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शब्दों की मर्यादा भूल आजम ने की जयाप्रदा पर अभद्र टिप्पणी, NCW भेजेगा नोटिस

उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आजम खाम और भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी जया प्रदा के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने जया प्रदा का बिना नाम लिए उनपर अमर्यादित बयान दिया है.

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आजम खान (फाइल फोटो)
आजम खान (फाइल फोटो)

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उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आजम खान और भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी जया प्रदा के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने जया प्रदा का बिना नाम लिए आपत्तिजनक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जिसको हम उंगली पकड़कर रामपुर लाए, आपने 10 साल जिनसे प्रतिनिधित्व कराया...उसकी असलियत समझने में आपको 17 साल लगे, मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनका अंडरवियर खाकी रंग का है.

जया प्रदा पर आपत्तिजनक बयान देने के बाद आजम खान मुश्किल में घिर गए हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग समाजावादी पार्टी के नेता को नोटिस भेजेगा और उनसे जवाब मांगेगा. आयोग आजम खान को नोटिस सोमवार को भेजेगा. 

रामपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए आजम खान ने कहा कि मैं जनसभा में मौजूद सभी लोगों से सवाल करता हूं कि क्या राजनीति इतनी गिर जाएगी कि 10 बरस जिसने रामपुर वालों का खून पीया, जिसे उंगली पकड़कर हम रामपुर में लेकर आए. जिसका हमने पूरा ख्याल रखा. उसने हमारे ऊपर क्या-क्या आरोप नहीं लगाए.

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बता दें कि इससे पहले जया प्रदा ने शनिवार को आजम खान पर हमला बोलते हुए कहा था कि जिसको हमने भाई कहा, उसने मुझे नाचने वाली कहा. आजम खान ने मुझे हमेशा जलील किया, हमेशा मेरा अपमान किया था. जया प्रदा ने कहा कि आजम खान मेरी बलि दे सकते हैं. ये इंसान होश में नहीं है, ये कुछ भी कर सकता है.

नई नहीं है ये जंग

आजम खान और जया प्रदा के बीच जारी ये जंग कोई नई नहीं है. साल 2018 में जब पद्मावत फिल्म को लेकर पूरे देश में शोर मचा हुआ था, तो जया प्रदा ने आजम खान की तुलना पद्मावत के किरदार खिलजी से की थी, जिसे फिल्म में बहुत ही क्रूर दर्शाया गया था.

जया प्रदा के इस बयान का आजम खान ने भी अपने ही अंदाज में जवाब दिया था. आजम खान ने जया प्रदा कौन है पूछते हुए यहां तक कह दिया था कि वह नाचने-गाने वालों के मुंह नहीं लगा करते.

2009 में खुलकर सामने आई थी दुश्मनी

दोनों नेताओं की यह दुश्मनी 2009 के लोकसभा चुनाव में खुलकर सामने आई थी. भरी सभा में मंच से जया प्रदा के आंसू भी हर तरफ सुर्खियां बने थे. हालांकि, इससे पहले वो भी एक वक्त था जब आजम खान ने उनके लिए जमकर प्रचार किया था. अमर सिंह के कहने पर आजम खान ने ही 2004 में जया प्रदा को रामपुर से चुनाव लड़वाया. उनकी जीत भी सुनिश्चित की. लेकिन ये दोस्ती ज्यादा नहीं चली. यहां तक कि 2009 में आजम खान ने जया प्रदा की समाजवादी पार्टी से उम्मीदवारी का भी विरोध किया लेकिन उन्हें टिकट मिल गया. चुनाव में आजम खान ने उनका पुरजोर विरोध किया, बावजूद इसके जया प्रदा जीत गईं.

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यहां से दोनों नेताओं की दूरियां और बढ़ गईं. यहां तक कि आजम खान ने खुद को समाजवादी पार्टी से भी अलग कर लिया और 17 मई 2009 को पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया.

जल्द ही उनकी वापसी हो गई और 4 दिसंबर 2010 को पार्टी ने उनका निष्‍कासन रद्द करते हुए वापस बुला लिया. इसके बाद जया प्रदा को सपा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल से टिकट पर बिजनौर सीट से लड़ा, जिसमें वो हार गईं. अब जया प्रदा ने चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन थाम लिया है और वह रामपुर सीट से आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं.

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