तेलंगाना की चेवेल्ला लोकसभा सीट पर रोचक मुकाबला होने के आसार हैं. टीआरएस ने उम्मीदवार बदलते हुए इस बार डॉ. जी. रंजीत रेड्डी ( Dr. G. Ranjith Reddy) पर दांव लगाया है जिन्हें कांग्रेस उम्मीदवार Konda Vishweshwar Reddy से कड़ी टक्कर मिलने वाली है. बीजेपी ने B. Janardhan Reddy को मैदान में उतारा है. देखने वाली बात होगी कि विधानसभा सीटों में विपक्ष को करारी मात देने वाली टीआरएस 11 अप्रैल की वोटिंग में इस लोकसभा सीट पर अपना दबदबा बरकरार रख पाती है या नहीं?
बता दें कि तेलंगाना की सभी 17 सीटों पर 11 अप्रैल को पहले फेज में मतदान होना है. 10 मार्च को लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा होने के बाद देश, चुनावी माहौल में आ गया है. 18 मार्च को इस सीट के लिए नोटिफिकेशन निकला, 25 मार्च को नोमिनेशन की अंतिम तारीख, 26 मार्च को उम्मीदवारों की अंतिम लिस्ट पर मुहर लगी. अब 11 अप्रैल के मतदान के लिए सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है.
तेलंगाना राष्ट्र समिति सरकार की पिछले पांच सालों में दोनों हाथों से बांटी गई खैरात के सैलाब में विपक्षी पार्टियां इस तरह बह गई हैं कि इस चुनाव में उन्हें किनारा नजर नहीं आ रहा. देश के सबसे नए राज्य में एक नया राजनीतिक फार्मूला उभरा है. विकास, खैरात और नेताओं की खरीद-फरोख्त. इसका रिजल्ट निकल कर आ रहा है विपक्ष का सफाया. मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की लोकप्रियता के सामने टिकने वाला कोई दूसरा नेता राज्य में दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता. विपक्षी पार्टियों के नेता भी दबी जुबान से इससे सहमत नजर आते हैं.
भाजपा यहां कमजोर जरूर रही है, पर नमो के अपने फैन हैं खासकर हैदराबाद के इलाके में. यहां कहा जाता है, 'दो ही शेर होता, इधर केसीआर, दिल्ली में मोदी.' पर क्योंकि उनके सामने दो में से एक ही शेर चुनने की मजबूरी है, तो उनकी पसंद साफ है. तेलंगाना के नतीजे भी शीशे की तरह साफ नजर आ रहे हैं बशर्ते वोटिंग से पहले देशी की राजनीति में कुछ उलट-फेर न हो जाए.
चेवेल्ला (Chelvella) लोकसभा सीट तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में पड़ती है. यह सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कई बड़े आईटी हब आते हैं, जिनमें माधापुर, गाचिबोली, कोंडापुर और मियांपुर जैसे इलाके आते हैं. फिलहाल यहां से तेलंगाना राष्ट्र समिति के कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी (Konda Vishweshwar Reddy) सांसद हैं. वह पहली बार इस सीट से सांसद चुने गए हैं. हालांकि, अब वह टीआरएस का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
चेवेल्ला लोकसभा सीट 2008 में लोकसभा सीटों के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. यहां पर दो ही लोकसभा चुनाव हुए हैं. पहला 2009 में, जब यह सीट आंध्र प्रदेश में थी, दूसरी बार 2014 में जब यह सीट तेलंगाना राज्य में आ गई. 2009 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के कद्दावर नेता जयपाल रेड्डी यहां सांसद चुने गए थे. 15वीं लोकसभा में उनके पास साइंस और टेक्नोलॉजी और अर्थ साइंस के मंत्रालयों का प्रभार था. इससे पहले वह 1998 में पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल की कैबिनेट में सूचना और प्रसारण मंत्रालय का प्रभार भी संभाल चुके हैं. 1999 में उनकी 21 साल बाद कांग्रेस में वापसी हुई. इसके बाद वह यूपीए-1 में वह शहरी विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. यूपीए-2 में उनके पास शहरी विकास मंत्रालय और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की भी जिम्मेदारी रही. 2014 के चुनावों में टीआरएस के कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी को जीत मिली.
सामाजिक ताना-बाना
2011 की जनगणना के मुताबिक चेवेल्ला की करीब 50 फीसदी आबादी शहरी इलाकों में रहती है और 50 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में आती है. इस सीट पर अनुसूचित जाति की आबादी 14.71 फीसदी है और अनुसूचित जनजाति की आबादी 5.7 फीसदी. चेवेल्ला में 11,53,049 पुरुष और 10,32,130 महिला मतदाता हैं. इनकी कुल संख्या 13,15,862 ठहरती है. हालांकि, इस सीट पर भी वोटर टर्नआउट काफी कम देखने को मिलता है. 2014 के लोकसभा चुनावों में यहां पर केवल 60.22 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था, जिसमें 60.43 फीसदी पुरुष मतदाताओं और 59.98 फीसदी महिला मतदाताओं ने वोट दिया था. चेवेल्ला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें आती हैं. ये सीटें महेस्वरम, राजेंद्रनगर, सेरीलिंगमपल्ली, चेवेल्ला, पारगी, विकाराबाद, तन्दूर की हैं. इनमें चेवेल्ला और विकाराबाद सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं और बाकी सीटें अनारक्षित हैं. यहां पर 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में राजेंद्रनगर, सेरीलिंगमपल्ली, चेवेल्ला, पारगी और विकाराबाद में टीआरएस के विधायक हैं तो महेस्वरम और तन्दूर में कांग्रेस के विधायक हैं.
2014 का जनादेश
चेवेल्ला में 2014 में हुए लोक सभा चुनावों में टीआरएस, कांग्रेस और टीडीपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था. इन चुनावों में टीआरएस के कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी को 33.06 फीसदी यानी 4,35,077 वोट मिले थे और वह पहले नंबर पर रहे थे. उन्होंने कांग्रेस के पी. कार्तिक रेड्डी को 73 हजार वोटों से हराया था. कांग्रेस के पी. कार्तिक रेड्डी को 27.51 फीसदी यानी 3,62,054 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर टीडीपी के टी. वीरेंदर गौड रहे थे. उन्हें 26.84 फीसदी वोट यानी 3,53,203 वोट मिले थे. दूसरे और तीसरे नंबर के बीच में 9 हजार से भी कम वोटों का अंतर रहा था.
चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर