कर्नाटक की उडुपी चिकमंगलूर सीट 2008 के हुए परिसीमन के बाद ही अस्तित्व में आई है और इस सीट पर अब तक तीन बार लोकसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें 2012 का उपचुनाव भी शामिल है. उडुपी चिकमंगलूर सीट पर बीजेपी हावी रही है और यहां सिर्फ एक बार उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी. इस लोकसभा सीट से कर्नाटक बीजेपी की बड़ी महिला नेता शोभा कारनदलाजे सांसद हैं. कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन में इस बार उडुपी लोकसभा सीट पर जेडीएस का उम्मीदवार बीजेपी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेगा.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
उडुपी चिकमंगलूर सीट पर 2009 में पहली बार चुनाव हुए थे और तब बीजेपी के डी.वी. सदानंद गौड़ा यहां से चुनकर लोकसभा पहुंचे थे. गौड़ा ने इस चुनाव में कांग्रेस के के. जयप्रकाश हेगड़े को करीब 27 हजार वोटों से हराया था. इसके बाद 2011 में जब बी.एस. येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा तो उनकी जगह सदानंद गौड़ा को सूबे का मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके बाद साल 2012 में हुए उपचुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के जयप्रकाश हेगड़े ने बीजेपी के वी. सुनील कुमार को शिकस्त दी. इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में शोभा कारनदलाजे उडुपी लोकसभा सीट जीतकर बीजेपी की वापसी कराने में सफल रहीं.
सामाजिक तानाबाना
उडुपी चिकमंगलूर लोकसभा सीट की आबादी 18,18,242 है, जिसमें करीब 13.87 लाख मतदाता शामिल हैं. इस सीट पर 6.79 लाख पुरुष और 7.08 लाख महिला वोटर आते हैं. इस लोकसभा सीट की 70 फीसदी आबादी ग्रामीण जबकि 30 फीसदी आबादी शहरी इलाके से आती है. इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग की आबादी 14.44 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की आबादी 5 फीसदी के करीब है. उडुपी चिकमंगलूर लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें भी आती हैं.
2014 का जनादेश
बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार शोभा कारनदलाजे ने कांग्रेस के जयप्रकाश हेगड़े को 1.81 लाख वोटों से शिकस्त दी थी. इस चुनाव में शोभा को 5,81,168 वोट मिले थे जबकि जयप्रकाश को 3,99,525 वोट हासिल हुए थे. इस चुनाव में करीब 10.34 लाख मतदाताओं ने वोट दिया और मतदान प्रतिशत 75 के करीब रहा था. 2014 के चुनाव में जेडीएस को 1.4 फीसदी वोट मिले थे जबकि चौथे पायदान पर सीपीआई रही, जिसे 0.9 फीसदी वोट हासिल हुए.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
उडुपी चिकमंगलूर से बीजेपी सांसद शोभा कारनदलाजे (52) पहली बार चुनकर लोकसभा पहुंची हैं. शोभा कर्नाटक सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री रह चुकी हैं. वह शुरू से ही आरएसएस की सदस्य हैं. कर्नाटक बीजेपी में कई पदों पर काम कर चुकीं शोभा साल 2004 में MLC बनीं, इसके बाद 2008 में उन्हें मंत्री बनाया गया था. शोभा ने ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सराहनीय काम किया जिसके बाद उन्हें राज्यभर में एक सफल लोकसेवक के रूप में पहचान मिली थी.
संसद में उनके प्रदर्शन पर गौर करें तो लोकभा में शोभा की उपस्थिति 90 फीसदी के करीब रही. सदन की कुल 331 में से 295 बैठकों में वह मौजूद रहीं, इस दौरान उन्होंने 734 सवाल भी किए. लोकसभा की 109 बैठकों में बीजेपी सांसद ने अपनी हिस्सेदारी दर्ज कराई है. शोभा कारनदलाजे ने अपनी सांसद निधि 25 करोड़ की 72 फीसदी राशि क्षेत्र के विकास के लिए अब तक खर्च की है. पिछले चुनाव में दिए हलफनामे के मुताबिक शोभा के पास कुल 7 करोड़ की संपत्ति है और उनपर कोई भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है.