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शाहजहांपुर लोकसभा सीट: क्या 2014 जैसा करिश्मा दोहरा पाएगी BJP?

Shahjahanpur Loksabha constituency 2019 का लोकसभा चुनाव अपने आप में ऐतिहासिक होने जा रहा है. लोकसभा सीटों के लिहाज से सबसे बड़ा प्रदेश उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर लोकसभा सीट क्यों है खास, इस लेख में पढ़ें...

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पीलीभीत से सटी शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर इस समय भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज यहां से सांसद हैं, जो 2014 में बड़े अंतर से चुनाव जीत कर आई थीं. एक दौर में ये सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. लेकिन बाद में भारतीय जनता पार्टी ने भी यहां पर कई बार जीत हासिल की. ये सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता जितेंद्र प्रसाद का गढ़ रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी की निगाहें इस सीट पर हैं.

शाहजहांपुर लोकसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि

1962 के लोकसभा चुनाव के दौरान ये सीट वर्चस्व में आई, शुरुआती तीन चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ही विजय रही. लेकिन 1977 में चली सरकार विरोधी लहर में कांग्रेस यहां पर टिक नहीं पाई थी और जनता दल ने यहां से जीत हासिल की थी. हालांकि, 3 साल बाद जब देश में फिर चुनाव हुए तो कांग्रेस ने यहां वापसी की. 1980, 1984 में कांग्रेस के जितेंद्र प्रसाद एक बार फिर बड़े अंतर से जीत हासिल कर यहां जीते.

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1990 के आसपास जब देश में राम मंदिर आंदोलन चरम पर था, तो बीजेपी ने भी यहां पैर पसारे. 1989, 1991 के चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की. राम मंदिर आंदोलन के बाद बनी समाजवादी पार्टी ने 1996 के चुनाव में इस सीट से जीत दर्ज की.  

लेकिन 1998 में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी यहां से जीत कर आई. हालांकि, एक बार फिर 1999 में चुनाव हुए और जितेंद्र प्रसाद जीत कर सांसद बने. 2001 में उनका निधन हो गया. जिसके बाद 2004 के चुनाव में उनके बेटे जितिन प्रसाद इस सीट से चुनाव जीते. 2009 का चुनाव समाजवादी पार्टी के खाते में गया, लेकिन 2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर विजयी हुई.

शाहजहांपुर सीट का समीकरण

2014 के लोकसभा चुनाव के अनुसार इस सीट पर करीब 19 लाख से अधिक वोटर हैं. इसमें करीब 11 लाख पुरुष और करीब 8 लाख महिला वोटर हैं. अगर सामाजिक तानेबाने की बात करें तो इस सीट पर मुस्लिमों का खासा प्रभाव है, यहां की करीब 20 फीसदी जनसंख्या मुस्लिम समुदाय से है.

शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र के अंदर कुल 6 विधानसभा सीट आती हैं. इनमें कटरा, जलालाबाद, तिलहर, पुवायां, शाहजहांपुर और ददरौल शामिल हैं. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां सिर्फ जलालाबाद में समाजवादी पार्टी जीत पाई थी, बाकी 5 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने अपना परचम लहराया था.

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2014 में कैसा था जनादेश

2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर मोदी लहर का असर दिखा. बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़ीं कृष्णा राज ने यहां करीब ढाई लाख वोटों से जीत दर्ज की. शाहजहांपुर में BJP को कुल 46.5% वोट मिले थे. जबकि बहुजन समाज पार्टी दूसरे और समाजवादी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी. 2014 में इस सीट पर करीब 57 फीसदी मतदान हुआ था, इसमें करीब 10 हजार वोट NOTA में गए थे.  

स्थानीय सांसद का प्रोफाइल और प्रदर्शन

स्थानीय सांसद कृष्णा राज ने 1996 में लखीमपुर खीरी की मोहम्मदी विधानसभा सीट से विधायक बनकर अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी. वह 2002 में भी विधायक चुनी गई. 2014 में बीजेपी ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया और वह सांसद चुनी गईं.

2016 से ही वह मोदी सरकार में मंत्री पद पर रही हैं. मौजूदा लोकसभा में उन्होंने 64 बहस में हिस्सा लिया और 68 सवाल पूछे. इस दौरान उन्होंने एक बिल पेश भी किया. 2014 में जारी ADR के रिकॉर्ड के मुताबिक, उनके पास 1 करोड़ से अधिक की संपत्ति है.

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