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आखिर नवजोत सिंह सिद्धू ने खुद को क्यों बताया योगी?

सुबह-सुबह सिद्धू से जानने की कोशिश की गई कि सिद्धू एक राजनेता एक क्रिकेटर और कॉमेडी शो के अलावा क्या करते हैं? जिसके जवाब में कई दिलचस्प बातें जानने को मिली.

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नवजोत सिंह सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू

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पूर्व क्रिकेटर और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को शेरो-शायरी करते तो सब ने देखा है. लेकिन यह शायद कम ही लोगों को मालूम होगा कि नवजोत सिंह सिद्धू सुबह 3:00 बजे उठकर ध्यान में बैठते हैं और घंटों मेडिटेशन करते हैं. नवजोत सिंह सिद्धू के जीवन के कुछ अनछुए पहलूओं को जानने के लिए आज तक संवाददाता अशोक सिंघल ने पूरा दिन नवजोत सिंह सिद्धू के साथ बिताया और जानने की कोशिश की कि चुनावी कैंपेन के दौरान किस ढंग से वे अपने आप को तैयार करते हैं.

सुबह-सुबह सिद्धू से जानने की कोशिश की गई कि सिद्धू एक राजनेता, एक क्रिकेटर और कॉमेडी शो के अलावा क्या-क्या करते हैं? जिसके जवाब में कई दिलचस्प बातें जानने को मिली. दरअसल, सुबह सिद्धू मेडिटेशन करते हैं. बिना पगड़ी बांधे सिद्धू सुबह ध्यान करते हैं. वहीं सिद्धू धर्म और ज्ञान के बारे में भी बखूबी समझा सकते हैं. सिद्धू ने सिख धर्म से लेकर सिख गुरुओं के बारे में बताया. महादेव से लेकर वैष्णो देवी के बारे में बताया और कहा कि मैं एक योगी हूं. सिद्धू का यह भी कहना था कि मैं सुबह ध्यान करने के बाद घंटों इसमें खो जाता हूं और उसके बाद तैयार होकर 6 फलों का नाश्ता करता हूं. जो एक योगी करता है. उन्होंने कहा मैं एक योगी हूं मुझको योगी भी कहा जा सकता है.

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सिद्धू का कहना है कि एक समय था जब वह किसी से बात नहीं कर सकते थे. क्रिकेट खेलते वक्त मैच के दौरान कोई इंटरव्यू देने से भागते थे. स्कूल कॉलेज में किसी भी डिबेट में भाग लेने के नाम से ही पसीने छूट जाए करते थे. लेकिन अब मैं घंटों बात कर सकता हूं. मैं कोई किताब पढ़ कर नहीं बोलता हूं. मैं कोई लिखकर तैयारी नहीं करता हूं. यह सब मेरे मेडिटेशन और ध्यान की वजह से ही मुझको हासिल हुआ है.

सिद्धू का कहना है कि मैं जो शेरो-शायरी बोलता हूं जो भी मैं किस्से कहानियां सुनाता हूं यह मुझको मेरे पिता और माता से विरासत में मिले हैं और अंदर से सब चीजें बाहर आती हैं तब मैं बोल पाता हूं. मेडिटेशन करने और नाश्ता करने के बाद इस चुनावी मौसम में नवजोत सिंह सिद्धू तैयार होकर चुनावी कैंपेन के लिए निकल पड़ते हैं.

सिद्धू के बारे में कहा जाता है कि वह जिस टीम में होते हैं, वहां पर वह विस्फोटक पारी खेलते हैं और उनके निशाने पर होते हैं विरोधी टीम के कप्तान. एक समय में जब वह बीजेपी में थे तो राहुल गांधी सिद्धू के निशाने पर हुआ करते थे. लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही ज्यादातर उनके निशाने पर होते हैं. चाहे वह रोड शो हो, चाहे रैली हो, सिद्धू का जुदा अंदाज होता है और सबसे पहले नवजोत सिंह सिद्धू प्रधानमंत्री मोदी पर ही अपना निशाना साधते हैं. सिद्धू मोदी पर लोगों से वादाखिलाफी का आरोप लगाते हैं. उनका कहना है कि पीएम मोदी ने जो जो वादे किए थे. उसमें से एक भी पूरा नहीं किया और इस बार मोदी की हवा निकल जाएगी.

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