राजनीति की पिच पर पीएम नरेंद्र मोदी छक्के पर छक्के लगा रहे हैं. जैसे-जैसे 2019 का रण नज़दीक आ रहा है, वैसे-वैसे पीएम मोदी फ्रंट फुट पर बैटिंग कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में मोदी सरकार के फैसले बताते हैं कि वो 2019 का ये मैच हर हाल में जीतना चाहते हैं. और इसीलिए स्लॉग ओवर में पीएम मोदी कर रहे हैं छक्कों की बरसात.
मोदी सरकार का पहला छक्का
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने क्रिकेट में छक्का स्लॉग ओवर में ही लगता है. जब मैच क्लोज होता है तो छक्का लगता है. कानून मंत्री ने यह बयान तब दिया था जब मोदी सरकार ने सदन में सामान्य वर्ग के गरीब तबके को दस फीसदी आरक्षण देने वाला बिल पास करा लिया था. यह आरक्षण उन लोगों को मिलेगा, जिनकी साल में 8 लाख रुपए से कम की आय हो, 5 एकड़ से ज्यादा जमीन न हो और शहर में हजार गज से बड़ा प्लॉट न हो.
सरकार को भरोसा है कि आरक्षण के खिलाफ सुलगते झुलसते सामान्य वर्ग को ये फैसला पसंद आएगा और जिन्हें पसंद आएगा उनकी तादाद इतनी है कि 2019 की नैया पार हो जाएगी.
मोदी सरकार का दूसरा छक्का
पहली ही गेंद पर सवर्ण आरक्षण का छक्का मार देने वाली मोदी सरकार राम मंदिर पर बुरी तरह घिरी हुई है. एक तरफ संत समाज और आरएसएस मोदी सरकार पर मंदिर बनाने का दबाव बना रहे हैं तो दूसरी तरफ अदालत में राम मंदिर पर सिर्फ तारीख बढ़ रही है. इसी उलझन के बीच मोदी सरकार की तरफ से मार दिया गया दूसरा छक्का. मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर दी.
इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि अयोध्या में विवादित जमीन से अलग जो जमीन है उसे उनके मालिकों को वापस कर दी जाए. याचिका में लिखा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने माना है कि 0.313 एकड़ के विवादित क्षेत्र के अलावा अतिरिक्त क्षेत्र अपने मूल मालिकों को वापस कर दिया जाए. राम जन्मभूमि न्यास ने 1991 में अधिगृहित अतिरिक्त भूमि मूल मालिकों को वापस दिए जाने की मांग की थी. न्यास की लगभग 42 एकड़ जमीन अधिगृहित की है. केंद्र इस जमीन की वापसी के लिए अदालत की अनुमति चाहता है.
चुनावी साल में सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत
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— आज तक (@aajtak) February 1, 2019
मोदी सरकार का तीसरा और चौथा छक्का
अभी तक सालाना 2.5 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री थी, लेकिन मोदी सरकार ने इसे सीधे दोगुना यानी 5 लाख कर दिया. इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा भी 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी गई. टैक्स छूट की सीमा आखिरी बार 2014 में बढ़ाकर 2.5 लाख की गई थी. 5 साल बाद चुनाव से ऐन पहले इसे दोगुना करके मोदी सरकार ने बड़ा ट्रंप कार्ड खेला है. इस फैसले को कहा जा सकता है कि स्लॉग ओवर में ये मोदी सरकार का तीसरा छक्का है.
वहीं, किसानों और मजदूरों को अपने पाले में लाने के लिए मोदी सरकार ने इसी अंतरिम बजट के जरिए ओवर की चौथी ही गेंद अपना चौथा छक्का मारा. 75000 हजार करोड़ का बजट किसान सम्मान निधि के नाम पर तय कर दिया है. इसके तहत छोटे किसानों को हर साल 6 हजार रुपए सीधे उनके खाते में डाले जाएंगे.
मोदी सरकार की इस योजना के दायरे में करीब 12 करोड़ किसान परिवार आएंगे. इसके अलावा 15 हजार मासिक से कम आय वाले श्रमिकों के लिए पेंशन योजना का एलान किया गया है. 100 रुपए या इससे भी कम प्रीमियम रिटायरमेंट की उम्र के बाद 3000 रु की पेंशन मिलेगी. सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से करीब 10 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा.