लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण से पहले तमिलनाडु में सियासत गरमा गई है. तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष तमिलसाई सौंदर्यराजन ने दावा किया कि डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन बीजेपी के संपर्क में हैं. वह किसी के जरिए बातचीत कर रहे हैं. तमिलसाई ने कहा कि स्टालिन ने चुनावी हवा का रूख परख लिया है और जानते हैं कि भाजपा सरकार बनाने जा रही है. अब तक हुई भविष्यवाणी भी भाजपा की जीत की ओर इशारा करती है.
डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने बीजेपी अध्यक्ष तमिलासई को चुनौती दी कि वह साबित करें कि डीएमके बीजेपी के संपर्क में है. अगर तमिलसाई या नरेंद्र मोदी ये साबित कर देते हैं कि मैं बीजेपी के संपर्क में हूं तो राजनीति छोड़ दूंगा. यदि वे साबित नहीं कर पाते हैं तो क्या वे इस्तीफा देंगे ?
डीएमके प्रमुख ने तमिलसाई के दावे को झूठ बताया है. स्टालिन ने कहा कि डीएमके की जीत को देखते हुए भाजपा डर गई है. यही कारण है कि ऐसे बयान दिए जा रहे हैं. स्टालिन ने कहा कि डीएमके समझौते को लेकर बीजेपी और एआईडीएमके जैसी पार्टी नहीं है. हमारी मंशा शुरू से साफ रही है. स्टालिन ने कहा कि मैं पहला शख्स था, जिसने राहुल गांधी का नाम प्रधानमंत्री के लिए प्रस्तावित किया. मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि 23 मई को मोदी सरकार का जाना तय है. हम लगातार बीजेपी सरकार के कामकाज के खिलाफ मुखर रहे हैं. जब मैंने द्रमुक अध्यक्ष पद की शपथ ली थी तो मैंने सोच लिया था कि भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकना है.DMK President MK Stalin in a statement: If Tamilisai & Modi prove I was in contact with BJP to form an alliance with them, I'll quit politics. If they fail to prove, will she & Modi quit politics? I condemn the statement made by BJP State President Tamilisai. #TamilNadu https://t.co/qEVJff7MHy
— ANI (@ANI) May 14, 2019
इधर, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने स्टालिन से मुलाकात के बाद डीएमके के कोषाध्यक्ष Duraimurugan ने आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की. अमरावती में दोपहर के भोजन पर Duraimurugan के साथ सीएम और टीडीपी सांसद सीएम रमेश से मौजूद रहे. इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई.
बता दें कि इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की थर्ड फ्रंट बनाने की कोशिशों को झटका लगा था. केसीआर गैर-भाजपाई, गैर-कांग्रेसी फेडरल फ्रंट बनाना चाहते हैं. इसे लेकर उन्होंने सोमवार को डीएमके चीफ एमके स्टालिन से मुलाकात की, लेकिन नतीजा उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के सहयोगी स्टालिन ने केसीआर से भी कांग्रेस को ही समर्थन देने को कहा. स्टालिन 2 बार प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी के नाम की पैरवी कर चुके हैं.
पिछले हफ्ते राव ने अपनी कोशिशों के तहत केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से मुलाकात की थी. साथ ही स्टालिन से मिलने का वक्त मांगा था. लेकिन उस वक्त डीएमके चीफ कैंपेन में व्यस्त थे. उनकी पार्टी के नेताओं ने कहा था कि यह स्टालिन का संकेत है कि वह बैठक नहीं करना चाहते. सोमवार को दोनों नेताओं के बीच बैठक एक घंटे बैठक चली, जिसके बाद राव मीडिया से बिना बातचीत किए ही चले गए. डीएमके के हवाले से सूत्रों ने कहा कि स्टालिन ने फेडरल फ्रंट में शामिल होने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि केसीआर कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए को समर्थन दें.
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