उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीटों में एक एनसीआर क्षेत्र में गौतमबुद्धनगर (नोएडा) सीट भी है. इस सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं. उनका मुकाबला बसपा के सतवीर गुर्जर और कांग्रेस के अरविंद सिंह से है. इस तरह से नोएडा लोकसभा सीट का चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है.
बीजेपी नेता महेश शर्मा पेशे से एक डॉक्टर हैं और मौजूदा समय में नोएडा संसदीय से सांसद हैं. शर्मा ने 2014 लोकसभा का चुनाव रिकॉर्ड मतों से जीतकर मोदी सरकार में मंत्री बने थे. वह सपा के नरेंद्र भाटी को 2 लाख 80 हजार से अधिक मतों से हराकर लोकसभा पहुंचे थे.
महेश शर्मा का जन्म राजस्थान के अलवर जिले के मनेठी गांव में 30 सितंबर 1959 में जन्म हुआ. उनकी शुरुआती पढ़ाई गांव से हुई और उसके बाद उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली आए और एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की. महेश शर्मा ने कैलाश अस्पताल समूह की स्थापना की और मौजूदा समय में उनकी पत्नी डॉ उमा शर्मा इस समूह की अध्यक्ष हैं.
महेश शर्मा ने सियासी पारी का आगाज 2009 के लोकसभा चुनाव में किया था. नोएडा सीट पर पहली बार बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर 2009 में उतरे लेकिन बसपा के सुरेंद्र नागर से करीब 16 हज़ार मतों उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
इसके बाद बीजेपी ने 2012 के विधानसभा चुनाव में नोएडा सीट से उतारा तो जीतकर विधायक बने. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर पार्टी ने दांव लगाया तो मोदी लहर में महेश शर्मा रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कर गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र के सांसद बनने में कामयाब रहे थे.
नोएडा सीट पर शहरी क्षेत्र की ज्यादातर आबादी प्रवासी पढ़े-लिखे प्रोफेशनल्स की है और उनके बीच महेश शर्मा की साख बेहतर मानी जाती है. नोएडा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा किए गए कामकाज, इस क्षेत्र में आई मेट्रो सुविधा, कई बड़ी फैक्ट्रियों की शुरुआत उनकी बड़ी ताकत है.
हालांकि इस बार सपा -बसपा-आरएलडी गठपबंधन से उतरे सतवीर गुर्जर बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं. सतबीर नागर के करीबी सुरेंद्र सिंह नागर के अपने पुराने किए हुए काम और स्थानीय संबंध सतबीर नागर की मजबूती पकड़ बताई जा रही है. ऐसे में बीजेपी के महेश शर्मा को कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है.