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बागलकोट में लगातार 3 बार से जीत रही है बीजेपी, कांग्रेस कर पाएगी वापसी?

बागलकोट सीट पर अब तक हुए कुल चुनावों में 8 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है जबकि 3 बार यह सीट बीजेपी के खाते में गई है. इसके अलावा जनता दल और लोक शक्ति पार्टी ने भी 1-1 बार यहां से चुनाव जीता है.

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बीजेपी सांसद पी. सी. गद्दीगौदर
बीजेपी सांसद पी. सी. गद्दीगौदर

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कर्नाटक की बागलकोट लोकसभा सीट से बीजेपी के पी.सी. गद्दीगौदर सांसद हैं और यह सीट साल 1967 में ही अस्तित्व में आई है. बागलकोट लोकसभा के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें भी आती हैं. मुंबई कर्नाटक क्षेत्र की बागलकोट सीट पर करीब 16.5 लाख वोटर हैं जिनमें 9 लाख पुरुष और 7.5 लाख महिला वोटर शामिल हैं.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

आजादी के बाद बागलकोट लोकसभा सीट बॉम्बे स्टेट में आती थी तब इसका नाम बीजापुर दक्षिण सीट होता था. इसके बाद साल 1957 के लोकसभा चुनाव में यह सीट मैसूर स्टेट में आ गई. इस दौरान यहां से 1957 और 1962 के चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. साल 1967 में मैसूर स्टेट के अंतर्गत ही इसे लोकसभा सीट बनाया गया. इस सीट पर अब तक हुए कुल चुनावों में 8 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है जबकि 3 बार यह सीट बीजेपी के खाते में गई है. इसके अलावा जनता दल और लोक शक्ति पार्टी ने भी 1-1 बार यहां से चुनाव जीता है.

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सामाजिक तानाबाना

बागलकोट लोकसभा सीट के अंतर्गत करीब 21 लाख की आबादी आती है जिसमें 70 फीसदी ग्रामीण और 30 फीसदी शहरी आबादी शामिल है. क्षेत्र में कुल आबादी का 16 फीसदी हिस्सा अनुसूचित जाति और 5 फीसदी हिस्सा अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखता है.

2014 का जनादेश

पिछले लोकसभा चुनाव में यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच था. नतीजों में बीजेपी के पी. सी. गद्दीगौदर को 5.71 लाख वोट मिले और कांग्रेस के अजय कुमार को 4.54 वोट हासिल हुए. इस तरह बीजेपी ने बागलकोट सीट पर करीब 1.16 लाख वोटों से जीत दर्ज की. इस चुनाव में 68 फीसदी मतदान हुआ. नतीजों में दोनों मुख्य दलों के अलावा किसी भी उम्मीदवार को एक फीसदी से ज्यादा वोट हासिल नहीं हुए. चौथे नंबर पर बसपा प्रत्याशी को सिर्फ 0.7 फीसदी वोट मिले थे जबकि तीसरे नंबर पर रहे निर्दलीय उम्मीदवार को एक फीसद वोट हासिल हुए थे.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

बीजेपी सांसद पी. सी. गद्दीगौदर (68) लगातार तीन बार से बागलकोट लोकसभा सीट से चुनाव जीत रहे हैं. उन्होंने 2004, 2009 और 2014 के चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया है. पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने पौने चार करोड़ की संपत्ति घोषित की थी और उनका कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. सांसद गद्दीगौदर की शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो वो स्नातक और एलएलबी की डिग्री हासिल किए हुए हैं. पेशे से वकील गद्दीगौदर पहली बार 1988 में कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य बने थे और 2004 से लगातार सांसद चुने जा रहे हैं. वह लोकसभा में विदेश मामलों, पंचायती राज और सड़क परिवहन की संसदीय समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं.

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लोकसभा में सांसद की उपस्थिति का रिकॉर्ड भी अच्छा रहा और उन्होंने कुल 321 में से 275 बैठकों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है. इसके अलावा उन्होंने 94 प्रश्न भी पूछे और 8 चर्चाओं में हिस्सा भी लिया है. गद्दीगौदर ने अपनी कुल सांसद निधि 25 करोड़ की करीब 65 फीसदी राशि संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए खर्च की है.

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