प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर वाराणसी के रण में उतरे हैं. मोदी के खिलाफ कांग्रेस ने अजय राय और सपा ने शालिनी यादव को उम्मीदवार बनाया है. 2014 में भी मोदी के सामने कांग्रेस से अजय राय थे, लेकिन अपनी जमानत भी नहीं बचा सके थे. ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस ने काशी में मोदी को पूरी तरह से वॉकओवर दे दिया है. हालांकि पूर्वांचल की कई सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस मजबूती के साथ चुनावी मैदान में मुकाबला करती हुई नजर आ रही है.
पूर्वांचल में कुल 26 लोकसभा और 130 विधानसभा सीटें हैं. मौजूदा समय में कांग्रेस के पास एक भी सांसद नहीं है. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूर्वांचल इलाके से एक सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी थी. जबकि कांग्रेस सपा के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरी थी. पूर्वांचल कांग्रेस के लिए एक दौर में सबसे मजबूत गढ़ हुआ करता था. इतना ही नहीं 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पूर्वांचल इलाके की 6 संसदीय सीटें जीतने में कामयाब रही थी.
इस लोकसभा चुनाव के रण में उतरने से पहले कांग्रेस ने सियासत में प्रियंका गांधी की एंट्री कराकर बड़ा मास्टरस्ट्रोक चला था. राजनीतिक कयास लगाए जा रहे थे कि प्रियंका गांधी वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेंगी, लेकिन कई दिनों के सस्पेंस के बाद गुरुवार को कांग्रेस ने अजय राय के नाम की घोषणा कर दी.
कांग्रेस ने भले ही वाराणसी सीट से पार्टी के किसी दिग्गज नेता को न उतारा हो, लेकिन पूर्वांचल की कई सीटों पर दिग्गजों को उतारा है. इनमें कुशीनगर, सलेमपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, भदोही, संत कबीर नगर, बस्ती और महाराजगंज लोकसभा सीटें शामिल हैं. पूर्वांचल की इन आठों सीटों पर कांग्रेस के दिग्गज काफी मजबूत माने जा रहे हैं.
कुशीनगर सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री औैर कांग्रेस के दिग्गज नेता आरपीएन सिंह चुनावी मैदान में हैं. बनारस से लगी हुई मिर्जापुर सीट पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के परपोते ललितेशपति त्रिपाठी चुनाव लड़ रहे हैं. सलेमपुर सीट पर कांग्रेस के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा बीजेपी और गठबंधन के उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. जबकि प्रतापगढ़ सीट पर कांग्रेस ने पूर्व विदेश मंत्री दिनेश सिंह की बेटी और कई बार सांसद रह चुकीं रत्ना सिंह को उतारकर सभी के समीकरण को बिगाड़ दिया है.
कांग्रेस ने भदोही सीट पर आजमगढ़ से कई बार सांसद रह चुके रमाकांत यादव को उतारा है. हालांकि भदोही रमाकांत के लिए नया इलाका है, इसके बावजूद वो बसपा और बीजेपी दोनों उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दें रहे हैं. ऐसे ही संतकबीर नगर सीट पर सपा के पूर्व सांसद रहे भालचंद्र यादव को कांग्रेस ने उतारा है, जो बसपा और बीजेपी के राजनीतिक समीकरण को बिगाड़ते हुए नजर आ रहे हैं. सपा और बसपा सरकार में मंत्री रह चुके राज किशोर सिंह को कांग्रेस ने बस्ती सीट से उतारा है. इसके अलावा महाराजगंज सीट पर कई बार सांसद रह चुके हर्षवर्धन सिंह की बेटी सुप्रिया श्रीनेत को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.