चुनाव आयोग ने कांग्रेस के इलेक्ट्रॉनिक प्रचार अभियान को बड़ा झटका दिया है. आयोग ने कांग्रेस के 9 में से 6 विज्ञापन खारिज कर दिए हैं. आयोग की विशेषज्ञ कमेटी के मुताबिक, ये वीडियो विज्ञापन आचार संहिता की भावना के खिलाफ थे. खारिज किए गए वीडियो विज्ञापन राफेल सौदे पर व्यंग्य से संबंधित थे.
अब कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल आयोग से अपने फैसले पर पुनर्विचार के आग्रह के साथ मुलाकात करेगा. निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के मुताबिक, एक विज्ञापन वीडियो में शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति को व्यंग्य के दायरे में रखा गया तो दूसरे में इंजेक्शन सिरिंज में तिरंगा कलर में द्रव भरा है. ऐसे ही संवेदनशील आधार पर आयोग की टीम ने वीडियो विज्ञापन खारिज किए हैं.
बता दें, राफेल डील को लेकर राहुल गांधी लगातार हमलावर हैं. राहुल का आरोप है कि इस डील में घपला हुआ और पीएम मोदी इसमें शामिल हैं. इसके बाद ही राहुल ने चौकीदार चोर है का नारा दिया था. कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार में भी राफेल डील के जरिए पीएम मोदी पर हमला बोलने का प्लान बनाया है. लेकिन चुनाव आयोग का कहना है कि राफेल का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है, इसलिए इसे चुनाव प्रचार में इस्तेमाल करना उचित नहीं होगा.
दलित नेता प्रकाश अंबेडकर ने किया आचार संहिता का उल्लंघन: EC
आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े अन्य अहम मामलों में की गई कार्रवाई पर उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने बताया कि महाराष्ट्र के दलित नेता प्रकाश अंबेडकर के आयोग के बारे में दिए गए विवादित बयान को आचार संहिता का प्रथम दृष्टया उल्लंघन माना गया है. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के यवतमाल वासिम लोकसभा सीट पर प्रचार के दौरान अंबेडकर द्वारा तीन अप्रैल को दिये गये बयान पर आयोग ने संज्ञान लिया है. इस पर महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है. इसके आधार पर तय किया जायेगा कि कानून के किन प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है.
शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक पर आएगा EC का फैसला
इसके अलावा चुनाव आयोग ने बायोपिक ‘पीएम नरेन्द्र मोदी’ की रिलीज पर विपक्षी दलों की ओर से की गई शिकायत पर संज्ञान लेते हुये फिल्म निर्माताओं से जवाब मांगा था. इस मामले में फिल्म के चार निर्माताओं और भाजपा के महासचिव ने आयोग के समक्ष अपना जवाब भेज दिया है. अब आयोग शुक्रवार को इस पर फैसला करेगा.
नमो टीवी मामले में शुक्रवार को जवाब देगा सूचना और प्रसारण मंत्रालय
साथ ही सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नमो टीवी मामले में जवाब देने के लिए शुक्रवार तक जवाब देने का समय दिया गया था. मंत्रालय ने जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था, लेकिन आयोग ने और अधिक समय देने से इंकार कर दिया है. शुक्रवार को मंत्रालय की ओर से अपना जवाब चुनाव आयोग को भेजना होगा.
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