लोकसभा चुनाव के पहले चरण में महाराष्ट्र की सात संसदीय सीटों पर 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. इनमें वर्धा, रामटेक, नागपुर, भंडारा-गोंदिया, गढ़चिरौली-चिमूर, चंद्रपुर और यवतमाल-वाशिम सीटें शामिल हैं. इस बार के इन सभी सातों सीटों पर कुल 116 उम्मीदवार मैदान में हैं. बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल रही है. इसके अलावा बसपा ने भी अपने उम्मीदवार को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में इन सभी सातों सीटों पर बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने कब्जा जमाया था. लेकिन भंडारा-गोंदिया सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी से एनसीपी ने इस सीट को छीन लिया था. इस तरह से बीजेपी गठबंधन के पास मौजूदा समय में छह सांसद हैं.
नागपुर: संघ के दुर्ग में बीजेपी को कड़ी चुनौती
महाराष्ट्र की नागपुर लोकसभा सीट बीजेपी के साथ-साथ संघ के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. इस सीट पर बीजेपी के मौजूदा सांसद नितिन गडकरी एक बार फिर मैदान में हैं. संघ के दुर्ग में सेंध लगाने के लिए कांग्रेस ने बीजेपी के बागी सांसद नाना पटोले पर दांव लगाया है. इसके अलावा ओवैसी की पार्टी AIMIM से अब्दुल करीम और बसपा से मोहम्मद जमाल किस्मत आजमा रहे हैं.नागपुर भले ही संघ का मुख्यालय हो, पर यहां सियासी तूती कांग्रेस की बोलती रही है. बीजेपी को इस सीट पर महज दो बार ही जीत मिली है. पहली बार 1996 में खाता खुला था और इसके बाद 2014 में मोदी लहर में नितिन गडकरी ने चार बार से जीत रहे कांग्रेस के विलास मुत्तेमवार को 2,84,848 से मात देकर कब्जा जमाया था. इस बार कांग्रेस ने नाना पटोले को मैदान में उतारकर गडकरी की राह में कांटे बिछा दिए हैं.
वर्धा: महात्मा गांधी की कर्मभूमि में क्या फिर खिलेगा कमल
वर्धा राष्ट्रपिता महात्मा की कर्मभूमि रही है. विदर्भ के वर्धा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद रामदास तडस को एक बार फिर उतारा है. जबकि कांग्रेस ने चारुलता टोकस पर दांव लगाया है. वहीं, बसपा ने शैलेश कुमार अग्रवाल को उतारा है. लेकिन वर्धा लोकसभा सीट पर सियासी मुकाबाला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होता रहा है. हालांकि इस सीट पर बीजेपी महज तीन बार ही जीत सकी है. जबकि अधिकतर कांग्रेस का एकछत्र राज रहा है. ऐसे में बीजेपी के रामदास तडस को इस बार कमल खिलाने की बड़ी चुनौती है.
चंद्रपुर: बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई
पूर्वी महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके के तहत आने वाली चंद्रपुर में लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है. इस सीट पर बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद हंसराज अहिर को एक बार फिर मैदान में उतारा है. वहीं, कांग्रेस ने सुरेश धानोकर और बसपा ने सुशील वासनिक को टिकट दिया है. यह सीट कभी कांग्रेस का गढ़ थी, लेकिन हंसराज अहिर इस सीट पर लगातार तीन बार से चुनावी जंग फतह कर रहे हैं. जबकि इससे पहले कांग्रेस यहां जीतती आ रही थी.
भंडारा-गोंदिया: एनसीपी-बीजेपी में संग्राम
महाराष्ट्र के भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट एनसीपी की ओर से पंचबुद्धे नाना जयराम मैदान में हैं तो बीजेपी ने सुनील बाबूराव मेढे को टिकट दिया है. जबकि बसपा ने डॉ. विजया राजेश नंदुरकर को मैदान में उतारा है. एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल का ये इलाका माना जाता है. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के टिकट पर नाना पटोले जीते थे. हालांकि बाद में नाना पटोले ने बीजेपी और लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद हुए उपचुनाव में एनसीपी के मधुकर राव कुकड़े ने बीजेपी के हेमंत पटेल को मात देकर कब्जा जमाया.
गढ़चिरौली-चिमूर: त्रिकोणीय मुकाबला
गढ़चिरौली-चिमूर लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला नजर आ रहा है. इस सीट पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद अशोक नेते को एक बार फिर चुनावी रणभूमि में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने नामदेव उसेंडी को टिकट दिया है. इसके अलावा बसपा से हरिचंद्र नागौजी उम्मीदवार हैं. इस सीट पर बसपा का अपना मजबूत आधार रहा है. इसके बावजूद उसे कभी जीत नहीं मिल सकी, ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होगा.
यवतमाल-वाशिम: शिवसेना के लिए कड़ी चुनौती
महाराष्ट्र के यवतमाल-वाशिम के लोकसभा चुनाव पर शिवसेना और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है. शिवसेना ने इस सीट पर अपने मौजूदा सांसद भावना गवली को एक बार फिर उतारा है. वहीं, कांग्रेस ने माणिकराव ठाकरे को और बसपा ने अरुण किन्वतकर को टिकट दिया है. भावना गवली यवतमाल जिले की एकमात्र महिला सांसद हैं और वो लगातार चार बार चुनाव जीत चुकी हैं, दो बार वाशिम लोकसभा सीट से तो दो बार यवतमाल-वाशिम लोकसभा सीट से. माना जा रहा है कि इस सीट पर शिवसेना के लिए काफी कड़ी चुनौती मिल रही है.
रामटेक: शिवसेना-कांग्रेस में कड़ी टक्कर
महाराष्ट्र के रामटेक लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और इस सीट पर शिवसेना और कांग्रेस के बीच सियासी संग्राम है. शिवसेना ने यहां से कृपाल तुमाने और कांग्रेस ने किशोर उत्तर राव को टिकट दिया है. वहीं, बसपा से सुभाष धर्म दास को मैदान में उतारा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना की टिकट पर कृपाल तुमाने चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. इस बार के लोकसभा चुनाव में शिवसेना के लिए अपने राजनीतिक वर्चस्व को बरकरार रखने की बड़ी चुनौती है.