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असम: पहले चरण की 5 सीटों से तय हो जाएगा प्रदेश का सियासी मिजाज

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में असम की पांच संसदीय सीटों पर 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. इनमें तेजपुर, कलियाबोर, जोरहट, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर लोकसभा सीट शामिल हैं. असम की इन पांच लोकसभा सीटों पर कांग्रेस बनाम बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-twitter)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-twitter)

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लोकसभा चुनाव के पहले चरण में असम की 5 संसदीय सीटों पर 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. इनमें तेजपुर, कलियाबोर, जोरहट, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर लोकसभा सीट शामिल हैं. असम की इन 5 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस बनाम बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है.

2014 के लोकसभा चुनाव में इन 5 लोकसभा सीटों में से 4 पर बीजेपी जीत हासिल करने में कामयाब रही थी. कलियाबोर सीट ही ऐसी सीट थी, जहां कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगई के बेटे गौरव गोगई जीतने में कामयाब रहे थे. कांग्रेस इस बार अपनी खोई हुई सियासी जमीन को वापस पाने की जद्दोजहद कर रही है. वहीं, बीजेपी अपने राजनीतिक वर्चस्व को कायम रखने की कवायद में जुटी हुई है.

तेजपुर

असम के तेजपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद राम प्रसाद सरमाह की जगह पल्लब दास लोचन को मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने एम.जी.वी.के भानु पर दांव लगाया है. हालांकि इस सीट पर कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. लेकिन बीजेपी को अपने बागी सांसद से मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. हालांकि एक दौर में ये इलाका कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है, लेकिन मोदी लहर में बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही थी. ऐसे में कांग्रेस एक बार फिर अपनी पुरानी जमीन पर कब्जा जमाने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है.

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जोरहट

असम की जोरहाट लोकसभा सीट पर बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद कामाख्या प्रसाद का टिकट काटकर उनकी जगह तपन कुमार गोगोई को मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने सुशांत बोरगोहेन को टिकट दिया है. वहीं, सीपीआई ने कनक गोगोई, नेशनल पीपल्स पार्टी ने कमला राजकोनवार और टीएमसी से रिबुल्या गोगोई सहित कुल 8 प्रत्याशी चुनाव किस्मत आजमा रहे हैं. अगर पहले के राजनीतिक समीकरण देखें तो लंबे समय तत इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है. लेकिन मोदी लहर में 2014 के लोकसभा चुनाव बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही थी.

डिब्रूगढ़

असम की डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट पर बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद रामेश्वर तेली को उतारा है. जबकि कांग्रेस ने पवन सिंह घोटवार पर दांव लगाया है. इस सीट पर कुल 8 प्रत्याशी मैदान में हैं. लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे का नजर आ रहा है. यह सीट असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनेवाल की भी रही है. 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें बड़ी जीत दर्ज की थी.

लखीमपुर

असम की लखीमपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद प्रधान बरुआ को एक बार फिर से उतारा है. कांग्रेस ने इस बार के लोकसभा चुनाव में अनिल बोरगोहेन पर दांव लगाया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में सर्वानंद सोनेवाल ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2016 के विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद संभालना और लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद बीजेपी ने उपचुनाव में प्रधान बरुआ को उतारकर जीत हासिल की थी.

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कलियाबोर

असम की कलियाबोर संसदीय सीट काफी हाई प्रोफाइल मानी जाती है. इस सीट पर असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगई के बेटे गौरव गोगोई के बेटे ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने एक बार फिर गौरव गोगोई को मैदान में उतारा है. जबकि इस सीट पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी असम गढ़ परिषद ने एमएम महंत को प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर कुल 8 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी और असम गढ़ परिषद के बीच नजर आ रहा है.

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