दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर सस्पेंस अब भी जारी है. शनिवार को आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. आम आदमी पार्टी के दोनों नेताओं के मुताबिक कांग्रेस गठबंधन के लिए तैयार नहीं हुई है. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि दिल्ली में लोकसभा की सात सीटों पर 4-3 फॉर्मूला पर आम आदमी पार्टी से बात चल रही थी. अगर आम आदमी पार्टी इस फॉर्मूला से तैयार है तो कांग्रेस भी तैयार है.
बता दें कि पिछले कई दिनों से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है. हालांकि दोनों की बातचीत अब तक फाइनल नहीं हो सकी है.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी का जन्म कांग्रेस के भ्रष्टाचार से लड़ते हुआ था, लेकिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी जिस तरह लोकतंत्र के लिए खतरा बनी हुई है, उसको देखते हुए आम आदमी पार्टी ने गठबंधन पर विचार किया है.
उन्होंने कहा कि जैसे कर्नाटक, उत्तर प्रदेश में गठबंधन हुआ उसी तरह दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और गोवा की 33 सीट पर मोदी और अमित शाह को हराने के लिए गठबंधन हो. हालांकि गोवा का समय बर्बाद हो गया, फिर पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह नहीं माने.
"Congress पूरी तरह से सीटों की आंकड़ेबाजी में फंसी हुई है, हम मोदी-शाह की जोड़ी से देश को बचाने में लगे हुए हैं"- @msisodia pic.twitter.com/uEurZNyb7e
— AAP (@AamAadmiParty) April 20, 2019
उन्होंने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस का एक विधायक नहीं है और कांग्रेस दिल्ली में 3 सीट मांग रही है. इस लोकसभा, हरियाणा में कांग्रेस सभी सीट हार रही है. कांग्रेस से गठबंधन हो जाए तो हम 10 सीट पर बीजेपी को हरा सकते हैं.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गठबंधन वजह है कि बीजेपी अपने उम्मीदवार का ऐलान करने से डर रही है. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने गठबंधन में हमारा मक़सद सिर्फ सीटों का बंटवारा नहीं, 18 सीटों पर मोदी-शाह की जोड़ी को नीचे लाने का है. पंजाब में 20 विधायक और 4 सांसद हैं, लेकिन वहां भी कांग्रेस गठबंधन के लिए नहीं मानी. शुक्रवार को हरियाणा, पंजाब में गठबंधन पर कांग्रेस ने पूर्ण विराम लगा दिया है. अगर नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी सत्ता में आई तो सीधे कांग्रेस जिम्मेदार होगी.
दोनों दलों के नेता गठबंधन नहीं होने के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल गठबंधन को लेकर ट्विटर पर भिड़ गए थे. राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, अगर AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन होता है तो फिर दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के लिए राह आसान नहीं होगी. साथ ही राहुल गांधी ने लिखा कि कांग्रेस AAP को 4 सीटें देना चाहती है, लेकिन सीएम केजरीवाल ने एक और यू टर्न ले लिया! राहुल गांधी के इस ट्वीट पर जवाबी ट्वीट करते हुए सीएम केजरीवाल ने लिखा, कौन सा U-टर्न? अभी तो बातचीत चल रही थी....
'आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को दिया एक और मौका'
दोनों ही पार्टियों के नेताओं की ओर से बयानबाजी का दौर जारी है. शुक्रवार को आम आदमी पार्टी(आप) के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कांग्रेस से गठबंधन को लेकर कहा कि वे कांग्रेस को एक मौका और देना चाहते हैं जिसे देश की जनता चाहती है.
उन्होंने कहा कि दो दिन पहले आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत हो रही थी, लेकिन किसी वजह से नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका. हम कांग्रेस को ऐसे में एक और मौका देना चाहते हैं. हमने कांग्रेस को दिल्ली और हरियाणा में गठबंधन के लिए एक और मौका दिया है.
आम आदमी पार्टी ने शनिवार को होने वाले उम्मीदवारों के नामांकन को भी स्थगित कर दिया है. शनिवार को पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक और उत्तर-पश्चिम दिल्ली के उम्मीदवारों को नामांकन करना था, लेकिन अब ये शनिवार को नहीं होगा. गोपाल राय के मुताबिक आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार 22 अप्रैल को नामांकन करेंगे.
दोनों ओर से बयानबाजी
आम आदमी पार्टी आरोप लगा रही है कि वह कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए लगातार कोशिश कर रही है लेकिन कांग्रेस की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिल रहा है. माना जा रहा है दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित इस गठबंधन के खिलाफ हैं इसलिए आलाकमान गठबंधन पर सहमति नहीं दे पा रहा है. वहीं 18 अप्रैल को हुई आज तक से बातचीत में दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने कहा था कि आम आदमी पार्टी ने हमसे गठबंधन करने से इनकार कर दिया है. दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन पा रही है.
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