लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में 19 मई को 59 सीटों पर मतदान हो रहा है. इनमें पंजाब की सभी 13 सीटों में अमृतसर भी शामिल है. 2014 लोकसभा चुनाव की तरह बीजेपी ने 2019 में भी अमृतसर लोकसभा सीट पर बाहरी उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा है. केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी को बीजेपी ने कांग्रेस सांसद गुरजीत औजला के मुकाबले खड़ा किया है. हरदीप पुरी मोदी सरकार के 5 सालों पर वोट मांग रहे हैं और कांग्रेस की राज्य सरकार की नाकामी को मुद्दा बनाए हुए हैं, जबकि कांग्रेस सांसद गुरजीत औजला मोदी सरकार के 5 साल की नाकामियों को लेकर जनता के बीच है. हरदीप पुरी के बाहरी होने का मुद्दा भी कांग्रेस सांसद जोर-शोर से उठाए हुए है.
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी आश्वस्त हैं कि इस बार बीजेपी यहां से जीतेगी, क्योंकि मोदी की लहर नहीं बल्कि सुनामी है. मोदी नाम का सहारा लेकर हरदीप पुरी चुनाव जीतना चाहते हैं. हरदीप पुरी का यह भी कहना है कि कांग्रेस सरकार ने जो वादे किए थे वह पूरे नहीं किए, जबकि मोदी सरकार के 5 साल में देश ने बहुत विकास किया है. देश मोदी के हाथों में सुरक्षित है. हरदीप पुरी के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी और सनी देओल तक प्रचार कर चुके हैं.
गुरजीत औजला का कहना है कि मोदी सरकार हर फ्रंट पर नाकाम रही है और हरदीप पुरी को बाहर से लाकर बीजेपी ने यहां पर जनता के ऊपर थोपा है. उनका अमृतसर से कोई लेना देना नहीं है. गुरजीत औजला के लिए नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने कैंपेन किया है. कैप्टन अमरिंदर सिंह भी उनके लिए प्रचार कर चुके हैं. हालांकिं अमृतसर सिद्धू का इलाका है, लेकिन उन्होंने यहां कैम्पेन नहीं किया. केवल पंजाब के बठिंडा में ही 5 रैलियां की. इसके अलावा पठानकोट में प्रियंका गांधी के साथ रोड शो में शरीक हुए थे. नवजोत सिंह सिद्धू ने उप-चुनाव में गुरजीत औजला के लिए काफी कैम्पेन किया था. गुरजीत औजला का कहना है कि वह पिछली बार से ज्यादा मतों से इस बार फिर चुनाव जीतेंगे.
बता दें कि अमृतसर लोकसभा सीट में 9 विधानसभा क्षेत्र हैं. जिनमें से 8 पर कांग्रेस और एक पर अकाली दल का कब्जा है. मजीठा से सुखबीर सिंह बादल के साले विक्रम सिंह मजीठिया एमएलए हैं. 2014 में मोदी लहर के बावजूद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली कैप्टन अमरिंदर सिंह से चुनाव हार गए थे. उससे पहले बीजेपी के नवजोत सिंह यहां से सांसद रहे हैं. अमृतसर से लोकसभा का टिकट न दिए जाने के कारण ही नवजोत सिंह सिद्धू ने बीजेपी छोड़ दी थी और कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
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