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कम्युनिस्टों को हमारे धर्म से दिक्कत, वायनाड से चुनाव लड़ने आए राहुल: PM मोदी

पीएम ने यहां कहा कि कांग्रेस अमेठी मॉडल ऑफ डेवलपमेंट का विजन केरल के लिए लेकर आई है. उन्होंने कहा, आज यहां स्थिति ये बना दी गई है कि भगवान का नाम तक नहीं ले सकते. भगवान का नाम लेने पर यहां की कम्युनिस्ट सरकार झूठे केस करती है, लाठियों से पिटवाती है. कम्युनिस्टों को हमारे पूजा-पाठ और धर्म-कर्म से दिक्कत है, ये हम जानते हैं, लेकिन वो आस्थावानों के अधिकारों को नहीं कुचल सकते.

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नरेंद्र मोदी (तस्वीर- PTI)
नरेंद्र मोदी (तस्वीर- PTI)

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केरल के त्रिवेंद्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला. केरल के वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ रहे राहुल पर तीखा प्रहार करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वो यहां संदेश देने के लिए नहीं बल्कि तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए आए हैं. कांग्रेस के अध्यक्ष को संसद पहुंचने के लिए यहां वायनाड आना पड़ रहा है.

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, 'कांग्रेस के नामदार का कहना है कि साउथ को मैसेज देना था, तभी वायनाड गया. उन्होंने सवाल किया कि  तिरुवनंतपुरम से मैसेज नहीं दिया जा सकता था क्या? ये तो राजधानी है. तिरुवनंतपुरम से नहीं तो पट्नमथिट्टा से ही मैदान में उतर जाते और बड़ा मैसेज जाता. ये मैसेज साउथ के लिए नहीं बल्कि ये मैसेज अपीजमेंट की पॉलिटिक्स (तुष्टिकरण की राजनीति) का है. जिसको कांग्रेस ने अपने विजन का हिस्सा बना लिया है.'

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पीएम ने यहां कहा कि कांग्रेस अमेठी मॉडल ऑफ डेवलपमेंट का विजन केरल के लिए लेकर आई है. उन्होंने कहा, 'आज यहां स्थिति ये बना दी गई है कि भगवान का नाम तक नहीं ले सकते. भगवान का नाम लेने पर यहां की कम्युनिस्ट सरकार झूठे केस करती है, लाठियों से पिटवाती है. कम्युनिस्टों को हमारे पूजा-पाठ और धर्म-कर्म से दिक्कत है, ये हम जानते हैं, लेकिन वो आस्थावानों के अधिकारों को नहीं कुचल सकते.'

'कांग्रेस का दोहरा चेहरा पहचानना जरूरी'

पीएम मोदी ने कहा कि राहुल कहते हैं, वो वामदलों के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे. लेकिन कांग्रेस और कम्युनिस्ट की विचारधारा अवसरवाद की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी केरल में एक दूसरे की नीतियों का विरोध करते हैं, आपस में लड़ते हैं और दिल्ली में सत्ता के लिए एक साथ आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी का स्टैंड क्लियर है लेकिन कांग्रेस डबल गेम खेल रही है. वो दिल्ली में कुछ कहती है और यहां कुछ और. उसके दोनों चेहरों को पहचानना जरूरी है.

उन्होंने कहा, 'जब सरकारें विचार और विजन के बजाय राजनीतिक हिंसा से चलती हैं, तो केरल जैसे स्वर्ग पर भी आंच आ जाती है. कांग्रेस और कम्युनिस्टों ने यहां के भाईचारे, आस्था और विश्वास के साथ क्या कर दिया है, ये आपके सामने है. सिर्फ सत्ता पाने के लिए अपनों का खून बहाना, ये केरल की संस्कृति नहीं है. आए दिन हिंसा, आए दिन हत्याएं. बच्चों को अनाथ कर देना, मांओं की कोख उजाड़ देना, ये केरल का कल्चर नहीं है.'

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उन्होंने कहा कि जब पूरा देश विकास के रास्ते पर चल पड़ा है तो केरल को कांग्रेस और कन्यूनिस्टों के इस कल्चर से मुक्ति जरूरी है. इसी हिंसक कांग्रेस-कम्युनिस्ट कल्चर ने यहां केरल में सैकड़ों बीजेपी-संघ कार्यकर्ताओं की जान ली है. लोकतंत्र में विचारधाराओं पर सरकारें बनती हैं, बिगड़ती हैं. नीतियों के आधार पर विरोध और समर्थन होते हैं.

'केरल का बच्चा बच्चा आस्था का चौकीदार बनकर खड़ा होगा'

पीएम मोदी ने कहा, 'भारत में हजारों सालों से जो परंपराएं विकसित हुई हैं, उन पर राजनीति के लिए किसी तरह का प्रहार हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. केरल का बच्चा-बच्चा इसका विरोध करेगा, आस्था का चौकीदार बनकर खड़ा होगा. मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि 23 मई को जब फिर एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनेगी तो कोर्ट से लेकर संसद तक हम लड़ेंगे. आस्था को संवैधानिक संरक्षण दिलाने का काम करेंगे.'

पीएम यही नहीं रुके, उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पर भी हमले किए. उन्होंने कहा, 'केरल में जाति, पंथ के आधार पर भेदभाव और भ्रष्टाचार गवर्नेंस का मॉडल बन चुका है. खुद मुख्यमंत्री पर लवलीन घोटाले के आरोप हैं, मंत्रियों पर गंभीर आरोप हैं. यहां तक की बाढ़ और तूफान से प्रभावित लोगों के लिए जो पैसा आया, उसको भी नहीं छोड़ा. अब तो ये भी साफ हो रहा है कि केरल की भीषण बाढ़, प्राकृतिक आपदा से ज्यादा सरकारी लापरवाही का परिणाम ही थी.'

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