लोकसभा चुनाव 2019 के लिए तीसरे चरण में महाराष्ट्र और कर्नाटक की 14-14 संसदीय सीटों पर 23 अप्रैल को यानी मंगलवार को वोट डाले जाएंगे. ये दोनों राज्य बीजेपी के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, जहां कांग्रेस गठबंधन से उसे कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में इन दोनों राज्यों में बीजेपी अधिकतर सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी. इस बार के बदले सियासी समीकरण में बीजेपी जहां अपनी जीती हुई सीटों को बरकरार रखने की जद्दोजहद कर रही है. वहीं, कांग्रेस गठबंधन के सहारे दोनों राज्यों में जीत की उम्मीद लगाए हुए है.
कर्नाटक: बीजेपी के लिए कांग्रेस-JDS बनी चुनौती
तीसरे चरण में कर्नाटक की चिक्कोडी, बेलगांव, बगलकोट, बीजापुर, गुलबर्गा, बीदर, रायचूर, कोप्पल, बेल्लारी, हावेरी, धारवाड़ा, उत्तर कन्नड़, दावणगेरे और शिमोगा सीटें शामिल है. 2014 में मोदी लहर पर सवार बीजेपी ने कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस का सफाया कर दिया था. कर्नाटक की जिन लोकसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, वो बीजेपी का सबसे मजबूत इलाका माना जाता है.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी कर्नाटक की इन 14 लोकसभा सीटों में 11 सीटें जीतने में कामयाब रही थी और कांग्रेस को महज तीन सीटें मिली थीं. लेकिन बेल्लारी सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस से बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा. इस तरह से बीजेपी के पास 10 और कांग्रेस के पास 4 सीटें हैं. जेडीएस के पास इनमें से एक भी सीट नहीं है.
कर्नाटक में इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस मिलकर चुनावी मैदान में उतरी हैं. ऐसे में अगर कांग्रेस और जेडीएस वोटों को एकजुट करने में कामयाब रहती हैं तो बीजेपी के लिए अपनी जीती हुई सीटों को बरकरार रखने की बड़ी चुनौती है. हालांकि बीजेपी नरेंद्र मोदी के चेहरे के सहारे एक बार फिर जीत का परचम लहराना चाहती है.
महाराष्ट्र: पवार को अपना गढ़ बचाने की चुनौती
तीसरे चरण में महाराष्ट्र की जलगांव, रावेर, जालना, औरंगाबाद, रायगढ़, पुणे, बारामती, अहमदनगर, मढ़ा, सांगली, सातार, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर और हटकानांगले सीट पर 23 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. 2014 में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने कांग्रेस और एनसीपी का पूरी तरह से सफाया कर दिया था. जबकि ये इलाका शरद पवार का गढ़ माना जाता है. इसके बावजूद बीजेपी-शिवसेना जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी.
2014 में महाराष्ट्र की इन 14 लोकसभा सीटों के चुनावी नतीजों को देखें तो बीजेपी 6, शिवसेना तीन और एनसीपी 4 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी. ऐसे में कांग्रेस के सामने जहां खाता खोलने की बड़ी चुनौती है. वहीं, बीजेपी और शिवसेना के लिए अपने वर्चस्व को बरकरार रखना आसान नहीं है.
महाराष्ट्र के बदले राजनीतिक समीकरण के लिहाज से देखेंतो कांग्रेस और एनसीपी मिलकर चुनावी मैदान में उतरी हैं. महाराष्ट्र में 2019 लोकसभा चुनाव के लिए भी शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन है. जिसमें दोनों पार्टियों के बीच 25/23 का फॉर्मूला तय है, यानी कुल 48 लोकसभा सीटों में से शिवसेना 23 और बीजेपी 25 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
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