लोकसभा चुनाव 2019 में शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस पार्टी में इस्तीफों की झड़ी सी लग गई है. अशोक चव्हाण, राज बब्बर, कमलनाथ के बाद अब दो और इस्तीफों की पेशकश आई है. निराशाजनक प्रदर्शन के बाद झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार, असम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है. आपको बता दें कि राहुल गांधी खुद भी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं.
इन राज्यों के बाद अब पंजाब में भी हलचल मच गई है. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील झाखड़ ने भी अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है. वह खुद गुरदासपुर से सनी देओल से चुनाव हार गए थे.
Punjab Congress Chief Sunil Jakhar offers to resign from his post after he lost elections from Gurdaspur. (File pic) pic.twitter.com/75dFjwzBTw
— ANI (@ANI) May 27, 2019
अब किसका आया इस्तीफा?
2014 की तरह की 2019 में कांग्रेस डबल डिजिट में सिमट गई, पहले 44 और 52. जिसके बाद से ही पार्टी में हड़कंप मचा है, असम की कुल 14 लोकसभा सीट में कांग्रेस के खाते में सिर्फ 3 सीट आई जबकि बीजेपी यहां 9 सीटों पर जीत गई. वहीं बात अगर झारखंड की करें तो यहां की 14 सीटों में से कांग्रेस सिर्फ 1 पर ही जीत दर्ज कर पाई और बीजेपी 11 पर जीत गई.
यही कारण है कि इन दोनों राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने अपना इस्तीफा राहुल गांधी को भेजा है. दोनों ने ही लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए ये इस्तीफा सौंपा है. सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष ही नहीं, बल्कि राहुल गांधी खुद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं. लेकिन पार्टी की ओर से उनके इस्तीफे को खारिज कर दिया गया.
इनसे पहले कौन?
बता दें कि खराब प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण, मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर चुके हैं. इन सभी राज्यों में कांग्रेस को सिर्फ 1-1 सीटें ही मिली हैं. यूपी में 80 में से 1, महाराष्ट्र में 48 में से 1 और मध्य प्रदेश में 29 में से सिर्फ एक सीट.
मीडिया से दूरी बनाने की सलाह!
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता देवाशीष जरारिया ने राहुल गांधी को खत लिख अपील की है कि उनकी पार्टी को मीडिया से दूरी बनानी चाहिए. उन्होंने अपील की है कि टीवी डिबेट्स में बैठने के बजाय कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को गांव-गांव तक जाकर अपनी विचारधारा को पहुंचाना चाहिए. इससे पहले समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी अपनी प्रवक्ताओं की टीम को बर्खास्त कर चुके हैं.
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