लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. इस बार पंजाब के आनंदपुर साहिब लोकसभा क्षेत्र की लड़ाई बेहद दिलचस्प होती दिख रही है. रूपनगर जिले के हिस्से से बने आनंदपुर साहिब में परिसीमन के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव 2009 में हुआ था. वैसे तो यहां लड़ाई अकाली दल और कांग्रेस के बीच होती है. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (AAP) ने जबरदस्त टक्कर दी थी. ऐसे में इस बार की लड़ाई त्रिकोणीय होने की उम्मीद है. वर्तमान में इस सीट से शिरोमणि अकाली दल के प्रेमसिंह चंदूमाजरा सांसद हैं.
आनंदपुर साहिब के बारे में
सिखों के धार्मिक स्थलों में आनंदपुर साहिब का स्थान सबसे महत्वपूर्ण है. गुरु तेग बहादुर साहिब ने खुद इसकी स्थापना की थी, जबकि गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा गुजारा था. कहा जाता है कि इस पवित्र जगह पर गुरु जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी.
वर्तमान समीकरण
अगर वर्तमान समीकरण की बात करें तो कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी के मैदान में उतरने की संभावना है. हालांकि, वह चुनाव लड़ने के पक्ष में दिखाई नहीं दे रही हैं. अगर वह इंकार करती हैं तो उनके बिजनेसमैन पुत्र अनूप को यहां से खड़ा किया जा सकता है. इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने नरेंद्र सिंह शेरगिल का नाम यहां से तय किया है. हालांकि कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के शेरगिल कांग्रेस का वोट काट सकते हैं ऐसे में एक बार फिर अकाली दल को फायदा मिल सकता है.
पहली बार 2009 में चुनाव
परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में आनंदपुर साहिब लोकसभा अस्तित्व में आया. यहां पर पहली बार 2009 में लोकसभा के लिए लोगों ने मतदान किया था. यानी इस लोकसभा क्षेत्र में अब तक दो बार चुनाव हुआ है. पहली बार 2009 में कांग्रेस के रवनीत सिंह ने शिरोमणि अकाली दल के दलजीत सिंह चीमा को हराया, जबकि 2014 में शिरोमणि अकाली दल के प्रेमसिंह चंदूमाजरा यहां से जीते थे. उन्होंने कांग्रेस की दिग्गज नेत्री अंबिका सोनी को हराया था.
आनंदपुर साहिब लोकसभा क्षेत्र में 15 लाख से ज्यादा वोटर हैं. कुल वोटर में 7.50 लाख के करीब महिला मतदाता हैं जबकि 8 लाख से ज्यादा पुरुष मतदाता हैं. वहीं, आनंदपुर साहिब सीट के नौ विधानसभा क्षेत्रों में से कांग्रेस के पाले में 5, AAP के 3 और अकाली दल के पाले में एक सीट है.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
सांसद प्रेमसिंह चंदूमाजरा की सदन में औसत उपस्थिति 85 फीसदी की रही है, जबकि 188 बहस में उन्होंने हिस्सा लिया है. इसके अलावा सांसद ने कार्यकाल के दौरान 435 सवाल पूछे हैं. आखिरी बजट सेशन में सांसद की उपस्थिति 100 फीसदी रही. वह 1 सितम्बर 2014 से गृह कार्य संबंधी स्थायी समिति, परमर्शदात्री समिति, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्द्धार मंत्रालय के सदस्य हैं. सांसद की शिक्षा की बात करें तो वह पोस्ट ग्रेजुएट हैं.