आतंकी गतिविधियों के आरोप में जेल काट चुकीं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भारतीय जनता पार्टी द्वारा भोपाल से लोकसभा चुनाव का टिकट देने के बाद से उनके नाम पर हर दिन नया विवाद सामने आ रहा है. अब मुंबई आतंकी हमले में शहीद हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा के बयान को लेकर विपक्षी नेता बीजेपी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेर रहे हैं. इस कड़ी एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी से सवाल किया है कि क्या वो आतंकवाद के केस की आरोपी साध्वी प्रज्ञा के लिए चुनाव प्रचार करेंगे. ओवैसी ने सीधा आरोप लगाया कि मोदी ने आतंकवाद से समझौता कर लिया है.
मुंबई हमले के दौरान शहीद हुए हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर ओवैसी ने कहा, 'साध्वी ने कहा था कि शहीद पुलिस अधिकारी को श्राप लगा इसलिए उनका अंत हुआ. ये बयान गैरजिम्मेदाराना ही नहीं बल्कि उन बहादुर अफसरों की बेइज्जती है, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान से आए आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान को कुर्बान कर दिया.
साध्वी को टिकट दिए जाने पर ओवैसी ने कहा कि इससे दुनिया भर में देश का नाम खराब हुआ है. चुनाव जीतने के लिए मोदी को कोई और प्रत्याशी नहीं मिला क्या? जो उन्होंने एक आतंकवाद का आरोप झेल रहे आरोपी को प्रत्याशी बना दिया. मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सिर्फ एक ड्रामा है.
Hemant Karkare died fighting people not very different from yourself
He didn’t die because a terror accused ‘felt bad’ & ‘cursed’ him. The man died fighting to protect our rights to vote & elect a government
How DARE BJP insult our martyrs like this?https://t.co/YGWWO1GODb
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 19, 2019
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम कहते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है, लेकिन मालेगांव में विस्फोटक जिस गाड़ी से बंधे थे, वह साध्वी प्रज्ञा सिंह की थी. इस विस्फोट में दस लोग मारे गए थे और एक सौ से अधिक घायल हुए थे. आखिरकार टिकट मिलने से यह साफ होना चाहिए कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर प्रधानमंत्री को क्यों पसंद आईं और उसका प्रधानमंत्री से क्या नाता है.
ओवैसी ने कहा कि अगर हम किसी बम विस्फोट के आरोपी के साथ फोटो भी खिंचवा लेते तो मीडिया दो दिन उसे सिर पर उठाए रखता. साध्वी कहती हैं कि चुनाव धर्मयुद्ध है और अगर यही बात ओवैसी कहता तो मीडिया बवाल मचा देता. बीजेपी हर सवाल को धर्म और आस्था से जोड़ देती है.
साध्वी प्रज्ञा ने क्या कहा था
भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था, 'वो जांच अधिकारी सुरक्षा आयोग का सदस्य था, उन्होंने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि साध्वी को छोड़ दो. लेकिन हेमंत करकरे ने कहा कि मैं कुछ भी करूंगा लेकिन सबूत लाउंगा और साध्वी को नहीं छोड़ूंगा. ये उसकी कुटिलता था ये देशद्रोह था धर्मविरुद्ध था, वो मुझसे पूछता था कि क्या मुझे सच के लिए भगवान के पास जाना होगा, तो मैंने कहा था कि आपको जरूरत है तो जाइए. मैंने उसे कहा था तेरा सर्वनाश होगा, उसने मुझे गालियां दी थीं. जिसदिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ.'
हालांकि, आलोचना होने के बाद साध्वी ने अपना बयान वापस लेते हुए कहा था, 'अगर किसी ने हमें प्रताड़ित किया तो हमने उसको कह दिया है. यह बिल्कुल हमारा बयान होना चाहिए. लेकिन हमारे देश के दुश्मनों को इस से बल मिलता है. मैं अपना बयान वापस लेती हूं.'
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