पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बुधवार को घोषणा पत्र जारी किया. इसमें उन्होंने वादा किया कि लोकसभा चुनावों के बाद अगर विपक्षी गठबंधन सत्ता में आया तो नोटबंदी की जांच कराई जाएगी और योजना आयोग को बहाल किया जाएगा.
ममता ने अपनी पार्टी के चुनावी घोषणापत्र को जारी करते हुए कहा कि 100 दिनों के काम की योजना को बढ़ाकर 200 दिनों का किया जाएगा और इसके तहत मजदूरी भी दोगुनी की जाएगी. उन्होंने कहा, 'हम नोटबंदी के फैसले की जांच कराएंगे और योजना आयोग को वापस लाएंगे. नीति आयोग की कोई उपयोगिता नहीं है.'
ममता बनर्जी ने कहा, 'हम मौजूदा जीएसटी की समीक्षा करेंगे. अगर इससे वास्तव में लोगों को मदद मिल रही है तो हम इसे बनाए रखेंगे.' ममता ने बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक के के शर्मा को लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल और झारखंड का विशेष पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त करने पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, 'एक अवकाश प्राप्त पुलिस अधिकारी किस प्रकार पुलिसकर्मियों की तैनाती पर गौर कर सकता है? महानिदेशक के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने आरएसएस के एक कार्यक्रम में भाग लिया और वह भी वर्दी में.'
गौरतलब है कि दीदी के नाम से मशहूर ममता बनर्जी ने लोकसभा उम्मीदवारों के चयन में कई स्तरीय रणनीति अपनाई है. पार्टी प्रचारकों से लेकर दिग्गज नेताओं, सिनेमा जगत और सांस्कृतिक क्षेत्र के लोगों को टिकट दिया गया है. पश्चिम बंगाल की लोकसभा की 42 सीटों में से कुछ सीटों पर ममता ने जमीनी स्तर के कुछ नेताओं को भी टिकट दिया है. साथ ही उन्होंने महिलाओं, दलितों और मुस्लिमों को टिकट दिया है.
टिकट बंटवारे में अपना पारंपरिक प्रयोग जारी रखते हुए उन्होंने राजनीति के नौसिखिए से लेकर सांस्कृतिक जगत से जुड़े लोगों और ग्लैमर वर्ल्ड से अभिनेत्रियों को भी टिकट दिया. तृणमूल की सूची में 17 महिलाएं (41 प्रतिशत) और 7 मुस्लिम उम्मीदवार शामिल हैं.