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NCP ने जारी की पहली लिस्ट, सुप्रिया सुले बारामाती से फिर ठोकेंगी ताल

बारामती सीट से NCP ने शरद पवार की बेटी सुप्र‍िया सुले को एक बार फिर टिकट दिया है. सुले पिछले 2 बार से यहां की सांसद हैं. बारामती पवार परिवार का गढ़ माना जाता है.

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सुप्र‍िया सुले (फाइल फोटो)
सुप्र‍िया सुले (फाइल फोटो)

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NCP (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) ने लोकसभा चुनाव के लिए 10 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. NCP प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्र‍िया सुले को एक बार फिर बारामती सीट से टिकट दिया गया है. बता दें कि सुले पिछले 2 बार से यहां की सांसद हैं. बारामती पवार परिवार का गढ़ माना जाता है.

इस सीट से शरद पवार 6 बार सांसद रह चुके हैं. वहीं एक बार शरद पवार के भतीजे अजीत पवार भी इसी सीट से सांसद बन चुके हैं. पिछले 27 सालों से इस सीट पर पवार परिवार का राज रहा है. बारामती में 23 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.

2006 में पहली बार संसद में एंट्री

माइक्रो बायोलॉजी से बीएससी की डिग्री हासिल करने वालीं सुप्र‍िया सुले की 1991 में सदानंद भालचंद्र सुले से शादी हुई. सुले की केंद्रीय राजनीति में एंट्री साल 2006 में हुई, जब वह पहली बार राज्यसभा की सांसद बनीं. इसके बाद 2009 में वह पहली बार लोकसभा के लिए चुनी गईं. उन्होंने इस चुनाव में बीजेपी की कांता नलवाडे को हराया.

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सुले ने राज्य स्तर पर भ्रूण हत्या के खिलाफ काफी असरदार कैंपेन चलाया था. अपने नेतृत्व में सुले ने 2012 में 'राष्ट्रवादी युवती कांग्रेस' विंग भी बनाई जिसका उद्देश्य युवा लड़कियों को राजनीति के लिए तैयार करना था.

संसद में रहा है शानदार प्रदर्शन

सुप्र‍िया सुले का सांसद में प्रदर्शन शानदार रहा है. संसद में इनकी उपस्थिति 96 फीसदी रही. वहीं, इन्होंने 142 बहस में भाग लिया. संसद में इन्होंने 1156 प्रश्न पूछे. प्राइवेट मेंबर्स बिल लाने में इनका कोई सानी नहीं रहा. वह 22 बिल लेकर आईं.

बारामती लोकसभा सीट के बारे में

बारामती लोकसभा सीट में पहला चुनाव 1957 में हुआ. 1957 से 1977 तक ये सीट कांग्रेस के कब्जे में रही. 1977 में कांग्रेस विरोधी लहर के बाद इस सीट पर भारतीय लोक दल का सांसद बना. 1980 में इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी के साथ यहां भी इंदिरा कांग्रेस के शंकर राव पाटिल सांसद बने. इसके बाद इस सीट पर एंट्री हुई शरद पवार की.

1984 में वे भारतीय कांग्रेस (समाजवादी) से सांसद बने. 1985 में शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने तो ये सीट खाली हो गई. 1985 के उपचुनाव में जनता पार्टी के संभाजीराव काकाडे यहां से सांसद बने. इसके बाद इस सीट पर फिर से कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का दौर शुरू हुआ.

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1989 में कांग्रेस से शंकर राव पाटिल और फिर 1991 में अजीत पवार सांसद बने. 1991 में उपचुनाव हुए तो कांग्रेस से शरद पवार फिर सांसद बने. 1991 से 1998 तक कांग्रेस और फिर 1999 से 2009 तक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से शरद पवार सांसद रहे. उसके बाद उनकी बेटी सुप्र‍िया सुले इस सीट से सांसद बनीं जिन्होंने 2014 में भी जीत बरकरार रखी.

NCP ने किसको कहां से दिया टिकट

रायगढ़:- सुनील तटकरे

बारामती:- सुप्रिया सुले

सातारा:- उदयनराजे भोसले

कोल्हापुर:- धनंजय महाडिक

जलगाव:- गुलाबराव देवकर

परभणी:-राजेश विटेकर

मुंबई उत्तर पूर्व:- संजय दीना पाटिल

ठाणे:- आनंद परांजपे

कल्याण:- बाबाजी पाटिल

लक्षद्वीप:-मोहम्मद फैज़ल

हाथकनंगले:- स्वाभिमान शेतकरी संगठन के लिए छोड़ी गई

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