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कांग्रेस का गढ़ रही है आंध्र प्रदेश से सटी नगरकुरनूल लोकसभा सीट

नगरकुरनूल लोकसभा सीट 1962 में तीसरे आम चुनावों के दौरान अस्तित्व में आई थी. तब यह गडवाल सीट का हिस्सा हुआ करती थी. इस सीट पर अधिकांश समय कांग्रेस का कब्जा ही रहा है. बीच-बीच में यहां पर तेलंगाना प्रजा राज्यम समिति और तेलुगू देशम पार्टी भी जीतती रही है. यहां पर हुए 14 लोकसभा चुनावों में से 9 बार कांग्रेस को जीत मिली है तो 4 बार टीडीपी को और एक बार प्रजा राज्यम समिति को जीत मिली है.

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नगरकुरनूल लोकसभा सीट
नगरकुरनूल लोकसभा सीट

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तेलंगाना की नगरकुरनूल लोकसभा सीट यहां के महबूबनगर जिले में स्थित है. इस लोकसभा सीट की सीमा आंध्र प्रदेश से लगती है. नगरकुरनूल जिले का निर्माण तेलंगाना राज्य में हुआ था. इससे पहले यह महबूबनगर जिले का ही हिस्सा था. यह लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है. फिलहाल यह सीट कांग्रेस के पास है. यहां से कांग्रेस के येल्ला नंदी सांसद हैं. वह यहां से पहली बार सांसद चुने गए हैं.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

नगरकुरनूल लोकसभा सीट 1962 में तीसरे आम चुनावों के दौरान अस्तित्व में आई थी. तब यह गडवाल सीट का हिस्सा हुआ करती थी. इस सीट पर अधिकांश समय कांग्रेस का कब्जा ही रहा है. बीच-बीच में यहां पर तेलंगाना प्रजा राज्यम समिति और तेलुगू देशम पार्टी भी जीतती रही है. यहां पर हुए 14 लोकसभा चुनावों में से 9 बार कांग्रेस को जीत मिली है तो 4 बार टीडीपी को और एक बार प्रजा राज्यम समिति को जीत मिली है. यहां से मंडा जगन्नाथ लगातार तीन बार सांसद रह चुके हैं, एक बार कांग्रेस और दो बार टीडीपी के टिकट पर.

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सामाजिक ताना-बाना

2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की करीब  90 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है तो करीब 10 फीसदी आबादी शहरी इलाकों में रहती है. यहां पर अनुसूचित जाति की आबादी कुल आबादी की 19.63 फीसदी है और अनुसूचित जनजाति की आबादी कुल आबादी की 9.31 फीसदी है. नगरकुरनूल लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें- वानापार्थी, गडवाल, आलमपुर, नगरकुरनूल, अचम्पेट, कालवाकुरथी और कोल्लापुर आती हैं. इनमें से आलमपुर सीट अनुसूचित जाति और अचम्पेट सीट अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है. बाकी पांच सीटें अनारक्षित हैं. 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में छह सीटों पर टीआरएस और एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी.

नगरकुरनूल में लगभग बराबर संख्या में महिला और पुरुष मतदाता हैं. 7,45,038 पुरुष और 7,32,300 महिला यानी कुल 14,77,338 मतदाता हैं. 2014 में हुए आम चुनावों में यहां पर 75 फीसदी से ज्यादा वोटर टर्नआउट हुआ था.

2014 का जनादेश

2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के येल्ला नंदी को जीत मिली थी. उन्होंने करीबी मुकाबले में टीआरएस के मंडा जगन्नाथ को करीब 17 हजार वोटों के अंतर से मात दी थी. कांग्रेस नेता को 37.88 फीसदी यानी 4,20,075 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे मंडा जगन्नाथ को 36.38 फीसदी यानी 4,03,399 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर टीडीपी उम्मीदवार बी. नरसिमलू रहे थे, उन्हें 1,83,312 वोट मिले थे. वहीं, 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में रहे मंडा जगन्नाथ को जीत मिली थी. उन्होंने टीआरएस के जी. बालाराजू को करीब 50 हजार वोटों के अंतर से मात दी थी.

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सांसद का रिपोर्ट कार्ड

नगरकुरनूल के सांसद येल्ला नंदी की संसद में मौजूदगी 71 फीसदी रही. वह इस मामले में राष्ट्रीय औसत- 80 फीसदी से तो पीछे रहे, लेकिन अपने राज्य के सांसदों के औसत- 69 फीसदी से आगे रहे. इस दौरान उन्होंने केवल 7 बहसों में हिस्सा लिया, जबकि इस मामले में राष्ट्रीय औसत 65.3 बहस और राज्य का औसत 38.2 बहसों का है. येल्ला नंदी ने सदन में 166 सवाल पूछे. इस मामले में भी वह राष्ट्रीय औसत- 285 सवालों और राज्य के औसत- 295 सवालों से काफी पीछे रहे. वह एक भी प्राइवेट मेंबर बिल नहीं लाए. येल्ला नंदी को अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 20 करोड़ रुपये की रकम आवंटित हुई थी. इसमें से उन्होंने 19.25 करोड़ (ब्याज समेत फंड में से) रुपये विकास कार्यों में लगाए, जो कि मूल आवंटित फंड का 94.49 फीसदी है. उनके फंड में से 2.52 करोड़ रुपये बिना खर्च किए रह गए.

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