भारतीय जनता पार्टी ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए सोमवार को संकल्प पत्र जारी किया. इस दौरान बीजेपी ने अपने सबसे पुराने वादे राम मंदिर निर्माण को संकल्प पत्र के 40वें पेज पर जगह दी है. इतना ही नहीं इस राम मंदिर के निर्माण की बात को बीजेपी ने महज 2 लाइन में सीमित कर दिया. जबकि एक दौर में इसी मुद्दे के जरिए बीजेपी 2 सीटों से बढ़कर 85 पर पहुंच गई थी और आज केंद्र व देश के आधे से ज्यादा राज्यों की सत्ता पर काबिज होकर दुनिया की सबसे बड़ा राजनीतिक दल बन गई है.
बीजेपी ने संकल्प पत्र में कहा है, 'राम मंदिर पर भाजपा अपना वादा दोहराती है. संविधान के दायरे में रहकर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए सभी संभावनाओं को तलाशा जाएगा और इसके लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाएंगे.'
राम मंदिर मुद्दे ने भारतीय राजनीति की दशा और दिशा को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया है. राम मंदिर मुद्दे के जरिए बीजेपी अपना राजनीतिक आधार बनाने में कामयाब रही थी. लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे थे.1980 में बीजेपी का गठन हुआ और पार्टी बनने के बाद ही उसने खुलकर राम मंदिर आंदोलन का मोर्चा संभाला. बीजेपी के गठन के 4 साल बाद चुनाव हुए तो बीजेपी के दो सांसद जीते.
लेकिन, 1989 में बीजेपी ने पलमपुर अधिवेशन में राम मंदिर आंदोलन को धार देने का फैसला किया. इसका नतीजा था कि बीजेपी अपने गठन के 9 साल के बाद 1989 के लोकसभा चुनाव में 2 सीट से बढ़कर 85 पर पहुंच गई. इतना ही नहीं कांग्रेस को सत्ता में आने से रोकने के लिए बीजेपी ने वीपी सिंह की सरकार को समर्थन देकर केंद्र में सरकार बनवाई.
राम मंदिर मुद्दे के राजनीतिक फायदे को देखते हुए बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर से अयोध्या के लिए रथ यात्रा निकाली. इसका बीजेपी को जमकर फायदा मिला. 1991 में यूपी में विधानसभा चुनाव हुए तो बीजेपी ने 221 सीटें जीतकर सूबे की सत्ता पर कब्जा कर लिया. सत्ता के सिंहासन पर कल्याण सिंह की सीएम के रूप में ताजपोशी हुई. यही नहीं मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में बीजेपी की सरकार बनी. 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कारसेवक एकजुट हुए और बीजेपी के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने बाबरी मस्जिद को गिरा दिया. इसके बाद भी बीजेपी का सियासी सफर नहीं रुका बल्कि और आगे बढ़ता गया.
देश में एक के बाद एक राज्य में बीजेपी की सरकार बनी और केंद्र की सत्ता में 1996, 1998 और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार बनी. 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में काबिज हुई और आज देश के ज्यादातर राज्यों में बीजेपी की सरकार है.
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