scorecardresearch
 

बिजनौर लोकसभा सीट: क्या BJP के कुंवर फिर खिलाएंगे कमल?

Bijnor Loksabha constituency 2019 का लोकसभा चुनाव अपने आप में ऐतिहासिक होने जा रहा है. लोकसभा सीटों के लिहाज से सबसे बड़ा प्रदेश उत्तर प्रदेश की बिजनौर लोकसभा सीट क्यों है खास, इस लेख में पढ़ें...

Advertisement
X
Bharatendra Singh
Bharatendra Singh

Advertisement

बिजनौर लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की सबसे वीआईपी सीटों में से एक मानी जाती है. इस सीट पर कई राजनीतिक दिग्गज अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. फिर चाहे वह बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती हों या फिर लोक जनशक्ति पार्टी के राम विलास पासवान, पिछले लोकसभा चुनाव में ही बॉलीवुड अदाकारा जयाप्रदा ने भी यहां से चुनाव लड़ा था. हालांकि, देशभर में चली मोदी लहर ने इस सीट को भारतीय जनता पार्टी के खाते में डाला. बीजेपी के कुंवर भारतेंद्र सिंह ने यहां 2014 में 2 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी.

बिजनौर लोकसभा सीट का इतिहास

बिजनौर लोकसभा सीट पश्चिमी उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है, यही कारण है कि इसका इतिहास भी बहुत दिलचस्प है. मेरठ, नगीना, मुजफ्फरनगर जैसे शहरों से जुड़ी इस सीट पर शुरुआत में कांग्रेस का दबदबा रहा था. देश में हुए पहले चुनाव यानी 1952 से लेकर 1971 तक ये सीट कांग्रेस के खाते में ही रही. फिर इमरजेंसी के दौर के बाद कांग्रेस का मोहभंग हुआ तो 1977 और 1980 में इस सीट पर जनता दल ने जीत हासिल की.

Advertisement

हालांकि, एक बार फिर ये सीट कांग्रेस के पास गई. 1984 में गिरधारी लाल, 1985 उपचुनाव में पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार यहां से चुनाव जीती थीं. इस चुनाव में उनके खिलाफ रामविलास पासवान और मायावती मैदान में थे.

साल 1989 में बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने जीत दर्ज की थी. उसके बाद हुए इस सीट पर कुल 7 चुनाव में चार बार भारतीय जनता पार्टी, दो बार राष्ट्रीय लोकदल और एक बार समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की है.

बिजनौर लोकसभा सीट का समीकरण

बिजनौर लोकसभा सीट पर कुल 15 लाख से अधिक वोटर हैं, जिनमें 848606 पुरुष और 713459 महिला वोटर हैं. 2014 में इस सीट पर 67.9 फीसदी वोट डाले गए थे, इनमें से 5775 वोट NOTA को डले थे. 2011 की जनगणना के अनुसार, बिजनौर में कुल 55.18 % हिंदू और 44.04% मुस्लिम लोग हैं.

बिजनौर लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें दो बिजनौर जिले, दो मुजफ्फरनगर जिले और एक मेरठ जिले से आती हैं. ये सीटें पुरकाजी, मीरापुर, बिजनौर, चांदपुर और हस्तिनापुर है. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में सभी सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थीं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की नजर एक बार फिर इस लोकसभा सीट पर परचम लहराने की होगी.

Advertisement

मोदी लहर की आंधी में उड़े थे विरोधी

2014 में भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में प्रचंड जीत हासिल की, बिजनौर में भी ऐसा ही हुआ. भारतेंद्र ने अपने प्रतिद्वंदी शाहनवाज राना को 2 लाख से अधिक वोटों से मात दी. शाहनवाज राना समाजवादी पार्टी की ओर से मैदान में थे. यहां बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार मलूक नागर तीसरे नंबर पर रहे थे.

राष्ट्रीय लोकदल की ओर से चुनावी मैदान में उतरी अभिनेत्री जयाप्रदा यहां पर कोई ज्यादा असर नहीं दिखा पाईं. उन्हें सिर्फ 24,348 वोट मिले थे जो कि कुल वोटों का 2 फीसदी ही था.

2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे

कुंवर भारतेंद्र सिंह, भारतीय जनता पार्टी, कुल वोट मिले 486913, 45.9%

शाहनवाज राना, समाजवादी पार्टी, कुल वोट मिले 281136, 26.5%

मलूक नागर, बहुजन समाज पार्टी, कुल वोट मिले 230124, 21.7%

जयाप्रदा, राष्ट्रीय लोकदल, कुल वोट मिले 23348, 2.3%

सांसद कुवंर भारतेंद्र सिंह का प्रोफाइल

2014 में बिजनौर से जब भारतेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया गया तो हर कोई हैरान था, क्योंकि अंतिम समय में उनका नाम घोषित किया गया था. हालांकि, प्रदेश की राजनीति में उनका नाम नया नहीं था. भारतेंद्र सिंह दो बार विधायक रह चुके हैं और 2002 में बनी राज्य सरकार में सिंचाई राज्यमंत्री रहे. जबकि 2014 में उन्होंने संसद का रुख किया.

Advertisement

भारतेंद्र सिंह का नाम 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों में भी आया था, उनपर भड़काऊ भाषण देने का आरोप था. हालांकि, उन्हें मुजफ्फरनगर की कोर्ट से जमानत मिल गई थी. भारतेंद्र के पास कुल 2.48 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, इनमें 1 करोड़ सत्तर लाख की अचल संपत्ति और 70 लाख से अधिक की चल संपत्ति है.

बिजनौर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए भारतेंद्र सिंह का अपने प्रतिद्वंदी शाहनवाज राना से गजब का संयोग है. दरअसल, 2007, 2012 के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतेंद्र के सामने शाहनवाज राना ही उम्मीदवार के तौर पर उतरे.

संसद में कुंवर भारतेंद्र का प्रदर्शन

बिजनौर के सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह ने 16वीं लोकसभा में कुल 19 बहस में हिस्सा लिया. उन्होंने अपने कार्यकाल में कुल 298 सवाल पूछे, दो प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए. वह संसद में सोशल जस्टिस की स्टैंडिंग कमेटी, प्राइवेट मेंबर बिल कमेटी और विदेशी मामलों की कमेटी के सदस्य हैं. सांसद निधि के तहत मिलने वाले 25 करोड़ रुपये के फंड में से उन्होंने कुल 85.77 फीसदी रकम खर्च की.

Advertisement
Advertisement