजरें लगी हुई हैं. लोकसभा चुनावों के लिहाज से महाराष्ट्र की बारामती सीट क्यों है खास,  इस आर्टीकल में पढ़ें...

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बारामती लोकसभा सीट की सांसद सुप्र‍िया सुले (Photo: Facebook)
बारामती लोकसभा सीट की सांसद सुप्र‍िया सुले (Photo: Facebook)

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महाराष्ट्र की बारामती लोकसभा सीट ( बारामती लोकसभा मतदारसंघ) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार और उनके पर‍िवार के ल‍िए जानी जाती है. बारामती सीट से शरद पवार 6 बार सांसद बने, उसके बाद उनकी बेटी सुप्र‍िया सुले 2 बार से सांसद हैं. एक बार शरद पवार के भतीजे अजीत पवार भी इसी सीट से सांसद बन चुके हैं. प‍िछले 27 सालों से इस सीट पर पवार फैम‍िली का एकछत्र राज है. 2019 के लोकसभा चुनावों में देखने वाली बात होगी क‍ि पवार फैमिली का क‍िला ढहेगा या नहीं?

बारामती लोकसभा सीट का राजनी‍त‍िनामा

बारामती लोकसभा सीट में पहला चुनाव 1957 में हुआ. 1957 से 1977 तक ये सीट कांग्रेस के कब्जे में रही. 1977 में कांग्रेस व‍िरोधी लहर के बाद इस सीट पर भारतीय लोक दल का सांसद बना. 1980 में इंद‍िरा गांधी की सत्ता में वापसी के साथ यहां भी इंद‍िरा कांग्रेस के शंकरराव पाटील सांसद बने. फ‍िर इस सीट पर एंट्री हुई महाराष्ट्र की राजनीत‍ि के स‍ितारे शरद पवार की. 1984 में वे भारतीय कांग्रेस (समाजवादी) से सांसद बने. 1985 में शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने तो ये सीट खाली हो गई. 1985 के उपचुनाव में जनता पार्टी के संभाजीराव काकाडे यहां से सांसद बने. इसके बाद इस सीट पर फिर से कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का दौर शुरू हुआ. 1989 में कांग्रेस से शंकरराव पाटील और फ‍िर 1991 में अज‍ीत पवार सांसद बने. 1991 में उपचुनाव हुए तो कांग्रेस से शरद पवार फ‍िर सांसद बने. 1991 से 1998 तक कांग्रेस और फ‍िर 1999 से 2009 तक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से शरद पवार सांसद रहे. उसके बाद उनकी बेटी सुप्र‍िया सुले इस सीट से सांसद बनी ज‍िन्होंने 2014 में भी जीत बरकरार रखी. इस तरह अब यह सीट एक तरह से शरद पवार की खानदानी सीट नजर आती है जहां 27 सालों से लगातार इसी पर‍िवार का दबदबा रहा है.

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2009 और 2014 में ऐसा था जीत का गण‍ित

2009 के चुनाव में एनसीपी के ट‍िकट पर सुप्र‍िया सुले को इस सीट से भारी अंतर से जीत म‍िली थी. सुप्र‍िया सुले को 4,87,827 वोट, बीजेपी की कांता नलवाडे को 1,50,996 वोट म‍िले थे. वहीं, 2014 के चुनाव में सुप्रिया को कड़ी टक्कर म‍िली. सुप्र‍िया सुले को 5,21,562 वोट, राष्ट्रीय समाज पक्ष (RSPS) पार्टी के महादेव जगन्नाथ जानकर को 4,51,843 वोट म‍िले थे. तीसरे स्थान पर आप पार्टी के सुरेश अबाजी खोपाडे रहे ज‍िन्हें 26,396 वोट म‍िले थे. बीजेपी ने राष्ट्रीय समाज पक्ष को समर्थन द‍िया था लेक‍िन सब म‍िलकर भी शरद पवार पर‍िवार के गढ़ को ढहा नहीं पाए.

बारामती लोक सभा सीट में व‍िधानसभा सीट का म‍िजाज

बारामती लोक सभा सीट में 6 व‍िधानसभा आती हैं. यहां सभी पार्टियों का म‍िला-जुला रूप नजर आता है. दौंड में राष्ट्रीय समाज पक्ष (RSP),इंदापुर और बारामती में एनसीपी, पुरंदर में श‍िवसेना, भोर में कांग्रेस और खडकवासला में बीजेपी के व‍िधायक हैं.

सांसद सुप्र‍िया सुले के बारे में

सुप्र‍िया सुले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और द‍िग्गज नेता शरद पवार की बेटी हैं. इन्होंने माइक्रो बायोलॉजी से बीएससी की ड‍िग्री ली. 1991 में इनकी शादी सदानंद भालचंद्र सुले से हुई.  सुले 2006 में पहली बार राज्यसभा सांसद बनी. इन्होंने राज्य स्तर पर भ्रूण हत्या के ख‍िलाफ काफी असरदार कैंपेन चलाया था. अपने नेतृत्व में सुले ने 2012 में 'राष्ट्रवादी युवती कांग्रेस' व‍िंग भी बनाई ज‍िसका उद्देश्य यंग लड़क‍ियों को राजनीत‍ि के ल‍िए तैयार करना था. आईपीएल की पुणे टीम में पार‍िवार‍िक ह‍िस्सेदारी की वजह से भी ये चर्चा में रहीं थी.

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संसद में वर्तमान सांसद का प्रदर्शन और संपत्त‍ि

संसद में इनकी उपस्थिति 96 फीसदी रही. वहीं, संसद में इन्होंने 142 डीबेट में भाग लिया. संसद में इन्होंने 1156 प्रश्न पूछे. प्राइवेट मेंबर्स बिल लाने में इनका कोई सानी नहीं रहा. ये 22 ब‍िल लेकर आईं. इस सीट पर संसदीय इलाके में खर्च करने के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान है. इसमें से म‍िले फंड का  101.19 फीसदी खर्च क‍िया. ग्रेजुएट सुप्र‍िया सुले ने 2014 के लोकसभा चुनाव के हलफनामे में 113 करोड़ रुपये की संपत्त‍ि घोष‍ित की थी. 

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