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जब जीतकर भी TDP के हाथ से फिसली देश की सबसे बड़ी लोकसभा सीट मलकाजगिरी

2011 की जनगणना के अनुसार मलकाजगिरी लोकसभा सीट की 93 फीसदी आबादी शहरी है और करीब 7 फीसदी आबादी ग्रामीण है. इस सीट पर 9.2 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति और 2.4 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है. मलकाजगिरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें हैं. 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में सात में से छह सीटें टीआरएस के खाते में आईं तो एकमात्र सीट पर कांग्रेस को जीत मिली.

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KCR (फोटो- इंडिया टुडे)
KCR (फोटो- इंडिया टुडे)

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मलकाजगिरी लोकसभा सीट तेलंगाना के रंगारेड्डी और हैदराबाद जिलों में फैली है. यह आबादी के हिसाब से देश की सबसे बड़ी लोकसभा सीट है, लेकिन इस सीट पर वोटर टर्नआउट काफी कम देखने को मिलता है. पिछले दो लोकसभा चुनावों में यहां पर 50 फीसदी के आसपास ही मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते आए हैं.

राजनीतिक पृष्ठभूमि
तेलंगाना की मलकाजगिरी लोकसभा सीट 2008 में लोकसभा सीटों के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. मलकाजगिरी मतदाताओं के मामले में भारत की सबसे बड़ी लोकसभा सीट (2014 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों के आधार पर) है. यहां पर 31,83,325 मतदाता हैं. 2009 में यहां पर पहली बार लोकसभा चुनाव हुए थे, तब यह सीट आंध्र प्रदेश राज्य के अंतर्गत आती थी. 2009 में यहां से कांग्रेस के सांसद एस. सत्यनारायण चुनाव जीते थे. फिलहाल यह सीट तेलंगाना में है. 2014 में यहां से टीडीपी के माला रेड्डी को जीत मिली. 2016 में वह टीआरएस में शामिल हो गए.

सामाजिक तानाबाना
2011 की जनगणना के अनुसार मलकाजगिरी लोकसभा सीट की 93 फीसदी आबादी शहरी है और करीब 7 फीसदी आबादी ग्रामीण है. इस सीट पर 9.2 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति और 2.4 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है. मलकाजगिरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें- मेडचाल, मलकाजगिरी, कुथबुल्लापुर, कुकटपल्ले, उप्पल, सिकंदराबाद कैंट और लाल बहादुर नगर हैं. इनमें से सिकंदराबाद कैंट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, बाकी सभी सीटें अनारक्षित हैं. 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में सात में से छह सीटें टीआरएस के खाते में आईं तो एकमात्र सीट पर कांग्रेस को जीत मिली. मलकाजगिरी में काफी संख्या में मतदाता हैं, लेकिन यहां पर वोटर टर्नआउट काफी कम देखने को मिलता है. यहां पर 17,23,413 पुरुष मतदाता और 14,59,912 महिला मतदाता यानी कुल 31,83,325 मतदाता हैं. जबकि 2014 के लोकसभा में हुई वोटिंग में केवल 16,20,397 मतदाताओं ने वोट दिया जो कि केवल 50 फीसदी टर्नआउट था.

2014 का जनादेश
मलकाजगिरी में 2014 के लोकसभा चुनावों में पहले पांच उम्मीदवारों को एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे. यहां से टीडीपी के माला रेड्डी ने टीआरएस के हनुमंत राव को करीब 30 हजार वोटों से मात दी थी. माला रेड्डी को 32.30 फीसदी यानी 5,23,336 वोट मिले थे तो दूसरे नंबर पर रहे हनुमंत राव को 30.54 फीसदी यानी 4,94,965 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के एस. सत्यनारायण रहे थे, जो पिछली बार यहां से सांसद भी थे. उन्हें 2,33,711 (14.42 फीसदी) वोट मिले थे. चौथे नंबर पर लोक सत्ता पार्टी के जयप्रकाश नारायण एन. रहे थे, उन्हें 1,58,243 वोट मिले थे. पांचवें नंबर पर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी. दिनेश रेड्डी रहे थे. उन्हें 1,15,243 वोट मिले थे.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

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मलकाजगिरी से सांसद माला रेड्डी की संसद में उपस्थिति ठीक रही है. वह 80 फीसदी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रहे हैं, जबकि इस मामले में उनके राज्य के सांसदों का औसत 69 फीसदी और राष्ट्रीय औसत 80 फीसदी है. उन्होंने इस दौरान केवल 21 बहसों में हिस्सा लिया, जबकि इस मामले में राष्ट्रीय औसत 63.8 बहसों का और उनके राज्य का औसत 36.7 बहसों का है. इस दौरान उन्होंने 426 सवाल पूछने का काम किया. इस मामले में राष्ट्रीय औसत 285 सवालों का और राज्य का औसत 295 सवालों का है. इस दौरान माला रेड्डी एक प्राइवेट मेंबर बिल भी लाए. माला रेड्डी को अपने निर्वाचन क्षेत्र में 15 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे जो ब्याज समेत मिलाकर 20.31 करोड़ रुपये हो गए थे. इसमें से उन्होंने 17.66 करोड़ रुपये खर्च किए, जो कि उनके मूल आवंटित फंड का 116.09 फीसदी था. उनके फंड के 2.65 करोड़ रुपये बिना खर्च किए रह गए थे.

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