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शरद पवार की राजनीत‍िक व‍िरासत को आगे बढ़ा रहीं बेटी सुप्र‍िया सुले

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार की बेटी सुप्र‍िया सुले क‍िसी पर‍िचय की मोहताज नहीं हैं. सुप्र‍िया सुले को एक बार फिर बारामती सीट से टिकट दिया गया है जहां से वह वर्तमान में सांसद हैं. सुले पिछले दो बार से यहां की सांसद हैं. बारामती,  पवार परिवार का गढ़ माना जाता है. आइये जानते हैं लोकसभा चुनाव 2019 के रणक्षेत्र में उतरीं सुप्र‍िया सुले के बारे में ...

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बारामती लोकसभा सीट की सांसद सुप्र‍िया सुले (Photo: Facebook)
बारामती लोकसभा सीट की सांसद सुप्र‍िया सुले (Photo: Facebook)

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार की बेटी सुप्र‍िया सुले क‍िसी पर‍िचय की मोहताज नहीं हैं. सुप्र‍िया सुले को एक बार फिर बारामती सीट से टिकट दिया गया है जहां से वह वर्तमान में सांसद हैं. सुले पिछले दो बार से यहां की सांसद हैं. बारामती पवार परिवार का गढ़ माना जाता है.

संसद में अपनी बातों को जोरदार ढंग से रखने वाली सुप्रिया अपनी कॉलेज लाइफ में बेहद शर्मीले स्वभाव की थीं. उन्होंने पुणे के सेंट कोलंबस स्कूल से 12वीं तक पढ़ाई की और उसके बाद यहीं के एक कॉलेज से माइक्रो बायोलॉजी में बीएससी किया. कॉलेज में पढ़ने के दौरान उनकी ग‍िनी चुनी चार-पांच सहेलियां ही थीं. जब वे कॉलेज में थीं, तब उनके पिता शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. मुख्यमंत्री की बेटी होने के बावजूद वे सरकारी बस से कॉलेज आती-जाती थीं. उन्हें घर से रोज स‍िर्फ दस रुपये पॉकेट मनी मिलती थी.

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सुप्रिया कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद पुणे में अपने चाचा के यहां रहने लगी थीं. इसी दौरान उन्हें पुणे के एक अखबार में नौकरी मिल गई. पत्रकारिता करते हुए एक फैमिली फ्रेंड के यहां सुप्रिया की मुलाकात, अमेरिका में नौकरी करने वाले सदानंद सुले से हुई जो बाला साहेब के भांजे हैं.

व‍िदेशों में ब‍िताया समय

शादी से पहले सदानंद अमेरिका में नौकरी करते थे. शादी के बाद सुप्रिया भी कुछ साल के लिए अमेरिका गईं और उन्होंने बर्कले यूनिवर्सिटी में हायर स्टडीज करते हुए वाटर पॉल्यूशन को लेकर एक रिसर्च पेपर भी लिखा. इसके कुछ साल बाद सदानंद का सिंगापुर तबादला हो गया. तब सुप्रिया को भी अमेरिका छोड़ना पड़ा. सिंगापुर में कुछ साल रहने के दौरान दोनों ने कुछ समय जकार्ता में भी बिताया. कई देशों की यात्रा करने के बाद दोनों भारत लौटे.

सुप्र‍िया सुले का राजनीत‍िक सफर

माइक्रो बायोलॉजी से बीएससी की डिग्री हासिल करने वालीं सुप्र‍िया सुले की 1991 में सदानंद भालचंद्र सुले से शादी हुई थी. सुले की केंद्रीय राजनीति में एंट्री साल 2006 में हुई, जब वह पहली बार राज्यसभा की सांसद बनीं. इसके बाद 2009 में वह पहली बार लोकसभा के लिए चुनी गईं. उन्होंने इस चुनाव में बीजेपी की कांता नलवाडे को हराया. 2014 के लोकसभा चुनाव में सुप्र‍िया ने अपनी जीत जारी रखी और संसद में पहुंचीं.

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सामाजिक क्षेत्र में भी रहीं सक्र‍िय

सुले ने राज्य स्तर पर भ्रूण हत्या के खिलाफ काफी असरदार कैंपेन चलाया था. अपने नेतृत्व में सुले ने 2012 में 'राष्ट्रवादी युवती कांग्रेस' विंग भी बनाई जिसका उद्देश्य युवा लड़कियों को राजनीति के लिए तैयार करना था.

संसद में भी जोरदार  प्रदर्शन

सुप्र‍िया सुले का सांसद के रूप में प्रदर्शन शानदार रहा है. संसद में इनकी उपस्थिति 96 फीसदी रही. वहीं, इन्होंने 142 बहस में भाग लिया. संसद में इन्होंने 1156 प्रश्न पूछे. प्राइवेट मेंबर्स बिल लाने में इनका कोई सानी नहीं रहा. वह 22 बिल लेकर आईं.

सुप्र‍िया सुले का व‍िवाद‍ित बयान

सुप्र‍िया सुले ने 2016 में एक व‍िवाद‍ित बयान देते हुए कहा था क‍ि संसद में जब किसी मुद्दे पर लंबी चर्चा चलती है तो अक्सर वहां पर चटपटी बातों की चर्चा भी छिड़ जाती है. ऐसी ही बातों में साड़ी की चर्चा भी शामिल है. संसद में होने वाली चर्चा को हल्के में लेने वाले सुप्रिया सुले के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया होने से उन्होंने सफाई दी कि उनकी बात को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था.

सुप्र‍िया सुले के बारे में

सुप्र‍िया सुले का जन्म 30 जून 1969 को पुणे में हुआ. सुप्रिया की प‍िता व‍िख्यात राजनीत‍िज्ञ शरद पवार और मां प्रत‍िभा पवार हैं. सुप्र‍िया की सदानंद सुले से शादी हुई ज‍िनसे उनके एक बेटा व‍िजय और एक बेटी रेवती है.

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