कर्नाटक की मांड्या लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और जेडीएस के बीच रहा है, हांलाकि इस बार दोनों दल विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव में गठबंधन करके लड़ रहे हैं. मांड्या इलाके में कावेरी समेत राज्य की 5 नदियां बहती हैं और ऐसे में यहां की जनता मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है. मांड्या चीनी के उत्पादन और धान की खेती के लिए जाना जाता है. इसके अलावा किसी जमाने में मांड्या टीपू सुल्तान की राजधानी हुआ करती है और इसी इलाके में साल 1901 में एशिया का पहला हाइड्रो पावर प्लांट लगाया गया था.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
मांड्या सीट पर अबतक 18 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं जिनमें 12 बार कांग्रेस को यहां से जीत मिली है. जेडीएस ने 3 बार यहां चुनाव जीता और 2 बार जनता दल, एक बार जनता पार्टी को मांड्या में सफलता मिली है. साल 1977 से पहले यह सीट मैसूर स्टेट का हिस्सा थी, इसके बाद कर्नाटक में शामिल हुई. इस सीट पर दो बार उपचुनाव भी हो चुके हैं. आजादी के बाद 1984 में पहली बार किसी गैर कांग्रेसी दल ने इस सीट से चुनाव जीता था और तब जनता पार्टी के के. वी. शंकरगौड़ा सांसद चुने गए थे.
बीते एक दशक से जेडीएस लगातार इस सीट से कांग्रेस को टक्कर दे रही है. 2014 में यहां से जेडीएस के सी. एस. पुट्टाराजू ने चुनाव जीता था लेकिन उन्होंने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद 2018 में यह सीट छोड़ थी. हालांकि मई 2018 में मांड्या सीट पर हुए उपचुनाव में फिर से जेडीएस के ही एल. आर. शिवराम गौड़ा यहां से चुनाव जीतने में सफल रहे थे. जेडीएस ने इस बार मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी को मांड्या से टिकट दिया है.
सामाजिक तानाबाना
मांड्या की कुल आबादी करीब 20.58 लाख है जिसमें करीब 16.69 मतदाता शामिल हैं. इस लोकसभा सीट पर पुरुष मतदाताओं की संख्या 8.39 लाख और महिला वोटरों की संख्या 8.30 लाख है. इसके अलावा यहां की 83 फीसदी आबादी ग्रामीण और 17 फीसदी आबादी शहरी है. मांड्या लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें भी आती हैं.
2014 का जनादेश
बीते आम चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस और जेडीएस के बीच मुकाबला था. 2014 के चुनाव में जेडीएस के सी.एस. पुट्टाराजू ने कांग्रेस उम्मीदवार और अभिनेत्री राम्या को करीब 5.5 हजार वोटों से हराया था. तब जेडीएस को 5,24,370 वोट मिले थे और कांग्रेस को 5,18,852 वोट मिले थे. इस चुनाव में बीजेपी तीसरे नंबर की पार्टी थी और उसे 7 फीसदी के आस-पास वोट हासिल हुए थे. बसपा को इस चुनाव में दो फीसदी और AAP को 0.3 फीसदी वोट हासिल हुए थे. इस चुनाव में कुल 71 फीसदी वोटिंग हुई थी, जिसमें से कुल वोटरों के 44 फीसदी वोट जेडीएस और 43.7 फीसदी वोट कांग्रेस उम्मीदवार के खाते में गए थे.
2018 का उपचुनाव
मांड्या सीट पर मई 2018 में उपचुनाव कराया गया था क्योंकि तत्कालीन सांसद पुट्टाराजू ने विधानसभा चुनाव जीतकर यह सीट छोड़ दी थी. इस चुनाव में जेडीएस के एल. आर. शिवराम गौड़ा ने बीजेपी के डी. आर. सिद्धारमैया को करीब 3.25 लाख वोटों से शिकस्त दी थी. तब जेडीएस को 5,69,347 वोट मिले थे जबकि बीजेपी को 2,44,404 वोट हासिल हुए थे. इस चुनाव में कुल 64 फीसदी मतदान हुआ था.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
मांड्या से मौजूदा सांसद एल. आर. शिवराम गौड़ा (62) ने पिछले साल हुए उपचुनाव में जेडीएस के टिकट पर जीत दर्ज की थी. 2018 के चुनाव में दिए हलफमाने के मुताबिक गौड़ा के पास 98 करोड़ की संपत्ति है और उनपर 5 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
संसद में उनके प्रदर्शन की बात करें तो गौड़ा के सांसद बनने के बाद लोकसभा की 26 बैठकें हुई और वह सभी 26 बैठकों में मौजूद रहे. इसके अलावा उन्होंने सदन में 64 प्रश्न पूछे और एक चर्चा में हिस्सा भी लिया. गौड़ा को सांसद चुने हुए एक साल का वक्त भी नहीं हुआ है, ऐसे में उनकी ओर से खर्च की गई सांसद निधि का ब्यौरा दर्ज नहीं है.