लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा-आरएलडी के सारे जातीय समीकरण को बिगाड़ते हुए 62 सीटें जीतने में कामयाब रही. इस बार के लोकसभा चुनाव में योगी सरकार के चार मंत्री चुनाव मैदान में उतरे, जिनमें से तीन मंत्री जीतने में कामयाब रहे हैं. इनमें दो ब्राह्मण और एक दलित चेहरा है. ऐसे में योगी के मंत्री क्या मोदी की कैबिनेट में जगह बना पाएंगे?
इस बार के लोकसभा चुनाव में रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद से सांसद चुनी गईं हैं और सत्यदेव पचौरी कानपुर से चुने गए हैं और एसपी सिंह बघेल सुरक्षित आगरा सीट से सांसद बने हैं. जबकि अंबेडकरनगर सीट से बीजेपी उम्मीदवार मुकुट बिहारी वर्मा को हार मिली है. वर्मा योगी सरकार के एकलौते मंत्री थे, जिन्हें हार का मुंह देखना पड़ा है. योगी सरकार के तीन मंत्री सांसद बने हैं, जिनमें से दो मंत्री पद से दावेदार बताए जा रहे हैं.
एसपी सिंह बघेल कभी मुलायम सिंह के करीबी रहे, कई बार सांसद रहे. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके बाद फिरोजाबाद सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन अक्षय यादव से हार गए थे. इस बार आगरा सीट से जीतने में कामयाब रहे.
योगी कैबिनेट में आखिरी बार अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे इन मंत्रियों में से कुछ चेहरे मोदी कैबिनेट में हो सकते हैं. आज तक ने जब मंत्री बनने की संभावनाओं को लेकर इन सांसदों बातचीत की तो सभी सांसद इस मुद्दे पर बोलने से बचते नजर आए.
एसपी सिंह बघेल ने कहा कि देखिए यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है और जैसे कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा है कि मंत्री बनने के लिए किसी को अपनी उत्सुकता दिखाने की कोई जरूरत नहीं है यह एक नियम के तहत होता है. इसलिए कौन मंत्री बनेगा नहीं बनेगा इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता और ना ही मेरा इसपर कुछ कहना ठीक होगा.
मोदी कैबिनेट में मंत्री बनने के सवाल पर रीता बहुगुणा जोशी बचती नजर आईं. जबकि सत्यदेव पचौरी ने कहा कि वह एक कार्यकर्ता जैसे हैं और कार्यकर्ता के रूप में उन्हें जो भी जिम्मेदारी मिलती है उन्होंने किया है आगे भी जो जिम्मेदारी मिलेगी वह करेंगे.
यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री की बात का असर चुने हुए सांसदों पर दिखाई दे रहा है मंत्री बनने के सवाल को लेकर सभी बच रहे हैं. कोई अपनी राय रखना नहीं चाहता. बता दें कि एसपी सिंह बघेल दलित जाति से आते हैं और आगरा से लेकर कानपुर तक के इलाकों में इनका प्रभाव है.
एसपी सिंह बघेल दलित और अति पिछड़ी जातियों में अच्छा प्रभाव रखते हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर बीजेपी की जीत में अहम भूमिका निभाई. इसी तरह रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस की पुरानी कद्दावर नेता रहीं लेकिन जब बीजेपी का दामन थामा तो पूरी तरह भाजपा की हो गई. इलाहाबाद का बैकग्राउंड, हेमवती नंदन बहुगुणा की पुत्री, उत्तराखंड में अच्छा प्रभाव, ब्राह्मणों पर पकड़ और योगी सरकार में सफल मंत्री के तौर पर इनका कार्यकाल रहा है . ऐसे में इन दोनों चेहरों के मंत्रिमंडल में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री की नसीहत के बाद जीते हुए सांसद चुप रहना ही बेहतर समझ रहे हैं।
माना जा रहा है इस बार उत्तर प्रदेश से पहले से ज्यादा चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. मेनका गांधी, साध्वी निरंजन ज्योति, संतोष गंगवार, महेंद्र पांडे, सत्यपाल सिंह, महेश शर्मा, वीके सिंह सरीखे चेहरे पहले भी मंत्री रह चुके हैं और इस बार भी कई अपनी जगह बनाएंगे ऐसे में सबकी नजरें नए सांसदों पर भी टिकी है जो पहली बार मोदी कैबिनेट में मंत्री हो सकते हैं.