लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान होने के साथ ही नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच कुछ ऐसी ही बयानबाजी देखने को मिली. दरअसल योगी आदित्यनाथ ने सपा-बसपा गठबंधन पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता ‘बुआ-बबुआ’ के गठबंधन को स्वीकार नहीं करेगी. जातिवाद, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का वक्त अब खत्म हो चुका है.
उन्होंने आगे लिखा कि उत्तर प्रदेश के राजनीतिक तौर पर जागरूक लोगों को पता है कि शून्य को पांच बार गुणा करने पर नतीजा भी शून्य ही आता है. यहां तक तो ये ट्वीट ठीक था, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने अपने इस ट्वीट में 'cock-a-snook' शब्द का इस्तेमाल किया. इस शब्द के जरिए अखिलेश को योगी पर निशाना साधने का मौका मिल गया.
योगी के इस ट्वीट के जवाब में अखिलेश ने भी ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में सीएम योगी पर तंज कसा. अखिलेश ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 'cock-a-snook' शब्द का अर्थ पूछ लिया.People of Uttar Pradesh will cock-a-snook at 'Bua and Babua' Alliance. Time for casteism, nepotism and corruption is over now and politically vigilant people of UP will make sure that 5 multiplied by zero results into zero this time.#उत्तरप्रदेश_74पार #PhirEkbarModiSarkar
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 13, 2019
अखिलेश ने लिखा ‘मुख्यमंत्री जी हम समझ नहीं सके! आप हिंदी में ‘cock-a-snook’ का मतलब बता दीजिए या बेहतर यह होगा कि आप इसको करके दिखा दीजिए, ताकि जनता भी समझ जाए उन्हें क्या करना है’.
मुख्य मंत्री जी हम समझ नहीं सके! आप हिंदी में “cock a snook” का मतलब बता दीजिए या बेहतर यह होगा कि आप इसको कर के दिखा दीजिए ताकि जनता भी समझ जाए उन्हें क्या करना है। https://t.co/MbnLRh5uNH
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 13, 2019
दरअसल ‘cock-a-snook’ का मतलब होता है something intentionally to show you have no respect for someone. इस मतलब हुआ कि जानबूझकर ये दिखना कि आप दूसरे को सम्मान नहीं दे रहे हैं.
बता दें कि लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटें उत्तर प्रदेश से ही आती है और दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर ही जाता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यूपी में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 71 सीटें हासिल की थी. वहीं इस बार उसका लक्ष्य 74 से ज्यादा सीटें का है.
बीजेपी को रोकने के लिए राज्य में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और RLD ने साथ चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. वहीं कांग्रेस भी इस बार के चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. पार्टी ने बेड़ा पार कराने के लिए पूर्वी यूपी की कमान प्रियंका गांधी को और पश्चिमी यूपी की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया को दी है. ऐसे में इस बार चुनाव खासतौर से यूपी में बेहद दिलचस्प होने वाला है