कर्नाटक की दावनगेरे लोकसभा सीट सूबे की अहम सीटों में से एक है क्योंकि यहां से बीजेपी के सांसद जी. एम. सिद्देश्वरा हैं, जो केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा यह राज्य का छठा सबसे बड़ा शहर है और इसे कर्नाटक की मैनचेस्टर कहा जाता है. मोदी सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के लिए चुने गए देश के 100 शहरों में दावनगेरे का नाम भी शामिल है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
दावनगेरे लोकसभा सीट का उदय साल 1977 में हुआ था और यहां अब तक कुल 11 चुनाव हुए हैं जिनमें से 6 बार कांग्रेस को जीत मिली है. इस सीट पर 5 बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है जिसमें साल 1999 के लोकसभा चुनाव से लगातार 4 बार की जीत भी शामिल है. इसके अलावा मौजूदा बीजेपी सांसद जी. एम. सिद्देश्वरा साल 2004 से लगातार दावनगेरे से लोकसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं. इस लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें भी आती हैं.
सामाजिक तानाबाना
दावनगेरे की कुल आबादी 19.45 लाख है जिसका बड़ा हिस्सा ग्रामीण इलाके से आता है. इस सीट के अंतर्गत करीब 15.22 लाख वोटर आते हैं, जिनमें 7.72 लाख पुरुष वोटर और 7.50 लाख महिला वोटर शामिल हैं. यहां की कुल आबादी में 68 फीसदी ग्रामीण और 32 फीसदी जनता शहरी इलाके से आती है. इसके अलावा इस क्षेत्र की 20 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति वर्ग से आती है और 12 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति वर्ग से ताल्लुक रखती है.
2014 का जनादेश
पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के जीएम सिद्देश्वरा को यहां से जीत मिली थी, उन्होंने कांग्रेस के एस.एस. मल्लिकार्जुन को 17,602 वोटों से हराया था. इस चुनाव में बीजेपी को 5,18,894 और कांग्रेस को 5,01,287 वोट हासिल हुए थे. इसके अलावा पिछले चुनाव के नतीजों में जेडीएस को 4.2 फीसदी वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रही थी. इस चुनाव में करीब 72 फीसदी मतदान हुआ और 11 लाख से ज्यादा लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
जीएम सिद्देश्वरा (66) साल 2004 से दावनगेरे लोकसभा सीट से चुनाव जीत रहे हैं. मोदी सरकार में उन्हें सबसे पहले मई 2014 से नवंबर 2014 के बीच विमानन राज्यमंत्री बनाया गया. इसके बाद 2014-16 के बीच उन्हें केंद्र सरकार में भारी उद्योग राज्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी. इससे पहले वह 2009-10 में वह कर्नाटक बीजेपी के उपाध्यक्ष रह चुके हैं.
संसद में उनके प्रदर्शन की बात करें तो लोकसभा में उनकी उपस्थिति 64.57 फीसदी रही है. इसके अलावा सिद्देश्वरा ने लोकसभा की 3 चर्चाओं में हिस्सा लिया और विभिन्न मुद्दों पर 260 प्रश्न सदन में पूछे. उन्होंने अपनी सांसद निधि 25 करोड़ में से 22.45 करोड़ रुपये संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों में खर्च किए हैं. पिछले चुनाव में दिए हलफनामे के मुताबिक सांसद के पास करीब 21 करोड़ की संपत्ति है और उनपर कोई भी क्रिमिनल केस दर्ज नहीं है.