कुछ दिन पहले बड़ी उम्मीदों के साथ हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन, हार्दिक खाली हाथ रह गए. वो इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने मेहसाणा दंगा केस में मिली उनकी सजा पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर जल्दी सुनवाई से इनकार दिया है. ऐसे में तीसरे चरण के चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी डेडलाइन निकल गई और हार्दिक पटेल खाली हाथ रह गए.
अब हार्दिक पटेल का कहना है कि अभी 25 साल का हूं और भी चुनाव आएंगे. बता दें, पाटीदार आंदोलन के पोस्टर ब्वॉय रहे हार्दिक पटेल लगातार बीजेपी पर हमला बोलते रहे हैं. उनकी अगुवाई में हुए पाटीदार आंदोलन की तपिश ने गुजरात की बीजेपी सरकार को बेचैन कर दिया था. तब हार्दिक ने अपनी सियासी राह वाले पत्ते भले ही न खोले हों, लेकिन, संकेत मिलने लगे थे.
कांग्रेस की नाव पर सवार होने के बाद हार्दिक ने और तूफानी रफ्तार से बीजेपी पर प्रहार शुरू कर दिया है. हार्दिक पटेल ने कहा कि बीजेपी राष्ट्रवाद और हिंदूवाद के नाम पर लोगों को भटका रही है. भले ही हार्दिक पटेल चुनाव नहीं लड़ पाएं. भले ही बीजेपी को चुनावी अखाड़े में सीधी चुनौती नहीं दे पाएं..लेकिन, खाली हाथ होने के बाद भी वो चुप नहीं बैठेंगे.
हार्दिक पटेल कांग्रेस का हाथ मजबूत करने के लिए गुजरात और महाराष्ट्र में प्रचार करेंगे. BJP का कमल खिलने से रोकने की पूरी कोशिश करेंगे. इस उम्मीद के साथ कि अपना भी टाइम आएगा.
क्यों चुनाव नहीं लड़ पाएंगे हार्दिक
मेहसाणा के विसनगर में दंगा भड़काने के मामले में हार्दिक पटेल स्थानीय अदालत से दोषी ठहराए जा चुके हैं. उन्हें कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी. हालांकि इस मामले में उन्हें जमानत दे दी गई थी. बीते शुक्रवार गुजरात हाई कोर्ट ने हार्दिक पटेल की याचिका खरिज कर दी थी जिसमें उन्होंने मांग की थी कि निचली अदालत के फैसले को स्थगित कर दिया जाए.
सजायाफ्ता होने के चलते हार्दिक पटेल चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार वह तब तक चुनाव नहीं लड़ सकते, जब तक हाईकोर्ट उन्हें दोषी ठहराए जाने के आदेश को स्थगित नहीं कर देता. हार्दिक पटेल 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए थे और उन्हें गुजरात के जामनगर से लोकसभा का टिकट दिया गया था.
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