2019 लोकसभा चुनाव को लेकर पूर्वोत्तर भारत के राज्य मेघायल में सियासी उठक पटक शुरू हो गई है. दो लोकसभा सीटों के इस राज्य में मुख्य लड़ाई कांग्रेस और पीए संगमा की नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) के बीच रहती है. मेघालय की राजधानी शिलांग सीट से कांग्रेस के नेता विंसेंट एच. पाला सांसद हैं. वहीं दूसरी लोकसभा सीट तुरा से नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेता कॉनरॉड के. संगमा सांसद हैं. आज हम बात शिलांग लोकसभा सीट के सियासी हालात के बारे में बात करेंगे. बता दें कि शिलांग लोकसभा के लिए चुनाव 11 अप्रैल को होगा.
शिलांग लोकसभा सीट के बारे में
1972 में मेघालय राज्य बनाए जाने के बाद शिलांग को इस नवनिर्मित राज्य की राजधानी घोषित कर दिया गया. अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित ईस्ट खासी हिल्स जिले के शिलांग हिल स्टेशन में कई पर्यटन के स्थल हैं. यहां देश—विदेश से लोग घूमने आते हैं. यही वजह है कि इसे स्कॉटलैंड आॅफ दी ईस्ट भी कहा जाता है. शिलांग लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 9 लाख 80 हजार 740 है. इनमें 4 लाख 80 हजार 409 पुरुष वोटर हैं, जबकि 5 लाख 331 महिला मतदाता हैं.
2014 के नतीजे
अगर शिलांग सीट की 2014 के नतीजों की बात करें तो यहां से कांग्रेस के नेता विंसेंट एच. पाला ने निर्दलीय उम्मीदवार प्रेचर्ड बी.एम. बसाइयामोइट को हराया था. इस चुनाव में विंसेंट एच. पाला को कुल 2 लाख 09 हजार 340 वोट मिले थे, वहीं दूसरे नंबर रहे निर्दलीय उम्मीदवार प्रेचर्ड बी.एम. बसाइयामोइट को 1 लाख 68 हजार 961 वोट मिले थे. यानि विंसेंट ने 40 हजार से ज्यादा वोटों के के अंतर से जीत हासिल की थी. वहीं तीसरे स्थान पर यूडीपी के उम्मीदवार पॉल लिंगदोह तीसरे नंबर पर रहे थे. इसके अलावा बीजेपी उम्मीदवार शिबुन लिंगदोह 95 हजार के करीब वोट लेकर चौथे स्थान पर रहे.
सांसद के बारे में
विंसेंट एच. पाला
जन्म : 14 Feb 1968
शिक्षा : ग्रेजुएट
संपत्ति : 49.71 करोड़
सांसद का संसद में प्रदर्शन
विंसेंट एच. पाला के बतौर सांसद प्रदर्शन की बात करें तो संसद में उनकी उपस्थिति 92 फीसदी रही है जबकि 32 बहस में उन्होंने हिस्सा लिया है.इसके अलावा सांसद ने कार्यकाल के दौरान 263 सवाल पूछे हैं। यही नहीं, विसेंट पाल ने 4 बार प्राइवेट मेंबर बिल संसद के पटल पर रखा है.
विंसेंट एच. पाला 1 सितंबर 2014 के बाद से कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे. इसके अलावा 15 सितंबर 2014 से पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम्स MPLADS और सलाहकार समिति, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की समिति के सदस्य भी रहे.
कांग्रेस का दबदबा
इस सीट पर अब तक हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा है, वहीं बीजेपी का प्रभाव बेहद कम है. 1989 से अब तक हुए लोकसभा चुनाव में केवल एक बार 1996 में निर्दलीय उम्मीदवार ने यहां से जीत दर्ज की थी. इसके अलावा हर बार कांग्रेस उम्मीदवार ने सीट पर कब्जा जमाया है.
गढ़ को बचाने की चुनौती
इन दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विसेंट पाला का राज्य की सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. अगर ये अटकलें हकीकत में बदल गईं तो कांग्रेस के लिए अपने गढ़ को बचाने की चुनौती होगी.
जिले के बारे में
क्षेत्रफल— 2748 Sq. Km.
जनसंख्या—8 लाख 24 हजार के करीब
साक्षरता — 84.70 %
(पुरुष साक्षर : 85.26 %, महिला साक्षर: 84.15 %)
शिलांग लोकसभा सीट—अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित