देश में फिलहाल लोक सभा का चुनावी मौसम है. हमेशा की तरह इस बार भी चुनाव का मौसम दल-बदल का 'वायरल फीवर' लेकर आया है. दल बड़ा हो या छोटा, नेता सांसद हों या प्रचारक, खेमा बदलने में रुतबा आड़े नहीं आ रहा. सबसे पहले बात पूर्वी भारतीय राज्य ओडिशा की. यहां प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष बसंत पांडा के भतीजे हरीशचंद्र पांडा शनिवार को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की मौजूदगी में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजेडी) में शामिल हो गए.
बीजेडी होगी मजबूत
सीएम पटनायक ने हरीशचंद्र के बीजेडी में शामिल होने का स्वागत किया. उन्होंने कहा है कि बीजेडी में हरीशचंद्र को शामिल करने से पार्टी मजबूत होगी. तो वहीं, हरीशचंद्र ने कहा कि वह पटनायक के नेतृत्व वाली बीजेडी सरकार के द्वारा किए गए विकास कार्यों से प्रभावित होकर बीजेडी में शामिल हुए हैं.
बीजेपी पर लगाए आरोप
हरीशचंद्र ने आरोप लगाया कि उनके चाचा बसंत पांडा बीजेपी के लिए काम कर रहे है न कि राज्य के विकास के लिए. उन्होंने कहा है कि मेरे चाचा भी एक निरंकुश रवैया रखते हैं. हालांकि, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने अपने भतीजे के आरोप को खारिज किया और कहा कि उन्हें (हरीशचंद्र) अपना निर्णय लेने का अधिकार है.
ओडिशा में बीजेडी को ट्रिपल झटका
ओडिशा में बीजेपी को ही झटका लगा हो ऐसा नहीं है. हरीशचंद्र के बीजेडी में शामिल होने से पहले पार्टी के तीन नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. नबरंगपुर सीट से बीजेडी सांसद बलभद्र मांझी ने शनिवार को बीजेपी का ‘कमल’ का थाम लिया. उनसे पहले बीजेडी नेता दामोदर राउत और बैजयंत जय पांडा ने बीजेपी में शामिल हुए.
दल-बदल करने वाले नेता
लोक सभा चुनाव से पहले जिन नेताओं ने अपना दल बदला उनमें श्यामाचरण गुप्ता (बीजेपी से एसपी में), दानिश अली (जेडीएस से बीएसपी में), मनीष खंडूरी (बीसी खंडूरी के बेटे कांग्रेस में), टॉम वडक्कन (कांग्रेस से बीजेपी में), अर्जुन सिंह (टीएमसी से बीजेपी में) और अरविंद शर्मा (पूर्व कांग्रेस एमपी बीजेपी में) प्रमुख हैं.
23 मई को नतीजे
गौरतलब है कि लोक सभा चुनाव के लिए तारीख का ऐलान हो चुका है. इस बार 543 लोक सभा सीट के लिए चुनाव सात चरणों में होगा. पहले चरण की वोटिंग 11 अप्रैल को, सातवें दौर की वोटिंग 19 मई को है, जबकि 23 मई को वोटों की गिनती होगी.