भारत की राजनीति में एक बार अक्सर कही जाती है कि केंद्र की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है. यही वजह है कि जब भी लोकसभा चुनाव की बात आती है तो राजनीतिक विश्लेषकों का सबसे ज्यादा ध्यान यूपी की राजनीति को समझने पर होता है. इस बार लोकसभा चुनाव में यूपी का परिदृश्य बदला हुआ है. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी बीजेपी से मुकाबले के लिए साथ आ गए हैं. आरएलडी को भी साथ लाने की कोशिशें जारी हैं. इस गठबंधन का चुनाव नतीजों पर क्या असर होगा? आजतक ने कार्वी इनसाइट्स के साथ सर्वे देश का मिजाज में ये जानने की कोशिश की. ये सर्वे 2478 लोगों पर किया गया. ये सर्वे 28 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच कुल 20 लोकसभा क्षेत्रों में हुआ है.
सर्वे के नतीजे हैरान करने वाले हैं. यदि लोकसभा चुनाव में बीएसपी-एसपी और आरएलडी गठबंधन साथ मैदान में उतरा तो चुनाव नतीजे 2014 के नतीजों के बिल्कुल उलट हो जाएंगे. 2014 में बीजेपी ने यूपी की 80 में से 71 सीटें जीती थीं जबकि दो सीटें उसकी सहयोगी अपनी दल को मिली थीं. सपा को महज पांच तो कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं. आरएलडी और बहुजन समाज पार्टी का तो खाता तक नहीं खुला था लेकिन सर्वे के नतीजे बताते हैं कि इस बार ऐसा होने नहीं जा रहा.
अगर सपा-बसपा और आरएलडी साथ चुनाव लड़ते हैं तो ये गठबंधन यूपी के 46 फीसदी वोटों पर कब्जा कर लेगा. गौरतलब है कि 2014 में सपा को 22.2 फीसदी, बीएसपी को 19.6 फीसदी और आरएलडी को एक फीसदी वोट मिला था. सर्वे के नतीजे बताते हैं कि अगर ये तीनों पार्टियां साथ चुनाव लड़ीं तो इनका वोट शेयर 2014 के कुल वोट शेयर 42.8 फीसदी से बढ़कर 46 फीसदी हो जाएगा जो 2014 की पांच सीटों के मुकाबले 2019 में इन्हें 58 सीटें तक दिला सकता है. इस गठबंधन की सफलता का सबसे ज्यादा नुकसान बीजेपी को ही होगा जिसका वोट शेयर 43.3 फीसदी से गिरकर 36 फीसदी पर आ जाएगा और उसे मिली 73 सीटें घटकर 18 रह जाएंगी. साफ है कि 2014 में मोदी को सत्ता तक पहुंचाना वाला यूपी इस बार उनके व पार्टी के लिए बुरी खबर ला सकता है.सर्वे में एक और महत्वपूर्ण बात सामने आती है. सपा-बसपा और आरएलडी के गठबंधन का कांग्रेस को कोई खास नुकसान नहीं होने जा रहा. उसका वोट शेयर 7.5 से बढ़कर 12 फीसदी होने की उम्मीद है जिससे 2014 के दो सीटों के मुकाबले वो 2019 में 4 सीटें जीत सकती है. अन्य पार्टियों के वोट शेयर में भी मामूली गिरावट होगी. हालांकि पिछले चुनाव की तरह उन्हें यहां से कोई सीट मिलने नहीं जा रही.