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अंबाला लोकसभा: सीट सुरक्षित, लेकिन नेताओं के लिए हमेशा 'असुरक्षित'

वैसे तो हरियाणा का अंबाला लोकसभा सीट सुरक्षित है. लेकिन इसके बावजूद यह सीट हमेशा हरियाणा की राजनीति में अहम स्थान रखता है. फिलहाल सीट पर बीजेपी का कब्जा है, लेकिन कांग्रेस 2019 में वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है. यहां से कांग्रेस की बड़ी नेता कुमारी शैलजा दो बार चुनी गई हैं.

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अंबाला सीट पर बीजेपी-कांग्रेस दोनों की नजर
अंबाला सीट पर बीजेपी-कांग्रेस दोनों की नजर

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हरियाणा का अंबाला शहर औद्योगिक के साथ-साथ इतिहास के नजरिये से भी अहम है. यह शहर दिल्ली से 200 किलोमीटर उत्तर दिशा में स्थित है. अंबाला छावनी भारत का प्रमुख सैन्य ठिकानों में से एक है. इस शहर को विज्ञान नगरी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां वैज्ञानिक उपकरण उद्योग केंद्रित है. भारत के वैज्ञानिक उपकरणों का लगभग 40 फीसद प्रोडक्शन अंबाला में ही होता है.

वैसे तो हरियाणा का अंबाला लोकसभा सीट सुरक्षित है. लेकिन इसके बावजूद यह सीट हमेशा हरियाणा की राजनीति में अहम स्थान रखता है. फिलहाल सीट पर बीजेपी का कब्जा है, लेकिन कांग्रेस 2019 में वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है. यहां से कांग्रेस की बड़ी नेता कुमारी शैलजा दो बार चुनी गई हैं. वैसे सूबे में बीजेपी की सरकार है और 2014 में बड़े अंतर से इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी. ऐसे में बीजेपी ने इस बार भी पूरी ताकत लगा दी है कि सीट पर कब्जा बरकरार रहे.

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2014 का जनादेश

दरअसल अंबाला लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के रत्तन लाल कटारिया सांसद हैं, 2014 के चुनाव में मोदी लहर की वजह से इस सीट पर कटारिया ने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार को 3,40,074 वोटों से हराया था. कटारिया को 50 फीसद वोट के साथ कुल 6,12,121 वोट पड़े थे. जबकि कांग्रेस के राजकुमार बाल्मिकी को करीब 22 फीसदी वोट के साथ 2,72,047 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर रहीं INLD की डॉ. कुसुम शेरवाल को 1,29,571 वोट मिले थे.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

अंबाला लोकसभा सीट पर 1952 से लेकर 2014 तक 10 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है, जबकि 4 चुनाव में बीजेपी ने कब्जा किया. बीजेपी के कटारिया ने 2014 से पहले 1999 में भी यहां जीत दर्ज की थी. जबकि 2004 और 2009 में कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने अंबाला सीट से जीत हासिल की थीं.

2014 के चुनाव के मुताबिक अंबाला में कुल 16,92227 रजिस्टर्ड वोटर्स हैं. जिसमें से 12,18,995 वोटर्स ने 2014 में अपने मतों का इस्तेमाल किया था. यहां पुरुष मतदाताओं की संख्या 6,91,750 और महिलाओं मतदाताओं की तादाद 5,73,157 है. अंबाला लोकसभा के अंदर 9 विधानसा क्षेत्र हैं. जिनके नाम- कालका, पंचकूला, नारायणगढ़, अंबाला कैंट, अंबाला सिटी, मुल्लना, सधौरा, जगाधारी और यमुनानगर है. 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान यहां पर 1415 पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे.

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सांसद का रिपोर्ट कार्ड

19 दिसंबर 1951 को जन्मे रत्तन लाल कटारिया अंबाला से दो बार लोकसभा सदस्य चुने गए हैं. 16वीं लोकसभा के दौरान संसद में 127 डिबेट के दौरान इन्होंने हिस्सा लिया. इस दौरान कटारिया ने 5 प्राइवेट मेंमर बिल पर संसद की मुहर लगवाई. जबकि संसद में तमाम मसलों पर बीजेपी सांसद ने अपने कार्यकाल में 285 सवाल पूछे. वहीं सांसद ने अबतक अपने सांसद निधि कोष का 85.37 फीसद रकम का इस्तेमाल किया है.

शहर का इतिहास

अंबाला शहर की स्थापना 14वीं शताब्दी में अम्बा नाम के राजपूत ने की थी, पर्यटन के नजरिये से अंबाला शहर में अंबिका देवी का मंदिर मशहूर है. नवरात्र पर यहां बड़ा आयोजन होता है. मां अंबिका के दर्शन के लिए पंजाब के अलावा उत्तर प्रदेश से भी लोग आते हैं. अंबिका देवी का संबंध महाभारत काल से है, इस मंदिर के नजदीक में नोरंगराय तालाब स्थित है, जिसके बीच में विष्णु के अवतार वामन भगवान की प्रतिमा स्थापित है. एक अन्‍य मत यह भी है कि यहां पर आमों के बहुत बगीचे थे, जिससे इस शहर का नाम अम्‍बा वाला अर्थात अंबाला पड़ा. आजादी के केंद्र भी अंबाला शहर रहा है. 1857 के विद्रोह में अंबाला शहर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

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