पीयूष गोयल उन राजनीतिज्ञों में से हैं जो शांत रह कर अपना काम करते रहते हैं. यही कारण है कि बिना लोकसभा का कोई चुनाव लड़े उन्होंने मोदी सरकार में अहम मंत्रालय संभाले. रेल मंत्रालय में रेल मंत्री रहते हुए नए आयाम रचे. वहीं, कुछ समय तक देश के वित्तमंत्री रहते हुए लोक-लुभावन बजट पेश करने में कामयाब रहे. 54 साल के पीयूष गोयल, साफ और बिना लाग-लपेट के अपनी बात कहने के लिए जाने जाते हैं.
पीयूष वेदप्रकाश गोयल एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो मोदी सरकार में रेलवे, कोयला और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री हैं. इन्हें 3 सितंबर 2017 को कैबिनेट मंत्री के रूप में चुना गया था. ये अभी राज्यसभा के सदस्य हैं. इन्होंने 2014 के सोशल मीडिया आउटरीच सहित पार्टी के प्रचार प्रसार में में मुख्य भूमिका निभाई थी. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अनुपस्थिति में पीयूष गोयल ने मोदी सरकार का अंतिम बजट पेश किया था जो एक अंतरिम बजट था.
कोल क्षेत्र में सुधार लागू करने में बेहतरीन काम
बतौर ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने शानदार काम किया. बीजेपी आलाकमान ने महसूस किया कि उन्होंने ऊर्जा और कोल क्षेत्र में सुधार लागू करने में बेहतरीन काम किया है. बिना किसी भ्रष्टाचार के कोयला ब्लॉक का आवंटन भी उन्हीं की देखरेख में किया गया था. यह भी देखा गया है कि उत्पादकता में भी सुधार आया है, साथ ही शॉर्ट सप्लाई घटी है, जिससे आयात में बढ़ोतरी हुई.
पीयूष गोयल ने कोल इंडिया की स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में जरूरी कदम उठाए. उनके कार्यकाल में बिजली उत्पादन क्षमता में सुधार हुआ है, खासतौर पर रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में.
प्रचार, विज्ञापन और सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को साधने की जिम्मेदारी
साल 2014 के चुनाव के दौरान गोयल को प्रचार, विज्ञापन और सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को साधने की जिम्मेदारी दी गई थी. उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई और पार्टी आलाकमान की नजर उन पर पड़ी. वह एक सफल चार्टर्ड अकाउंटेंट और इंवेस्टमेंट बैंकर भी रह चुके हैं.
साल 2016 में कैबिनेट फेरबदल के दौरान गोयल के नाम पर चर्चा हुई थी, तब माना जा रहा था कि अरुण जेटली को वित्त मंत्री के तौर पर रिप्लेस कर सकते थे. उस समय तो यह नहीं हुआ लेकिन जब अरुण जेटली अपने इलाज के लिए विदेश में थे तब वित्त मंत्री के रूप में देश का बजट पेश करने का मौका इन्हें मिला.
बीजेपी पार्टी को मजबूत करने के लिए काफी मेहनत
पीयूष गोयल अपने पिता की तरह ही बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए हैं और इस वक्त ये राज्सभा से सांसद हैं. पीयूष गोयल, 1984 में बीजेपी में शामिल हुए थे. इनको इस पार्टी की और से तब भारतीय जनता युवा मोर्चा का सदस्य बनाया गया था. इन्होंने बीजेपी पार्टी को मजबूत करने के लिए काफी मेहनत की थी. साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में पीयूष गोयल को पार्टी के विज्ञापन अभियान और सोशल मीडिया का काम सौंपा गया था.
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा 297 से 303 सीटें जीतेगी
मोदी सरकार में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने नवंबर 2018 में ये दावा भी किया था कि उनके एक सर्वेक्षण के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 297 से 303 सीटें जीतेगी. इस सर्वेक्षण के लिए देश भर में 5.4 लाख से अधिक लोगों की प्रतिक्रिया ली गई थी.
पीयूष गोयल ने दावा करते हुए कहा था कि उन्होंने 2013 में भी इसी तरह का सर्वे कराया था और 2014 में भाजपा को पूर्ण बहुमत का अनुमान लगाया था जो सही साबित हुआ. 2019 के लिए अगस्त-सितंबर में यह सर्वेक्षण कराया गया उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों में खुद के दम पर 297-303 सीटें जीतती हुई लग रही है.
2010 में वे पहली बार राज्यसभा के सदस्य चुने गए
2001-2004 के दौरान पीयूष गोयल बैंक ऑफ बड़ौदा में सरकारी उम्मीदवार के रूप में निदेशक रहे. 2002 से 2004 के बीच वे भारत सरकार की रिवर्स इंटरलिंकिंग के बने कार्य बल में सदस्य रहे. 2004 से 2008 के बीचे वे भारतीय स्टेट बैंक में सरकार द्वारा नामित निदेशक रहे. 2010 से 2014 के दौरान वे बीजेपी के कोषाध्यक्ष रहे. जुलाई 2010 में वे पहली बार राज्यसभा के सदस्य चुने गए.
अगस्त 2010 से मई 2014 के बीच वे वित्त संबंधी स्थाई समिति के सदस्य भी रहे. अगस्त 2012 से मई 2014 तक वे राज्यसभा के सदस्यों को कंप्यूटर उपकरणों के प्रावधान पर समिति के सदस्य रहे. 26 मई 2014 से 3 सितंबर 2017 तक पीयूष गोयल, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), ऊर्जा मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और कोयला मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में रहे. साल 2016 में इन्हें दूसरी बार राज्यसभा सदस्य बनाया गया. 3 सितंबर 2017 को इन्हें रेल मंत्री बनाया गया.
मां रह चुकी हैं तीन बार विधायक, पिता केंद्रीय मंत्री
पीयूष गोयल का जन्म मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ. इनके पिता स्वर्गीय वेद प्रकाश गोयल थे जो की एक राजनीतिज्ञ थे. इन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जहाजरानी मंत्रालय संभाला था. पीयूष गोयल की मां चंद्रकांता गोयल, तीन बार विधायक रह चुकी हैं.
राजनीति में आने से पहले पीयूष इन्वेस्टमेंट बैंकर थे. दो बार इन्हें SBI और बैंक ऑफ बड़ौदा का डायरेक्टर भी बनाया गया था. पीयूष गोयल की शादी, सीमा गोयल से हुई. दोनों गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए एनजीओ भी चलाते हैं. इस शादी से इन्हें एक बेटा है जिसका नाम ध्रुव है और एक बेटी है जिसक नाम राधिका है.
पढ़ाई में आउटस्टैंडिंग रहे हैं गोयल
पीयूष गोयल पढ़ाई में हमेशा अच्छे रहे हैं. पीयूष गोयल ने चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा में पूरे भारत में दूसरा स्थान पाया था. मुंबई यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई एलएलबी में भी उन्हें दूसरा स्थान मिला था. येल यूनिवर्सिटी से लीडरशिप प्रोग्राम में भी भाग लिया था. पीयूष गोयल की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के डॉन बोस्को हाई स्कूल से हुई.