भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की 42 में से कम से कम 23 सीटों पर हम जीत हासिल करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बंगाल बीजेपी को 300 सीटें पार करने में मदद करेगा. उत्तर प्रदेश में हमें कोई नुकसान नहीं होने वाला है.
आजतक से खास बातचीत करते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य में हिंसा को बढावा दिया है. सीआरपीएफ के जवान मेरी सुरक्षा में थे. वो कानून व्यव्स्था के लिए नहीं थे. कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार का काम है. चुनाव प्रचार के दौरान जो हिंसा भड़की उसकी जिम्मेदारी बंगाल सरकार की है.
ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि बंगाल में उनके (ममता बनर्जी) खिलाफ जनाक्रोश है उससे वो बौखलाई हुई हैं. हमने रथ यात्रा आयोजित किया था. उसकी इजाजत भी नहीं मिली. हमारे नेताओं को रैली करने की इजाजत नहीं मिलती है. बाकी राज्यों में ऐसा नहीं होता है.
उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में बीजेपी अगर सत्ता में आती है तो जनता का आक्रोश वहीं खत्म हो जाएगा. हमारी 16 राज्यों में सरकार है कहीं हिंसा नहीं हुई. इतनी ही नहीं ओडिशा और केरल में जहां हमारी सरकार नहीं है वहां पर भी हिंसा नहीं हुई. सिर्फ बंगाल में क्यों हुई. यहां ममता का शासन है इस वजह से हुई. हम ममता बनर्जी के कामकाज पर हमला बोलते हैं और वह हमारे कार्यकर्ता पर हमला बोलती हैं. हमारे 60 कार्यकर्ताओं को मार दिया गया. ममता ने हिंसा को बढ़ावा दिया है. वो हिंसा करके विरोधियों को छुप करना चाहती हैं.
वहीं चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी ने दो दिन पहले इंच-इंच का बदला लेने का बयान दिया था. उसपर चुनाव आयोग से कोई बैन नहीं आया. पूरे देशभर में जो हिस्ट्रीशीटर होते हैं उन्हें गिरफ्तार किया जाता है. लेकिन बंगाल में चुनाव आयोग ऐसा नहीं कर रहा है. चुनाव आयोग ये कह दे कि हम ममता बनर्जी के गुंडों को गिरफ्तार नहीं करेंगे. चुनाव आयोग को साफ करना चाहिए कि बंगाल में कितने गुंडे पकड़े गए. यहां सबसे ज्यादा हिंसा हुई किसी को नहीं पकड़ा गया. चुनाव आयोग को अपनी साख बचाने के लिए ये बताना चाहिए.
अमित शाह ने कहा कि हम सिर्फ इस चरण नहीं, बल्कि सभी चरणों में अपती ताकत झोंकी. बंगाल की गरिमा को ममता बनर्जी ने खराब किया है. वो किस प्रकार का बंगाल बनाना चाहती हैं. बंगाल कभी हिंसा के लिए नहीं जाना जाता था.