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दुर्ग लोकसभा सीट: छत्तीसगढ़ की इकलौती सीट जहां पर है कांग्रेस का कब्जा

Durg Loksabha constituency 2019 लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. छत्तीसगढ़ की दुर्ग लोकसभा सीट का इतिहास सियासी उठापटक से भरपूर रहा है. पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 11 सीटों में से कांग्रेस को महज दुर्ग में कामयाबी मिली थी.

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दुर्ग लोकसभा सीट(फोटो-Goodle map)
दुर्ग लोकसभा सीट(फोटो-Goodle map)

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शिवनाथ नदी के पूर्वी तट पर स्थित दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास, सांस्कृतिक क्षमता, सामाजिक समरसता और संसाधनों के सार्थक उपयोग का प्रतीक है. दुर्ग संसदीय क्षेत्र छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले के पूरे क्षेत्र को कवर करता है. यह निर्वाचन क्षेत्र राजनीतिक तौर पर संवेदनशील और छत्तीसगढ़ सरकार की प्रमुख चिंताओं में से एक है, क्योंकि यह अक्सर लाल विद्रोहियों के निशाने पर रहा है, जिनके ठिकाने इस राज्य में हैं. दुर्ग शहर राज्य का अहम कृषि बाजार है होने के साथ ही दुर्ग जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है. इस सीट से वर्तमान सांसद कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू हैं. वहीं बीजेपी ने विजय बघेल को यहां से इस बार मैदान में उतारा है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

छत्तीसगढ़ की दुर्ग लोकसभा सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है. आजादी के बाद से दुर्ग लोकसभा सीट पर कुल 16 चुनाव हो चुके हैं. 1952 से 1999 के बीच बिलासपुर निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश का हिस्सा था. इसके बाद 2004 से 2014 में बतौर छत्तीसगढ़ का हिस्सा बिलासपुर में तीन लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. 1996 से इस क्षेत्र में बीजेपी का दबदबा रहा, लेकिन 2014 के चुनावों में कांग्रेस इस सीट को हथियाने में कामयाब रही. इस निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान में ताम्रध्वज साहू सांसद हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र से सबसे महत्वपूर्ण नेताओं में से एक चंदूलाल चंद्राकर ने लोकसभा के पांच चुनाव जीते हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए 1990 के अंत में कड़ी मेहनत की.

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बीजेपी ने 1996 से 2009 तक दुर्ग में लगातार 5 चुनाव जीते, जिनमें से चार तारा चंद साहू ने जीते. 2009 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, तारा चंद साहू को बीजेपी द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया गया था. जिसके नतीजतन उन्होंने राज्य में तीसरा मोर्चा खोलने छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच (CSM) की स्थापना की. इसके लिए उन्होंने  गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेसी दलों को एकजुट करने की कोशिश की. अब तक केवल बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला रहा है. उन्होंने 2009 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा. हालांकि, वे तीसरे पायदान पर रहे.

सामाजिक ताना-बाना

छत्तीसगढ़ के पश्चिमी क्षेत्रों में स्थित यह जिला राज्य का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र है. यह राज्य के सबसे महत्वपूर्ण और विकसित शहरों में से एक है. दुर्ग के पास भिलाई स्थित भिलाई स्टील प्लांट भारत का पहला और स्टील रेल का मुख्य उत्पादक है. महाभारत के प्रसिद्ध संगीतमय वर्णन 'पंडवानी' भी इस क्षेत्र की अहम पहचान है.

दुर्ग जिले का गठन 1 जनवरी, 1906 को रायपुर और बिलासपुर जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर कि‍या गया है. उस समय आज के राजनांदगांव और कबीरधाम (कवर्धा) जिले भी दुर्ग जिले के हिस्से हुआ करते थे. 26 जनवरी, 1973 को जिला दुर्ग का विभाजन हुआ और अलग राजनांदगांव जिला अस्तित्व में आया. 6 जुलाई 1998 को जिला राजनांदगांव भी विभाजित हो गया और नया कबीरधाम जिला अस्तित्व में आया. 1906 से पहले दुर्ग रायपुर जिले की एक तहसील है.

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1906 में दुर्ग जिले के गठन के दौरान इसमें दुर्ग, बेमेतरा और बालोद तीन तहसील थीं. 1 जनवरी, 2012 को फिर से हुए विभाजिन के परिणामस्वरूप दो और नए जिले बेमेतरा और बालोद अस्तित्व में आए.

दुर्ग लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की नौ सीटें आती हैं. इनमें से दो अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. जिनमें पाटन, दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, भिलाई नगर, वैशाली नगर, अहिवारा(एससी), साजा, बेमेतरा और नवागढ़(एससी) शामिल है.

भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार दुर्ग की आबादी 33,43,079 है. इस लोकसभा सीट पर 2014 में पुरुष मतदाताओं की संख्या 945,656 थी, जिनमें से 660,504 ने वोटिंग में भाग लिया. वहीं पंजीकृत 910,125 महिला वोटर्स में से 597,838 महिला वोटर्स ने भाग लिया था. इस तरह कुल 1,855,781 मतदाताओं में से कुल 1,258,342 ने चुनाव में अपनी हिस्सेदारी तय की. 2019 के सत्रहवें लोकसभा चुनाव में 1858922 मतदाता अपने क्षेत्र सांसद का चुनाव करेंगे.

2014 के चुनावों में दुर्ग सीट की स्थिति

ताम्रध्वज साहू         कांग्रेस    570687    45.35

सरोज पांडे              बीजेपी     553839    44.01

2009 के चुनावों में दुर्ग सीट की स्थिति

सरोज पांडे          बीजेपी     283170    31.27

प्रदीप चौबे           कांग्रेस    273216    30.17

2004 के चुनावों में दुर्ग सीट की स्थिति

ताराचंद साहू          बीजेपी     382757    50.24

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भूपेश बघेल            कांग्रेस    321289    42.17

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

इस सीट से वर्तमान सांसद ताम्रध्वज साहू हैं. 6 अगस्त 1949 को जन्मे ताम्रध्वज साहू पेशे से किसान है. उन्होंने महज हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा हासिल की है. उनकी पत्नी का नाम कमला साहू है और उनके परिवार में तीन बेटे और एक बेटी है.

विकास कार्यों पर सांसद निधि से खर्च

जनवरी, 2019 तक mplads.gov.in पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी सांसद ताम्रध्वज साहू ने अभी तक अपने सांसद निधि से क्षेत्र के विकास के लिए 23.78 करोड़ रुपए में से 22.54 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. उन्हें सांसद निधि से अभी तक 28.27 करोड़ (ब्याज के साथ) मिले हैं. इनमें से 5.72 करोड़ रुपये अभी खर्च नहीं किए गए हैं. उन्होंने जारी किए जा चुके रुपयों में से 90.16 फीसदी खर्च किया है.

छत्‍तीसगढ़ राज्‍य की स्‍थापना 1 नवंबर 2000 को मध्‍य प्रदेश के 16 जिलों को मिलाकर की गई. इसके बनाए जाने के पीछे मुख्‍य आधार छत्तीसगढ़ी बोलने वाले जिले थे. छत्तीसगढ़ में कुल पांच संभाग रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा व और बस्तर हैं. राज्य में कुल 27 जिले हैं, जो मिलकर 90 विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं.

इस राज्‍य में 11 लोकसभा और 5 राज्‍यसभा सीटें आती हैं. यह क्षेत्रफल के हिसाब से देश का दसवां सबसे बड़ा राज्‍य है. फिलहाल राज्‍य की राजधानी रायपुर है, जिसे बदलकर नया रायपुर किया जाना प्रस्‍तावित है. 28 मिलियन से ज्‍यादा की जनसंख्‍या के साथ ये राज्‍य देश में 17वें स्‍थान पर आता है. राज्‍य में मुख्‍यत: बीजेपी और कांग्रेस ही है.

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